मेरा गुप्त जीवन- 166

(Mera Gupt Jeewan- part 166 Shadi Se Pahle Samuhik Chodan)

यश देव 2016-05-12 Comments

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शादी से पहले सामूहिक चोदन

मैं आँखें बंद कर के नहा रहा था कि अचानक मेरे कानों में किसी के मूतने की आवाज़ आई।

आँखें खोली तो देख कर हैरान रह गया कि वही शौख लड़की पॉट पर बैठी मूत रही थी और उसके बालों भरी चूत से गोल्डन धारा बड़ी तीव्र गति से बह रही थी और उस ने अभी तक मुझ को नहाते हुए नहीं देखा था।

थोड़ी देर मैं विस्फरित नेत्रों से यह अजीब नज़ारा देखता रहा क्यूंकि बड़े अर्से के बाद किसी स्त्री को मूत्र त्याग करते देखा था।

उस लड़की ने शायद बड़ी देर से अपना पेशाब रोक रखा था, शायद इसी कारण जब वो बाथरूम में घुसी तो उसकी नज़र सिर्फ पॉट पर थी और वहाँ बैठने के बाद उसकी आँखें स्वयं ही मूत्र त्याग की सुविधा मिल जाने के कारण बंद हो गई थी।

और जब थोड़ा मूत्र विसर्जन होने के बाद उस पर आये प्रेशर में कमी आई, तब उसने अपना सर उठा कर देखा और जब उसकी नज़र मेरे नंगे शरीर पर पड़ी तो वह एकदम चौंक गई और अपनी सलवार को हड़बड़ाहट में बैठे बैठे ही ऊपर करने लगी तो मैंने उसको यह कह कर रोक दिया- घबराओ नहीं मैडम, मैंने कुछ भी नहीं देखा। आप आराम से अपना काम कर सकती हो, मैं आँखें बंद कर रहा हूँ।
यह कह कर मैंने अपनी आँखें बड़ी टाइट बंद कर ली।

जब मेरी आँखें बंद थी तो मेरी आँखों के सामने उस लड़की के पेशाब करने का नज़ारा सिनेमा की फिल्म के समान घूम गया।
वो सुंदर और शोख लड़की अपनी सलवार को हाथ से पकड़ कर पैरों के बल बैठी थी और उसकी बालों से भरी चूत से बड़ी तेज़ गोल्डन पेशाब की धारा बह रही थी और यह दृश्य को देख कर मेरा बैठा हुआ लण्ड एकदम से खड़ा हो गया था।

मैं आँखें बंद किये शावर के नीचे खड़ा था और मेरा खड़ा लंड हवा में लहलहा रहा था एक बेकाबू झंडे की माफिक।
थोड़ी देर हो गई आँखें बंद किये हुए लेकिन उधर से कोई जुम्बिश नहीं हो रही थी।

फिर मुझ को ऐसा लगा कि कोई नर्म रेशमी हाथ मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर उसको सहला रहा है। मैंने झट आँखें खोल दी और उस शोख लड़की के हाथ को जो उस वक्त मेरे लंड को पकड़े हुए था, अपने हाथ में पकड़ लिया।
मैंने उस लड़की की तरफ देखा जो बड़े ध्यान से और विस्मय से मेरे लंड को निहार रही थी और बोला- अच्छा लगा आपको मेरा यह खिलौना? पसंद आया क्या?

लड़की थोड़ी शरमाई और फिर मेरे लंड को छोड़ कर बाथरूम का दरवाज़ा खोल कर भाग गई।
लेकिन बाथरूम का दरवाज़ा खुला छोड़ गई और मैं भी जल्दी से अपना शरीर पौंछ कर बाहर आ गया।
कमरा खाली पड़ा था तो मैं बड़े आराम से अपने कपड़े बदलने लगा।

जब मैं नीचे बैठक में पहुँचा तो रानी भाभी सबको चाय दे रही थी, मुझको भी चाय का कप पकड़ा गई और साथ में घर में बनी मिठाई के भी कुछ टुकड़े दे गई।
थोड़ी देर बाद मुझ को ऐसा महसूस हुआ कि कोई मुझ को छुप छुप के देख रहा है, मैंने अपने चारों ओर देखा लेकिन मुझको कुछ भी नज़र नहीं आया।

