मेरी सहेली की मम्मी की चुत चुदाइयों की दास्तान-4

(Meri Saheli Ki Mammi Ki Chut Chudaiyon Ki Dastan- Part 4)

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ऑटो ड्राईवर बोला- साली बहुत गालियाँ दे रही थी, मुझे पहले ही शक था कि ये रंडी होगी, फिक्र ना करो, इसे ऐसी जगह ले चलेंगे कि पूरी रात इसकी चूत गांड चुदाई करेंगे और कोई नहीं आयेगा वहाँ!
इस पर वे दोनों जोर जोर से हंस पड़े।

उसने मेरा बैग हटा दिया और मेरी टी-शर्ट पूरी तरह ऊपर कर दी। दूसरे लड़के ने मेरी जीन्स का बटन खोलकर ज़िप खोल दी। मैं उन दोनों के बीच में थी, एक मेरी चुत को मसल रहा था और एक मेरी चूचियाँ चूस रहा था।
ऑटो ड्राईवर के भूखी निगाहें मेरे सीने पर गड़ गईं।

लम्बे लड़के ने उसके सामने मेरे मम्मे मसलने शुरू कर दिए। ऑटो ड्राईवर ने हाथ बढ़ा कर मेरे नंगे सीने को टटोला, मेरी चूचियाँ खींची और फिर दांत दिखा के बोला- क्या माल लाये हो! किराया भी मत देना।
‘भोसड़ी के, ऑटो चला पहले, एक्सीडेंट हो गया तो सबकी मां चुद जाएगी।’

ऑटो वाले ने खिसिया कर अंसल प्लाज़ा के पार्क में ऑटो घुसेड़ दिया। बस, फिर तो मैं समझ गई कि आज चुत खाली खुलेगी ही नहीं, चौड़ी भी होगी।

पार्क में कोई सिक्यूरिटी नहीं थी, ऑटो अन्दर चल पड़ा और थोड़ी देर में एक कच्चे रास्ते पर उतर गया।
थोड़ी देर के बाद ऑटो को रोक कर तीनों उतर गए और मुझे भी उतरने के लिए कहा।
मैं डर रही थी लेकिन चुदने का समय आता देख कर मेरे मन में रोमांच पैदा होने लगा।

‘प्लीज मुझे जाने दो, मैं एक शादीशुदा बच्चों वाली औरत हूँ।’ पर दिखावे के लिए मैंने उनको गिड़गिड़ाते हुए मना भी किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
लम्बा लड़का बोला- देख, खड़े लंड पर लात मत मार, चुपचाप चुदवा ले तो प्यार से चोदेंगे, खूब मजा देंगे तुझे!

दूसरा लड़का बोला- बंटी, इसका उद्घाटन मैं करूंगा!
तो लम्बा लड़का बोला- नहीं रे, इस घरेलू हाउस वाइफ को पहले मैं चोदूंगा। मैंने इसे पटाया था, इसकी चुत की चुदाई मैं पहले करूँगा।’
यह कह कर बंटी ने मेरी जीन्स खींच के उतार दी, मेरे चूतड़ मोटे हैं, जीन्स मेरी जांघ पर फंसी हुई थी, वो मेरे गोरे बड़े बड़े चूतड़ों को सहला रहे थे।

ऑटो ड्राईवर बोला- बाबा रे बाबा, पेंटी भी नहीं पहनी है। तुम लोग ठीक कह रहे थे, यह साली शरीफ घरेलू औरत बोलती है पर रंडी है।

फिर वे मुझे पेड़ों के बीच एक झुरमुट में ले गए- चल यहाँ सूखे पत्तों पर फटाफट लेट जा!
एक झटके में उन्होंने मुझे ज़मीन पर लिटा दिया।

तीनों अपने कपड़े उतारने लगे और मुझे पर टूट पड़े, मेरे मम्मों को नोचने लगे, अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में घुसाने लगे और मेरी टांगें चौड़ी करके मेरी चुत चाटने लगे।

‘साली तेरी चुत तो इतनी गीली है और बोल रही है कि चुदवाना नहीं चाहती। इसमें मेरा लंड ऐसा जायेगा जैसे मक्खन में छुरी! आज तो तुझे ऐसा चोदूँगा रांड कि तेरी सारी प्यास बुझ जायेगी।’

