कॉलेज टीचर के साथ मसूरी में मस्ती- 1

(Hot Teacher Flirt Kahani)

हॉट टीचर फ्लर्ट कहानी में पढ़ें कि मैंने अपनी सेक्सी टीचर के साथ सेक्स कर लिया था. उसके बाद टीचर ने मुझे मसूरी चलने के लिए कहा. तो मैंने क्या किया?

आपने मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
कॉलेज टीचर के साथ रासलीला
में पढ़ा कि कैसे मुझे अपनी कॉलेज की की एक हॉट टीचर को चोदने का मौका मिला.

मैं पिछली कहानी की कुछ अंतिम लाइनें फिर से लिख रहा हूँ ताकि आपको कहानी के इस भाग को पढ़ने में सुविधा हो.

मैंने मैम से कहा कि मुझे मेरे बर्थडे पर इतना अच्छा गिफ्ट मिला, तो इस पर आपका रिटर्न गिफ्ट तो बनता है. मैं घर वालों को मनाने की पूरी कोशिश करूंगा कि वे मुझे बाहर जाने की परमीशन दे दें.
वे बोलीं- कोशिश नहीं, मुझसे प्रॉमिस करो कि चलोगे.

मैं बोला- अच्छा बाबा, मेरा प्रॉमिस … मैं वादा करता हूँ.
फिर पल्लवी मैम ने मुझे हग कर लिया और एक किस भी कर दी.

मैं घर आ गया.

अब आगे हॉट टीचर फ्लर्ट कहानी:

मैं आज बहुत खुश था, मैम को चोदा जो था.

शाम को मेरा जन्मदिन घर पर भी मनाया गया.

मैंने घर वालों से घूमने जाने की बात की.
पहले तो घर वालों ने मना कर दिया और मम्मी कहने लगीं कि इतना खर्चा कहां से देंगे तुझको?

मैं बोला- मेरे फ्रेंड्स साथ जा रहे हैं और हम उनके मामा के यहां रुकेंगे, तो बस 700-800 रुपए का ही खर्चा होगा और 3-4 दिन में वापस भी आ जाएंगे.

मैंने थोड़ा फोर्स किया और कहा- प्लीज़, मेरा बर्थडे गिफ्ट समझ कर ही हां कर दो!
मेरे घर वाले मान गए और मैं भी खुश हो गया.

मुझे इस बात की कोई फ़िक्र नहीं थी कि मेरे घरवालों को सच पता चल जाएगा कि मैं झूठ बोल कर जा रहा हूँ क्योंकि मेरे घरवाले मेरे किसी भी कॉलेज के दोस्त को नहीं जानते थे.

फिर मैंने सोचा कि पल्लवी को थोड़ा परेशान करता हूँ.
मैंने रात तो पल्लवी से बात नहीं की.

और सुबह कॉलेज गया फिर क्लास अटेंड की.
पल्लवी मैम का लेक्चर आया.

वे आज काफ़ी खुश थीं और हो भी क्यों ना … उनको मैंने कल चोद कर इतना मजा जो दिया था.
वे क्लास के अन्दर आईं और हम सबने उनको मॉर्निंग विश किया.

वे मुझसे नज़रों ही नज़रों में पूछने लगीं कि घर वालों ने क्या कहा!
मैंने जानबूझ कर उदास सा चेहरा बना कर उनको मना कर दिया.

इससे वे एकदम से बहुत गुस्से में आ गईं और मुझ पर गुस्सा करने लगीं.
वे मुझ पर चिल्लाईं और बोलीं- तुम कभी पढ़ भी लिया करो, तुम्हारी फाइल भी कंप्लीट नहीं है. तुम लेक्चर के बाद मेरे केबिन में आकर मिलो.

मैं क्या बोलता, मुझे तो पता था कि वे क्यों गुस्सा हुई हैं.