मैंने ध्यान से सुनने की कोशिश की तो ऐसा लगा कि मेरे दायें तरफ वाले कमरे के परदे के पीछे कोई है जो हम सबको देखने की कोशिश कर रहा है।
चाय से फ़ारिग़ होकर मैं बैठक से बाहर आया लेकिन वहाँ भी मेरी आँखें उस शोख लड़की को ही ढूंढ रही थी।
वहाँ मुझको रितु भाभी मिल गई, मुझको देखते ही उसकी बांछें खिल गई, आकर बोली- सोमू जी, इधर आओ, आप से कुछ काम है!

मैं भी रितु भाभी के पीछे चल पड़ा और एक दो गलियारे पार करती हुई एक अँधेरे से कमरे में ले गई।
कमरे के अंदर जाते ही भाभी ने इधर उधर झाँक कर देखा और फिर उन्होंने दरवाज़ा बंद कर लिया, रितु ने मुझ को कस कर आलिंगन में बाँध लिया और ताबड़तोड़ मेरे चुम्बन लेने लगी।
मैंने भी जवाब में चुम्बनों की झड़ी लगा दी।

भाभी का हाथ तो मेरे लंड को ढूंढ ही रहा था और मैं भी बेसब्री से भाभी के गोल स्तनों को सहलाने लगा।
थोड़ी सी चूमा चाटी के बाद भाभी ने मेरी पैंट के आगे के बटन खोल कर मेरे खड़े लंड को बाहर निकाल लिया और झुक कर उसको चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद वो फुसफुसाई- सोमू जल्दी से मुझको पीछे से चोद दो, मैं बड़ी गर्म हो रही हूँ।

यह कह कर भाभी अपनी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर कर वहाँ पड़ी एक कुर्सी को पकड़ कर खड़ी हो गई।
मैं भाभी के मुलायम चूतड़ों को थोड़ी देर तक सहलाता रहा और फिर लंड को निशाने पर रख कर एक ज़ोर का धक्का मारा और लंड पूरा उसकी फूली चूत के अंदर चला गया।

भाभी स्वयं अपने चूतड़ों को आगे पीछे कर रही थी और मैं सिर्फ उनकी कमर पकड़ कर खड़ा हुआ था।
कोई 10 मिनट की चुदाई के बाद भाभी पूरी तरह से स्खलित हो गई और अपनी साड़ी नीचे करके बोली- सोमू यार, यहाँ सब लड़कियों ने तुम्हारी फिल्म देखी है और वो सब तुम्हारे साथ सेक्सी चिपको डांस करना चाहती हैं, बोलो क्या इरादा है?
मैं घबराते हुए बोला- ना भाभी, ऐसा मत करना, मैं बदनाम हो जाऊँगा।

रितु भाभी बोली- सोमू, तुम फ़िक्र न करो, मैं हूँ ना, सब सम्भाल लूंगी। यह डांस हम एक ख़ास कमरे में करेंगे जहाँ सिर्फ दूल्हा मियां और कुछ चुनी हुई लड़कियाँ ही होंगी और उन सबसे पूछ लिया है कि डांस के दौरान अगर चूतड़ों या मम्मों पर हाथ वाथ लग जाए तो वो बुरा नहीं मानेंगी। सब तैयार हैं, एक दो तो तुमसे चुदवाने के लिए भी तैयार हैं, इस बात का उन्होंने हिंट भी दे दिया है।

यह कह कर रितु भाभी ने मेरे लबों पर एक ज़ोरदार किस की और मेरे लौड़े को सहलाने के बाद बाहर चली गई।
कुछ समय बाद मैं भी बाहर आ गया।