मुझे मजा आ रहा था, डर लग रहा था और सचमुच में आज कई महीनों के बाद मेरी सामूहिक चुदाई होगी, इस ख्याल से मेरे दिल में रोमांच भी हो रहा था।
एक साथ तीन मर्द मेरे शरीर को आज बेरहमी से इस्तेमाल करने वाले थे। मैंने कई बार उंगली चुत में घुसाने की कोशिश की थी, लेकिन इतना दर्द होता था कि आगे बढ़ नहीं पाती थी, अपने हाथ से चुत को ठंडा करना मुश्किल है, पर ये लड़के तो बिना घुसाए मानेंगें नहीं। आज तो यह होना ही था।

‘जीन्स पूरी निकाल दे डार्लिंग, जितना सपोर्ट करेगी उतना मजा लेगी। वैसे नाम क्या है तेरा?’ उसने मेरी जीन्स खींचते हुए पूछा।
‘जी पूजा!’ मैंने झूट बोला। मैं यही सब सोच रही थी कि जितनी जल्दी सब हो जाए उतनी जल्दी जान छूटे मेरी।

‘पूजा, पैर ऊपर करके खोल, डर मत बहुत आराम से डालूँगा।’

अचानक मैंने महसूस किया कि बंटी ने अपने लंड का सुपारा मेरी चुत पर रख दिया और धीरे धीरे थूक लगाकर धक्का लगाना शुरू कर दिया था।
‘आआईईई ई…ई… अम्मा मेरी मैं तो मरी…आह्हह हह्हह…’

वह मेरे ऊपर लेटा हुआ था उसकालंड मेरी चुत में गहराई तक उतर गया था और मेरी टांगें जितनी फैल सकती थी, फैला रखी थी।
मैं अभी इस बात को समझ ही रही थी कि दूसरे लड़के ने अपना लंड मेरे मुँह में ठूंस दिया और अन्दर बाहर करने लगा।
बंटी ने लंड पर जोर डालना शुरू कर दिया था।

‘आहहह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… दर्द हो रहा है… प्लीज जाने दो न…’ मुझे दर्द होने लगा, जैसे कोई डण्डा अन्दर जा रहा हो मुंह में से लंड बाहर निकाल कर मैंने कहा।
‘कुछ नहीं होगा मेरी रानी, तू तो शादीशुदा है। इतनी सेक्सी बनकर निकलेगी तो कोई भी समझ जायेगा कि तू पति से खुश नहीं है।’
बंटी हांफते हुए जोर डालता रहा और धीरे धीरे उसका लंड मेरी चुत के अन्दर जाने लगा। हर थोड़ी देर में वो कुछ सेकंड को रुक कर पीछे खींचता और फिर आगे दबाता।

ऐसा लगा जैसे यह अनंत काल तक चला हो… बंटी का लंड अब मेरी चुत में जड़ तक घुस चुका था।
एक मिनट रुक के बंटी ने धक्के लगाने शुरू कर दिए, अब भी दर्द से बुरा हाल था लेकिन उसके धक्के तेज़ होने लगे। मेरी चुत थोड़ी ढीली हुई तो बंटी ने धक्के लम्बे कर दिए। उधर उसका दोस्त ताबड़तोड़ मेरे मुँह को चोद रहा था।
ऑटो वाला मेरे मम्मे और चूचियाँ मसलने में मस्त था।

‘एक बात बता पूजा, दुबारा बुलाऊंगा तो आएगी?’ बंटी के धक्के अब मुझे अच्छे लग रहे थे, मेरी चुत से फच फच की आवाज़ आ रही थी।
‘अबे देख, कैसे गांड उठा उठा कर चुदवा रही है! बता न मादरचोद आएगी दुबारा?’ यह सुन कर मैं शर्म से पानी हो गई, सचमुच मैं सब कुछ भूलकर चुदाई का मजा लेने लगी थी।

‘हाँ आ जाऊँगी लेकिन इस तरह से खुले में बहुत रिस्क है।’ मैंने लंड मुँह से निकाल कर जवाब दिया।

ऑटो वाले के हाथों और मुँह में लंड के होने से चुत की चुदाई और भी मज़ेदार लग रही थी। वह बीच बीच में मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार रहा था।

अचानक मुझे बंटी के धक्के बहुत ही तेज़ होते महसूस हुए। मेरी आँखें बंद थी और मेरी नाक में झाटों के बाल थे, इसलिए कुछ देख नहीं पा रही थी।

तभी बंटी रुक गया, उसने अपना लंड मेरी चुत में जड़ तक घुसेड़ दिया और मुझे अहसास हुआ कि वह अपना पानी मेरी चुत में छोड़ रहा है। उसका गर्म गर्म लावा मैं अपनी चुत में महसूस कर रही थी।
मैं चिल्ला पड़ी- प्लीज़ अपना लंड निकाल लो। मेरे बच्चा रुक गया तो क्या होगा? प्लीज़ ऐसा मत करो। अन्दर पानी मत गिराओ यार…

