मेरा गुप्त जीवन-105

(Mera Gupt Jeewan-105 Nadi Kinare Mooti competetion)

यश देव 2015-11-20 Comments

This story is part of a series:

कम्मो उसको लेकर जाने लगी तो जूही दुल्हन ने मेरी तरफ देखा और फिर आकर मुझसे लिपट गई और चुंबनों से मेरा मुंह भर दिया और एक हाथ से मेरे खड़े लौड़े को फिर पकड़ लिया और बैठ कर उस को चूम लिया।
कम्मो ने उसको उठाया और उसको लेकर झाड़ी के बाहर चली गई।
मैंने झाड़ी से चोर झाड़ी हटाई और फिर बाहर देखने लगा।

नदी में भाभी न. 1 और 2 सफ़ेद पेटीकोट और सफ़ेद ब्लाउज में अभी भी नहा रही थी और दूसरी लड़कियाँ भी उन के आस पास नहाने में मस्त थी।
उधर गांव वाली औरतों में एक दो नई भी आई थी, वो अपने कपड़े बदलने के लिए मेरी वाली झाड़ी की तरफ ही आ रही थी।

मैंने उनको ध्यान से देखा, वो भी जवान ही लग रही थी और काफी सुन्दर शरीर वाली प्रतीत हो रही थी।
खैर मैं उनके उचित स्थान पर पहुँचने का इंतज़ार कर रहा था।

जब वो झाड़ी के निकट पहुँची तो सबसे पहले आगे वाली औरत ने अपने कपड़े नीचे रखे और बैठ कर अपनी धोती और पेटीकोट को ऊपर उठा कर पेशाब करने लगी।
उसकी चौड़ी जाँघों के बीच में से उसकी काली झांटों से ढकी चूत में से पेशाब की धार बह निकली, धार काफी तीव्र थी और काफी दूर तक जा रही थी। जब धार खत्म हो गई तो उसने अपनी चूत को पेटिकोट से पौंछा और फिर अपने कपड़े बदलने लगी।

अब तक पहली वाली ने अपना ब्लाउज उतार दिया था, उसके मोटे मुम्मे एकदम आज़ाद हो गए थे और हवा में उछल रहे थे।
अब उसने अपने पेटिकोट को भी उतार दिया और उसकी चूत सिर्फ बालों से ढकी रह गई लेकिन उसने जल्दी ही अपने शरीर के चारों तरफ एक सफ़ेद धोती को लपेट लिया और अपनी नग्नता को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी।

अब वो भी उसी जगह बैठ कर पेशाब करने लगी और जब पेशाब से फारिग हुई तो अपनी चूत को पौंछने लगी अपने उतारे हुए पेटिकोट से!
फिर वो दोनों भी मिल कर अपने कपड़े उठा कर कुछ कपड़े धोने और नहाने के लिए चली गई।

अब मैंने देखा कि कम्मो तन्वी भाभी को लेकर झाड़ी की तरफ ही आ रही थी, मैं समझ गया कि कम्मो की मर्ज़ी है कि तन्वी भाभी को यहाँ चोदा जाए।
मैं तो तैयार बैठा ही था, उन दोनों के आने से पहले ही मैंने नदी वाली साइड को बंद कर दिया था।

तन्वी भाभी ने अंदर आते ही मुझको कस कर एक जफ्फी मारी और मेरे मुंह को चूमने लगी।
मैंने भी उसके पेटीकोट में फंसे हुए चूतड़ों को हाथ फेर फेर कर सहलाना शुरू कर दिया। मैंने खुद ही उसका पेटीकोट नीचे उतार दिया और ब्लाउज को भी उतार कर फ़ेंक दिया और फिर मैंने उसको लिटा कर उसकी जाँघों के बीच बैठ कर पहले तो उसकी चूत को खूब चूमा और चाटा और जब भाभी गर्म हो गई तो मैंने लंड लाल को उनकी चूत में धीरे से डाल कर चुदाई शुरू कर दी।

भाभी काफी गर्म हो चुकी थी सो जल्दी ही वो लंड के स्वागत के लिए अपनी जाँघों को और भी चौड़ा करने लगी।
मैंने बैठे हुए ही भाभी को पूरी तन्मयता से चोदना शुरू किया और उसके गोल मुम्मों को भी साथ साथ चूसता जा रहा था। उसकी नाभि में जीभ डाली तो वो एकदम से कामातुर हो गई और जल्दी ही झड़ने की कगार पर पहुँच गई। मेरे थोड़े से प्रयत्न से ही वो अपना संयम खोकर मेरे लौड़े को चूत द्वारा गाय के थन की तरह दोहने लगी।

उसकी चूत की इस प्रक्रिया से मैं आज अपने आप को नहीं रोक सका और ढेर सारा वीर्य भाभी की चूत में छोड़ते हुए उसके ऊपर लुढ़क गया।
कम्मो यह सब देख रही थी और वो अपनी भवें टेढ़ी करके मेरी तरफ देखने लगी जैसे कह रही हो- छोटे मालिक, आपसे यह उम्मीद नहीं थी, आपने तो बेचारी भाभी का जीवन खतरे में डाल दिया।
लेकिन तन्वी भाभी को मेरे लावे के समान गर्म वीर्य से बहुत ही तृप्ति मिल रही थी और वो ऐसे दर्शा रही थी जैसे कि उसका जीवन सफल हो गया हो।

कम्मो ने कहा- भाभी, शायद तुम्हारे अंदर छोटे मालिक का वीर्य छूट गया है तुम चाहो तो नदी में फिर स्नान करके वीर्य को निकाल सकती हो?
भाभी बोली- वीर्य अंदर छूट जाने से क्या होगा?
कम्मो हँसते हुए बोली- तुम गर्भवती हो जाओगी और क्या?