बैठक की तरफ जाते हुए वही मूतने वाली लड़की दिख गई, मुझको देख कर थोड़ी शरमाई लेकिन फिर एक मुस्कान मेरी तरफ देकर वो अपने रास्ते चली गई।
रात को खूब रौनक रही बैठक में क्यूंकि वहाँ खाने पीने का अच्छा प्रबंध था और सब बुज़ुर्ग वहाँ खाने पीने में व्यस्त थे।

मुझे भी कहा गया कि मैं भी कुछ पी लूँ लेकिन मैंने क्षमा मांग ली और बाहर सहन में आ गया जहाँ लेडीज और बच्चों के लिए खाना परोसा गया था।
वहाँ मुझको रानी भाभी मिल गई और उन्होंने मुझको भी एक प्लेट पकड़ा दी। मैंने भी कुछ खाना प्लेट में डाल लिया और अभी खाना शुरू ही किया था कि वही लड़की भी वहाँ आ गई, खाना प्लेट में डालने लगी।

मैंने थोड़ा आगे बढ़ कर उससे कहा- कहिये जी, कैसे हो आप?
वो ज़रा मुस्करा कर बोली- मैं तो ठीक हूँ, आप कैसे हो?
मैंने भी मुंह बनाते हुए कहा- मैं तो दर्द से तड़प रहा हूँ, क्या करूँ?
वो बोली- कहाँ है आपको दर्द?
मैं बोला- वहीं जहाँ आपने हाथ लगाया था।

वो बोली- मैं तो यह ही देख रही थी कि असली है या फिर नकली है?
मैं बोला- तो फिर क्या पता चला?
वो बोली- देखने और छूने में असली ही लगा हम को!
मैं बोला- तो आप इसको इस्तेमाल करके जांच लीजिए ना… जब आप को टाइम मिले। मैं तो आपकी सेवा में हाज़िर हूँ!

इतने में रितु भाभी भी वहाँ आ गई, हम दोनों को बातें करते देख कर बोली- अरे तुम दोनों मिल चुके हो?
मैं हँसते हुए बोला- हाँ भाभी हम और हमारे वो भी मिल चुके हैं।
भाभी बोली- अच्छा मामला इतना आगे बढ़ चुका है क्या? क्यों ऊषा?

डॉली कुछ शर्माते हुए बोली- नहीं भाभी, मामला कोई आगे या पीछे नहीं बढ़ा है, बस ज़रा सी ग़लतफहमी हो गई थी लखनऊ वालों को!
रितु भाभी बोली- चलो गलतफहमियाँ तो होती रहती हैं यारो, अच्छा आज रात के हंगामे के लिए तैयार रहना ज़रूर!

यह कह कर रितु भाभी तो चली गई लेकिन उषा वहीं खड़ी रही, निगाहें झुकाए ही बोली- तुमने सच्ची फिल्म में काम किया है?
मैंने उषा की आँखों में आँखें डाल कर कहा- किया तो है लेकिन जब आपने वो फिल्म ही नहीं देखी तो आपको क्या बताना?

हम दोनों बातें कर ही रहे थे, 4-5 लड़कियाँ दौड़ती हुई हमारे पास आई, आते ही मेरा हाथ पकड़ कर मुझसे हाथ मिलाने लगी और सारी एक साथ बोलने लगी जो किसी की समझ में नहीं आ रहा था।

तभी उनमें से एक सांवली लड़की बोली- सोमू ठाकुर जी, हम आप की फिल्म देख कर आ रही हैं. वाह क्या डांस किया है आपने! बड़ा ही सेक्सी था… क्यों बहनो?
सब बोली- बहुत ही मज़ा आया आपका डांस देख कर… आज आपके साथ वही डांस करेंगी हम!