लेकिन बंटी ने अपना लंड निकालने की जगह मेरी चुत में और थोड़ा घुसा दिया।

दूसरा लड़का बोला- साली रांड, चुदने के लिए मर रही थी और अब बक रही है? जब तू रेस्टोरेंट में बैठी कॉफ़ी पी रही थी तब तेरे टिट्स दिख रहे थे। तब ही समझ गये थे कि तू चुदने के लिए निकली है।

जैसे ही बंटी झड़ कर मेरी टांगों के बीच से उठा, मैंने टाँगें सिकोड़ना चाही- चल हट मुझे भी चोदने दे अब, ऐसी माल तो हज़ारों रुपये खर्च करके भी नहीं मिलेगी।

‘प्लीज जल्दी करो, कोई देख लेगा।’
‘कोई नहीं देखेगा, तू जवान खूबसूरत भूरी आँखों वाली हाउस वाइफ है। किस्मत से मिलता है ऐसा माल चोदने को।’ उसका दोस्त मेरी टांगों के बीच में आ गया, एक झटके में उसने मेरी टांगें उठा कर अपने कन्धों पर रख लीं और मेरी चुत को सहलाते हुए बोला- पूजा इस मुद्रा में लंड चुत में खूब गहरा जाता है। जब तेरी चुत में मैं अपना वीर्य छोड़ूंगा तो सीधे तेरी बच्चेदानी में जाएगा।

‘ठीक है लेकिन जल्दी चोद लो प्लीज, बहुत रात होने वाली है।’ फिर मैंने लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर चुत के मुंह पर रखा और उसे धक्का देने का इशारा किया।

उसने एक दमदार धक्का दिया और लंड सरकता हुआ अंदर चला गया। तो मुझे बहुत ज़ोर से दर्द हुआ और मैं चिल्ला उठी- ऊईईईईई मां… थोड़ा धीरे अह्ह ह्ह प्लीज धीरे करो!

फिर उसने दूसरा झटका मारा तो आधा लंड मेरी चुत में चला गया और मैं ज़ोर से चिल्लाई- आईईईई प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो।
इससे पहले कि मैं कुछ भी कहती, उसने एक झटके में पूरा अपना लंड मेरी चुत में उतार दिया।

‘अह्हह्ह ह्हह्हह… आराम से… पत्नी हूँ किसी की, कोई रंडी नहीं हूँ। आह्ह…मर गई…’ मैं चिल्ला पड़ी तो ऑटो ड्राईवर ने मेरे खुले मुंह में अपना लंड घुसा कर मेरी आवाज़ बंद कर दी।

‘इतनी चुदक्कड़ होकर भी तू इतना डरती है। तू बोल तो हम दोनों तुझे रोज़ चोदने आ जाएँ, तेरे पति को कानो कान खबर तक नहीं होगी।’

एक बार फिर मेरी डबल चुदाई शुरू हो गई। मेरी टांगें अब करीब करीब मेरे सर तक पहुँच चुकी थी और मेरी चुत के पूरी गहराई में लंड जा रहा था।

दूसरे लड़के ने भी अपना पानी मेरी चुत में छोड़ दिया।

मैं अब तक थक चुकी थी, मुँह थक गया था, चुत दुःख रही थी और शरीर पसीने, मिट्टी और वीर्य से लथपथ था लेकिन अभी अंत कहाँ? अब ऑटो वाले की बारी थी।

‘मैडम झुकिए न थोड़ा… कुतिया बन जाइये!’ उसने मुझे उठा कर घुटने के बल झुकने को कहा।
‘चोद ले मादरचोद, तू भी अपनी प्यास बुझा ले एक शरीफ औरत को चोद कर!’ दिमाग तो काम ही नहीं कर रहा था, न शरीर में दम था।मैं चुपचाप उसकी बात मान गई।

उसने कुतिया बना दिया, फिर उसने मेरे पीछे जाकर पीछे से मेरी चुत पर अपना काला मोटा बिहारी लंड सटाया, मैंने पीछे हाथ बढ़ा कर उसको चुत की पंखुड़ियों को खोलते हुए सेट किया- ‘अआह्हह… धीर धीरे डाल हरामी मादरचोद… तेरी रंडी बीवी नहीं हूँ मैं… अआक्क्क…’ मेरे दर्द का जैसे उस पर कोई असर नहीं हुआ, मेरे सर को उसने ज़मीन की तरफ किया और कुतिया बना कर मुझे जोर जोर से चोदने लगा।