लेक्चर खत्म होने के बाद मैं उनके केबिन में गया और अन्दर जाकर एकदम मायूस सा चेहरा बना लिया.

वे मुझसे बोलीं- मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी, तुमसे मैंने बस एक चीज़ मांगी थी … और तुमने उसको भी पूरा नहीं किया!
ये कह कर वे और ज़्यादा उदास हो गईं.

मैंने केबिन का दरवाजा बंद किया और उनके पास जाकर उनको एकदम से बोला कि अगले हफ्ते चलना है.
वे चौंक कर बोलीं- क्या … क्या मतलब!
मैं बोला कि घर वाले मान गए हैं.

वे बोलीं- सच … पर तुमने तो मुझे सर हिला कर मना किया था.
मैंने कहा- मैं तो बस मज़ाक कर रहा था और आप तो नाराज़ ही हो गईं.

इस पर उन्होंने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और मेरे एक गाल पर किस भी की.
मैंने भी मज़ाक में उनके एक बूब को दबा दिया, जिस पर वे उचक सी गईं और हंसकर बोलीं- बेशर्म, कहीं तो मान जाया करो.

मैं कुछ बोलता, तभी किसी ने केबिन के बाहर से नॉक किया.

मैम ने दरवाजा खोलने को कहा और मैंने उनसे आगे कुछ नहीं कहा.

मैं केबिन का दरवाजा खोल कर बाहर निकला और अपनी क्लास में आ गया.

क्लास में मेरे दोस्तों ने पूछा- क्या हुआ हार्दिक, क्या बोला मैम ने?
मैंने उनको झूठ बोला- उनको कोई ग़लतफहमी हो गई थी. वे जो हम दोनों ने फाइल सब्मिट की थी, उसमें किसी और की फाइल आ गई थी, जो उनको लगा कि मेरी है. उस फाइल में कुछ उल्टा सीधा लिखा था.

बस क्लास में बात खत्म हो गई.
इससे यह फायदा भी हुआ कि सभी को लगने लगा कि पल्लवी मैम मुझसे सैट नहीं हुई हैं.

आज पल्लवी मैम के 2 लेक्चर थे, तो वे एक लेक्चर के बाद फिर से क्लास में आईं.

इस बार वे हंसती हुई मेरे पास आकर बोलीं- सॉरी हार्दिक, वे मुझसे ही मिस्टेक हो गई थी. प्लीज़ माइंड मत करना.
मैंने उनको ऐसे ही ‘इट’स ओके …’ बोला और आंख मार दी.

यह हमारा लास्ट लेक्चर था और ये लेक्चर पल्लवी मैम का था.

क्लास में मेरे दोस्त मेरे बर्थडे की पार्टी की बात कर रहे थे और यह बात पल्लवी मैम ने भी सुन ली थी.
तभी वे भी बोलीं- हार्दिक तुमने तो आज पार्टी के लिए बोला था ना … कहां है पार्टी?
अब मैं क्या बोलता.

वे दोबारा बोलीं- ऐसे चुप रह कर काम नहीं चलेगा, बोलो जल्दी!
मैं उनकी साइड थोड़ा मायूस सा मुँह बना कर देख रहा था.

अब क्लास के सामने क्या बोलता कि मेरे पास पैसे नहीं हैं.

मैंने कहा- अच्छा चलो चलते हैं.
तब मैंने सोचा कि अपने फ्रेंड से पैसे उधार मांग लूंगा, जितने का बिल बनेगा उतना ले लूँगा.

हम सब मेरे कुछ दोस्त और पल्लवी मैम कॉलेज के खत्म होते ही बाहर आ गए.
सब रेस्टोरेंट में चले गए और वहां सबने अपने अपने मन का ऑर्डर कर दिया.