मैं मुस्करा दिया और तभी रानी भाभी ने बताया कि आज रात खाने के बाद हम लड़कियों की महफ़िल जमने वाली है जिसमें दूल्हे राजा और सोमू को ख़ास तौर से बुलाया है।
यह सुन कर सब खाना खाने के लिए चल पड़े।

मैं तो खाना खा चुका था, मैं वहाँ पड़े हुए सोफे पर जाकर बैठ गया।
कोई 10 बजे के करीब रितु भाभी मेरे पास आई और मुझको अपने पीछे आने का इशारा करके चलने लगी। रितु भाभी के पीछे पीछे चलते हुए हम कोठी के पिछवाड़े के एक बड़े से कमरे में पहुँच गए, वहाँ 5-6 लड़कियाँ और उतने ही लड़के पहले से मौजूद थे।
लड़कों में दूल्हा और उसका मित्र भी था और लड़कियों में उषा भी थी।

रितु भाभी बोली- सुनो सब लड़के और लड़कियो, आज रात हम यहाँ इकट्ठे हुए हैं ताकि दूल्हा सूरज सिंह और उसके साथी कुछ मौज मस्ती कर सकें हम सबके साथ! इस मौज मस्ती में पहले तो सोमू और लड़कों के साथ लड़कियाँ चिपको डांस करेंगी और उसके बाद जो चाहे एक दूसरे की रज़ामंदी से कुछ भी कर सकता है लेकिन जो कुछ भी करना होगा वो सबके सामने करना होगा। बोलो मंज़ूर है लड़कियो?

लड़कियाँ तो पहले बहुत शरमाई लेकिन उनमें से कुछ काफी बोल्ड थी, वो बोल पड़ी- मंज़ूर है लेकिन सबको कसम खानी पड़ेगी कि वो किसी से कुछ भी नहीं कहेंगे आज के होने वाले खेल के बारे में! बोलो लड़को, मंज़ूर है क्या?
लड़कों ने पहले एक दूसरे की तरफ देखा और फिर सबने मिल कर हाँ कह दी।

तकरीबन सब लड़कों ने चिपको डांस वाली मेरी फिल्म देख रखी थी और बाकी सब लड़कियों ने भी देख रखी थी सिवाए डॉली के!
अब रितु और रानी भाभी ने कहा- सोमू राजा, तुम पहले चिपको डांस के स्टेप्स सबको करके दिखाओ, इससे बाकी सबको डांस करने में आसानी हो जायेगी।
मैं बोला- ठीक है, लेकिन अभी मेरे साथ कौन चिपको डांस शुरू करेगी?

एक बहुत ही गोरी लड़की ने जल्दी से आगे आकर मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैंने ख़ुशी जताते हुए कहा- अति सुंदर। आपका नाम क्या है?
गोरी बहुत अधिक आकर्षक लड़की बोली- मेरा नाम सुश्री है, सोमू जी।

मैंने सुश्री की तरफ ध्यान से देखा, लम्बा कद छरेरा शरीर खूब गोल और उभरे हुए स्तन स्पॉट पेट और गोल और मोटे नितम्ब, कुल मिला कर काफी सेक्सी लड़की लग रही थी सुश्री।

जब बाजे पर वही चिपको डांस वाला म्यूजिक बजने लगा तो मैंने सुश्री के दोनों हाथ अपने हाथों में ले लिए और उसको खींच कर अपने से चिपका लिया, उसके गोल सॉलिड मम्मे मेरी चौड़ी छाती से चिपके हुए थे।

फिर मैं उसकी बिल्लौरी आँखों में अपनी आँखें डाल कर उसको धीरे धीरे अपने थिरकते क़दमों के साथ उसके क़दमों को मिलाने लगा।
कमरे में मौजूद सब जनों की निगाहें हम दोनों पर ही टिकी थी और वो हमारे हर स्टेप को बड़ी एकाग्रता से देख रहे थे।

डांस करते हुए हम दोनों अपनी पोजीशन भी बदल रहे थे। फेस टू फेस डांस में कई बार मेरा लौड़ा उसकी सलवार से ढकी चूत पर टकराया था और मेरा उसके पीछे खड़े होकर डांस करते हुए तो मेरा लंड अक्सर उसकी गांड के ऊपर रगड़ मार रहा था और उसकी गांड की दरार में एक दो बार घुस भी गया था।

हम दोनों की देखा देखी बाकी भी जोड़े में चिपको डांस करने लगे और कुछ देर डांस करने के बाद तकरीबन सब लड़के लड़कियाँ काफी गरम हो गए थे, उनके हाथ लड़कियों के शरीर के अंगों पर फिसल रहे थे और कई लड़कियाँतो आँख मूँद कर चिपको डांस का आनन्द ले रही थी।