मैंने देखा कि बंटी और उसके दोस्त ने कपड़े पहनने शुरू कर दिए थे। कम से कम ये दोनों मुझे कई बार नहीं चोदेंगे। ऑटो वाले के हर झटके के साथ उसका पूरा लंड मेरी चुत में जाता और मुझे उसकी झाटें अपनी गांड पर महसूस होतीं।
घोड़ी बनाकर वह चोदते हुए मेरे मम्मे भी दबा रहा था।

मुझे अहसास हुआ कि मुझे मजा आ रहा था, मैं थक गई थी और दर्द हो रहा था, मेरे घुटने छिल गए थे लेकिन घोड़ी बन कर चुदना मेरी सबसे मनपसंद पोजीशन है।

‘बहुत गालियाँ दे रही थी न तू मुझे साली रांड… तेरी चुत का भोसड़ा न बना दिया तो भजन लाल मेरा नाम नहीं!’ वह पूरा जंगली बना मुझे चोद रहा था।
उसकी स्पीड बढ़ती ही जा रही थी, उसका काला मोटा लंड सच में मेरी चुत का भजिया बना रहा था।

‘आह्हह्ह ह्हह्हह… मेरा पानी निकल रहा है साली रंडी! तूने चुदाई करवा कर आत्मा तृप्त कर दी!’ अगले ही पल उसने मुझे मेरी कमर को पकड़ कर कस कर भींच लिया।
उसका गर्म बहता हुआ लावा मैं अपनी चुत में महसूस कर रही थी जो बहता हुआ बाहर मेरी जांघों तक आ रहा था।

ऑटो ड्राईवर ने भी अपना पानी मेरी चुत में छोड़ा और फिर अपना लंड निकाल लिया।
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बंटी और उसका दोस्त कपड़े पहन चुके थे, उन्होंने मेरी टी-शर्ट और जीन्स मेरी ओर उछालते हुए कहा- जल्दी से पहन लो, यहाँ से निकलते हैं।
‘नम्बर तो देकर जा यार?’
‘जल्दी नोट करो, बहुत देर से निकली हुई हूँ।’

पाँच मिनट बाद हम वापस उसी मेट्रो स्टेशन पहुँच गए। मेरा बैग मुझे पकड़ा कर बंटी और उसका दोस्त किसी और ट्रेन में चढ़ गए, और ऑटो रिक्शा वाला चला गया।

मैं थोड़ी देर तक स्टेशन पर बैठ कर अपने टांगों के बीच में बहते चिपचिपे वीर्य, अपने मम्मों के ज़ख़्म और चुत के दर्द को महसूस करती रही।
मैं उन दोनों लड़कों और ऑटो वाले से पूरी रात चुदवाना चाहती थी लेकिन शादीशुदा औरत थी कोई रंडी नहीं, इसलिए मन मसोस कर चुपचाप वापस आ गई।
किसी से कुछ कह ही नहीं सकती थी।

घर आते वक्त जब अपनी गली में दाखिल होने लगी तो वहाँ मेरे कॉलेज का मेरा एक स्टूडेंट गोविंद बैठा था। हमारी गली की दूसरी तरफ़ रास्ता नहीं है, बंद गली है।
गोविंद पर जैसे ही मेरी नज़र पड़ी, उसने कहा- हाय मैडम हाऊ आर यू? मैडम मैं आपसे इंग्लिश की कोचिंग लेना चाहता हूँ।
‘ओह! ऐसा क्या? तो इतनी रात में यहाँ बाहर क्यों बैठे हो, अन्दर आकर बात करो।’
‘अभी आपके पति हैं। फिर कभी आऊंगा।’

‘ठीक है। तुम कल से आना शुरू कर दो।’ मैंने उसको ऊपर से नीचे तक देखते हुए जवाब दिया।
‘मैडम ये खाने के लाई हो या कुछ और…?’ मेरे हाथ में केलों के थैले की तरफ इशारा करते हुए पूछा।

मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए उसकी तरफ़ देखा- शैतान कहीं का…
‘उफ़्फ़ क्या कहूँ… उसका दूसरा हाथ तो उसकी पैंट पर था और वो लंड को पैंट पर से सहला रहा था। मैं थोड़ा सा शरमा गई लेकिन फिर हिम्मत करके हल्की सी मुस्कुराहट देकर आँख मार दी और घर पहुँच गई।

मेरी प्यासी जवानी को जल्द ही नया जवान स्टूडेंट का लंड मिलने वाला था। मुझे ख़ुद पर गुस्सा भी आ रहा था कि मैं तो दिन भर जवान लंडों के बीच ही रहती हूँ फिर इतना तड़पना क्यों था अब तक!

कहानी जारी रहेगी।
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