वहां खाने के बाद मैं बिल पे करने के लिए गया तो वे बिल 3500 रुपए का आया.
मैंने अपने फ्रेंड को पैसे मांगने के लिए कॉल करने के लिए अभी फोन पॉकेट से निकाला ही था कि उस पर एक मैसेज आया कि आपके नंबर पर 10000 रुपए क्रेडिट हुए हैं.
मैंने देखा तो वे पैसे पल्लवी मैम ने सेंड किए थे.

मैंने बिल पे किया और पल्लवी मैम को इशारे में थैंक्यू बोला.
वे भी इशारे में ‘कोई बात नहीं …’ बोलीं.

फिर हम वहां से घर आ गए.

शाम को मैंने पल्लवी मैम को कॉल किया और उनसे कहा- अगले हफ्ते जाना है, क्योंकि मैंने घर पर भी अगले हफ्ते का बोला है.

वे मुझसे बोलीं- हां जी चलेंगे, लेकिन अभी तो मुझे 3 दिन बहुत काम है और मैं तुम्हारी क्लास में भी नहीं आऊंगी. आज ही प्लान फाइनल कर लेते हैं ताकि बाद में दिक्कत ना हो.
हम दोनों ने सारी बातें प्लान की.

हम दोनों 5 दिन बाद जाने वाले थे.
सुबह 6 बजे जाने का डिसाइड किया और बाकी बातें भी डिसाइड की.

वे बोलीं- मुझको छुट्टी के लिए भी अप्लाई करना है. मैं 7 दिन के लिए अप्लाई करूँगी.
मैंने पूछा- सात दिन क्यों?

वे बोलीं- बुद्धू अगर हम दोनों साथ में 3-4 दिन कॉलेज नहीं आएंगे, तो सब क्या सोचेंगे … और वैसे भी सबको हम पर पहले से ही शक़ है. मैं अब और नहीं चाहती हूँ कि क्लास में कुछ और बात हो!
मैंने कहा- अच्छा मेरी जान.

उन्होंने फोन कट कर दिया.

मुझे तो बस उस दिन का इंतजार था जब मैं पल्लवी को खुल कर चोदूंगा.

उस दिन से पल्लवी मैम 5 दिन तक क्लास में नहीं आईं और मैं रोजाना कॉलेज जाता रहा पर मेरा मन नहीं लग रहा था.

जिस दिन हमारा जाने का दिन था, मैंने शाम को अपना बैग पैक किया और बैग में मेडिकल स्टोर से अलग अलग फ्लेवर के कई कंडोम भी खरीद कर ले आया था.
उन्हें मैंने बैग में रख लिए और बस अब सुबह होने का इंतजार था.

सुबह 6 बजे मैं पल्लवी मैम के घर बाइक लेकर पहुंच गया.

पहले हमारा प्लान पल्लवी मैम की कार से जाने का था. लेकिन फिर वे बोलीं कि उनको बाइक पर एंजाय करना है, तो हम दोनों ने बाइक से जाने का निश्चय किया.

मैंने उनके घर के बाहर से उनको कॉल किया.
तो वे बोलीं- मुझको 10 मिनट लगेंगे. तुम अन्दर आ जाओ.

मैंने उनको ओके बोला और घर के अन्दर चला गया.
घर के गेट खुले थे, शायद मेरे लिए ही खोल रखे थे.

मैं पल्लवी मैम के पास गया तो उन्होंने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और गाल पर एक किस की.

हम अलग हुए और मैंने कहा- क्या बात है मैडम … आज तो कुछ ज़्यादा ही चमक रही हो!
वे बोलीं- क्यों … रोजाना नहीं चमकती हूँ क्या?

मैं बोला- ऐसी बात नहीं है. पर आज तो आपके चेहरे पर अलग ही नूर है. ये खुशी जो चेहरे पर दिख रही है, वे भी लाजवाब है.

वे मेरे गले में अपने हाथ डालकर बोलीं- जब मेरी जान मुझ पर इतना मेहरबान है और मेरे लिए इतना कुछ कर रहा है, तो ये खुशी तो झलकेगी ही ना!