इधर सुश्री की बिल्लौरी आँखें में भी खुमार छा गया था, जब वो और ज़्यादा हॉट डांस बर्दाश्त नहीं कर सकी तो उसने डांस को रोक कर अपने रसीले होंठ मेरे होंटों पर रख दिए और मुझको एक बहुत ही कामुक चुम्बन दे डाला।
कमरे में निगाह डाली तो कई जोड़े किसिंग करने में मशगूल थे और कुछ एक तो मम्मों और चूतड़ों को सहला रहे थे और कुछ लड़कियाँ तो अपने साथी के लौड़े पैंट से निकाल चुकी थी और उनको मसल रही थी।

मैं भी सुश्री की सलवार के बाहर से उसकी चूत पर हाथ फेर रहा था और उसकी चूत का गीलापन उसकी सलवार के बाहर से भी महसूस हो रहा था।
उधर रितु और रानी भाभी आपस में गुत्थम गुत्था हो रही थी और दोनों ही अपनी साड़ी ब्लाउज उतार चुकी थी और सिर्फ पेटीकोट में एक दूसरी को चूम और चाट रही थी।

सबसे पहले दूल्हा राजा ने अपने वाली लड़की को वस्त्रहीन कर दिया और उसके भी कपड़े उतर चुके थे, उनके साथ वाली लड़की उनके लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ रही थी।
यह दृश्य देख कर मैं भी सुश्री को वस्त्रहीन करने लगा और उसकी कमीज और सलवार को उतार दिया, केवल उसकी ब्रा अभी बाकी बची थी उसके शरीर पर!

उसने भी मेरे कपड़े लगभग उतार दिए, मेरे शरीर पर मेरा अंडरवियर ही रह गया था और सुश्री ने उसको भी नीच खिसका दिया और मेरे मोटे और 8 इंच वाले लण्ड को देख कर उसके मुंह से अचानक ‘ओह्ह्ह…’ निकल गया।

सारे जोड़े और ख़ास तौर पर दोनों भाभियाँ ने हम दोनों को घेर लिया और सबने मेरे लंड को हाथ लगा कर देखा कि असली है या नहीं।
इस मौके का फायदा सब लड़कियों ने उठाया और मेरे अकड़े हुए लंड को ज़रूर सहलाया।

रितु भाभी तो मेरे लौड़े से वाकिफ थी, उसने सबको समझाया कि सोमू राजा का औज़ार सबसे ख़ास है, इसका आनन्द ले लो तुम सब… वर्ना फिर ऐसा मौका नहीं मिलेगा।

दूल्हे राजा सूरज ने अपना लौड़ा मेरे लंड से मिलाने की कोशिश की लेकिन उसका लंड शायद 6-6.5 इंच का था।
रितु और रानी भाभी तो मेरे लंड का लुत्फ़ उठा चुकी थी, वो दोनों बोली- चलो शुरू हो जाओ एक दूसरे के साथ!

सबसे पहले मैंने ही गोरी सुश्री को लेकर नीचे बिछे गद्दे पर लिटाया और झट से उसकी चौड़ी जांघों में बैठ कर अपने लंड को उसकी बुरी तरह से पनियाई चूत के द्वार पर रख कर पहला धक्का मारा पर मेरे लण्ड को सुश्री की टाइट चूत में जाने में काफी दिक्कत हुई।
लेकिन मैंने भी अपना हमला जारी रखा और तीसरी कोशिश के बाद पूरा का पूरा लौड़ा सुश्री की चूत में था।
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सब लड़के लड़कियों ने ज़ोर से तालियाँ मारी लेकिन तभी कमरे के दरवाज़े पर एक ज़ोर से दस्तक हुई और वहाँ एकदम सन्नाटा छा गया।
सब नंगे बरातियों के चेहरे एकदम डर के मारे पीले पड़ गए।
कहानी जारी रहेगी।
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