मैंने कहा- ये बातें बाद में … अभी बस चलते हैं. फिर धूप हो जाएगी.
वे बोलीं- अच्छा बाबा बस एक मिनट रूको.

तभी वे अन्दर से कुछ रुपए हाथ में लेकर आईं और बोलीं- ये रखो.
मैंने कहा- ये किसलिए? अभी तो जो आपने मुझे भेजे थे, वे भी बचे हुए हैं. मुझे वे आपको वापिस करने थे.

वे बोलीं- पागल वागल हो गए क्या? वापिस करने हैं … वे मैंने तुमको दिए थे, वे तुम्हारे हैं और ये 10000 रुपए कॅश रखो. वहां ज़रूरत पड़ेगी. अब वहां मुझसे पैसे मांगोगे … तो क्या अच्छा लगेगा मुझे? इसलिए अपने पास रखो … और हां तुम्हारे अकाउंट में मैंने 50000 रुपए सेंड किए हैं, उनमें से जितने वहां खर्च होंगे, हो जाने देना. बाकी का तुमको जो करना होगा, तुम कर लेना.

मैं बोला- अरे यार इसकी क्या ज़रूरत थी?
वे बोलीं- अभी तो बताया कि वहां तुमको ही सारा खर्चा करना है. जो मेरा है, वे तुम्हारा भी तो है. मेरे से ये पैसों के बारे में बातें मत किया करो. तुमको तो बस अब ऐश करनी है. जब भी जितने भी पैसों की ज़रूरत हो, मुझसे मांग लिया करो. वैसे तो में पूरा ख्याल रखूंगी तुम्हारा कि तुमको किसी चीज़ की ज़रूरत ना पड़े, लेकिन फिर भी.

मैंने उनको थैंक्यू बोला.
वे बोलीं- हट पागल … एक ही तो जान है मेरी. अब उसके लिए नहीं करूंगी तो किसके लिए करूंगी … और वैसे भी इतने पैसों का अकेले क्या करूंगी!

मैंने भी सोचा कि जब पल्लवी को पैसे देने में कोई प्राब्लम नहीं है, तो मुझे खर्च करने में भी कोई प्राब्लम नहीं होनी चाहिए. अब से मैं खुला खर्च करूंगा.

हम दोनों बाहर आए, उन्होंने घर को लॉक किया.
पल्लवी मैम बाइक पर बैठती हुई बोलीं- तुमने तो इसका टैंक फुल भी नहीं करवाया होगा. इन पैसों को खर्च भी करो. मैं हूँ ना!

मैंने उनको बोला- अच्छा मैडम जी, आज से आपका हुकुम सर आंखों पर. अब से जम कर खरचा करूंगा. अब चलें!
वे हंस पड़ीं.

मैंने मैम का बैग पीछे सैट किया और अपना बैग आगे की साइड कर लिया.
हम दोनों चल दिए.

मैंने पहले बाइक की टंकी को फुल करवाया और मसूरी के लिए निकल पड़े.

रास्ते में मैं बाइक को ब्रेक मार रहा था, जिससे पल्लवी मैम मेरे ऊपर गिरी जा रही थीं. उनके बूब्स मेरी पीठ में पूरी तरह से रगड़ जाते.

इस पर वे बोलीं- तुमको अब भी ब्रेक मारने की ज़रूरत पड़ रही है … अरे अब तो तुम्हारी ही हूँ. जैसे बोलोगे, वैसे करूंगी.

उन्होंने मुझे कसके हग कर लिया जिससे उनके दूध मेरी पीठ में घुसने को तैयार हो रहे थे.

मेरा लंड काबू से बाहर हो रहा था.
मैंने थोड़ा ध्यान बाइक चलाने पर लगाया और हम कुछ देर चलते रहे.

देहरादून से थोड़ा ऊपर कुछ देर के लिए रुके.
वहां एक रेस्टोरेंट में कुछ खाया और थोड़ी देर बैठ कर बातें भी की.

फिर हम मसूरी के लिए चल दिए और 10 बजे के आस पास मसूरी पहुंच गए.

आधा घंटा बाद एक अच्छा सा होटल ले लिया. उसका व्यू भी अच्छा था.

हम दोनों रूम में गए और मैंने दोनों बैग रखे और जाकर बेड पर बैठ गया.

पल्लवी मैम भी मेरे पास आकर बैठ गईं.
हम दोनों थके हुए थे तो ऐसे ही लेट गए.
थोड़ा आराम किया फिर एक बजे हम दोनों होटल से बाहर आए.

हम दोनों ने लंच किया और घूमने लगे. हम वहां एक प्रेमी कपल की तरह ही घूम रहे थे क्योंकि पल्लवी की उम्र भी 22 साल की लड़की जितनी लगती है.
उन्होंने अपने आपको इतने अच्छे से मेंटेन जो कर रखा था.

फिर पल्लवी मैम शॉपिंग की ज़िद करने लगीं.
वैसे मुझे शॉपिंग करने में कोई इंटरेस्ट नहीं है लेकिन मैं बस पल्लवी की वजह से ही शॉपिंग कर रहा था.

उन्होंने दो ड्रेस खरीदीं और मैंने उनकी पेमेंट की.

शाम को 5 बजे हम रूम पर वापिस आ गए और बेड पर बैठ कर इधर उधर की बातें करने लगे.

पल्लवी मैम मुझे अपनी लाइफ के बारे में बाकी बातें बताने लगीं कि उनको कहां कहां घूमने जाने का मन है.

मैंने कहा- मैं आपकी सारी इच्छा पूरी करूंगा.
वे मुझसे गले लग गईं और बोलीं- थैंक्यू … मेरी ज़िंदगी में आने के लिए.

मैं बोला- अरे आप मेरा इतना ध्यान रखती हो, वे थोड़े ही कम है.
फिर मैंने उनके मम्मों को दबा दिया, जिससे वे कॉलेज की तरह ही उचक गईं.

उन्होंने मेरे पेट में एक मुक्का मार दिया और हम वहां तकियों से लड़ने लगे.
थोड़ी देर लड़कर थक गए.

मैंने पल्लवी मैम को पीछे से पकड़ा और उन्हें एक किस कर दिया.
मैं पल्लवी मैम से बोला- जान, मुझे ड्रेस पहन कर नहीं दिखाओगी?

वे इतरा कर बोलीं- तुमको ड्रेस में देखना है या बिना ड्रेस के?
मैं बोला कि पहले ड्रेस में … और फिर बिना ड्रेस के!

वे बोलीं- अच्छा बेटा, उस्ताद से उस्तादी … चल प्यारे तू भी क्या याद करेगा.
उन्होंने वे खरीदी हुई दोनों ड्रेस निकालीं और बोलीं- पहले कौन सी पहनूँ?
मैं बोला- कोई सी भी पहन लो.

उन्होंने एक ड्रेस, जो सिंगल पीस में थी पिंक कलर की … उसको लेकर बाथरूम में जाने लगीं.
मैंने कहा- अरे कहां जा रही हो? आप तो यहां भी चेंज कर सकती हो?

वे बोलीं- नहीं जी, तुम फिर ड्रेस पहनने थोड़े ही दोगे.
मैं हंस पड़ा और वे गांड मटकाती हुई बाथरूम में चली गईं.

दोस्तो, उम्मीद है कि इस बार की हॉट टीचर फ्लर्ट कहानी आपको मजा आया होगा. अगले भाग में और भी ज्यादा मजा आएगा. प्लीज मेल और कमेंट्स से बताएं.
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हॉट टीचर फ्लर्ट कहानी का अगला भाग: कॉलेज टीचर के साथ मसूरी में मस्ती- 2

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