भाभी बोली- अच्छा? सोमू के वीर्य में इतनी शक्ति है एक बार में ही गर्भ ठहर जाएगा? रात को तो इतनी बार तो सोमू ने किया था लेकिन शायद उसका वीर्य नहीं छूटा था तब, क्यों ठीक है न?
कम्मो बोली- हाँ भाभी, रात को उसका वीर्य नहीं छूटा था लेकिन अभी गलती से उसका वीर्य छूट गया है आपके अंदर, तो गर्भवती बनने का खतरा तो बनता है।
भाभी बोली- अच्छा, मेरी बड़ी इच्छा है कि मेरा भी अपना बच्चा हो लेकिन मेरे पति तो नाकारा है इस काम के लिए तो मैं क्या करूँ?

कम्मो ने मेरी तरफ देखा और मैंने हां में सर हिला दिया तब कम्मो भाभी को एक तरफ ले गई और उससे कुछ पूछा जो भाभी ने बता दिया।
कम्मो मेरे पास आकर बोली- सब ठीक है, छोटे मालिक आप अगर चाहें तो भाभी भी गर्भवती हो सकती है?
मैं बोला- कम्मो, तुम अपनी तसल्ली कर लो फिर जब चाहो मैं भाभी का काम कर दूंगा।

कम्मो भाभी को लेकर बाहर चली गई और मैंने फिर झाड़ी थोड़ी सी हटाई और बाहर नदी की तरफ देखा तो कोई नई औरत नहीं आई थी लेकिन वो पहले से नहा रही लड़कियाँ अभी भी नहा रही थी।

कम्मो ने सबको इकट्ठा किया और वापस जाने के लिए ज़ोर डालने लगी, फिर वो उनको लेकर मेरी छुपने वाली झाड़ी के पास ही ले आई और कहा कि अपने अपने गीले कपड़े यहीं बदल लो।
सब लड़कियाँ कपड़े बदलने लगी लेकिन मेरी नज़र तो उन 2 लड़कियों पर ही थी जिनको मैंने अभी तक नहीं चोदा था और उनके साथ में जूही भाभी भी थी।

जूही भाभी ने सबसे पहले अपना पेटीकोट जतारा और नए पेटीकोट को पहनने लगी और इस दौरान एक बार फिर मैंने उसके शरीर को पुनः देखा, चूत पर छाई घनी काली ज़ुल्फ़ें और उसके गोल उभरे हुए चूतड़ों को देखते हुए अपने लौड़े पर भी हाथ फेर रहा था और फिर जब उसने अपने गीले ब्लाउज को उतारा तो उसके गोल और सॉलिड ख़रबूज़े उछल कर बाहर आ रहे थे जैसे कि मेरा लंड करता है कभी कभी!
भाभी काफ़ी सेक्सी चीज़ थी और उसको एक बार और चोदने का मन था।

बाकी 4 लड़कियों के शरीर से तो मैं अच्छी तरह से वाकिफ था सिर्फ उन दो लड़कियों से कोई वाकफियत नहीं हुई थी और ना ही उन्होंने चुदवाने की कोई इच्छा ज़ाहिर की थी।
अब वो दोनों भी कपड़े बदलने के लिए झाड़ी के सामने आ गई थी।
एक जो थोड़ी सांवली सी थी, जब अपना पेटीकोट उतार रही थी तो उसकी नज़र झाड़ी पर पड़ रही थी लेकिन मैं काफी पीछे की तरफ बाहर वालों की नज़र से दूर था।

जब उसने पेटीकोट का नाड़ा खोला तो वो एकदम उसकी पतली कमर से फिसल कर नीचे गिर गया, वो एकदम से नंगी हो गई और सेक्सी शरीर को देख कर मैं बड़ा ही उत्तेजित हो गया।
जब उसने अपना ब्लाउज उतारा तो उसके छोटे से उरोज गोल और सॉलिड लग रहे थे।

उसके बाद दूसरी लड़की आई वहीं कपड़े बदलने के लिए… वो गोरी चिट्टी थी और उसके अंग भी काफी सुंदर लग रहे थे।
उस लड़की ने अपने कपड़े ऐसे उतारने शुरू किये जैसे कि वो किसी ब्यूटी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हो।
सबसे पहले उसने अपना गीला ब्लाउज उतारा और उसको उतार कर वो चारों तरफ घूमी जैसे कि जज लोगों को दिखा रही हो, उसके मुम्मे काफी सुंदर थे गोल और मोटे और उन्नत उरोज लग रहे थे।

फिर उसने अपने पेटीकोट के नाड़े में हाथ डाला, सबकी तरफ देखा और फिर धीरे धीरे से नाड़े को खोलने लगी।
नाड़ा खोलने के बाद भी उसने पेटीकोट को हाथ से पकड़े रखा और फिर चारों तरफ घूम कर देखा और फिर आहिस्ता से पेटीकोट को नीचे फिसलने दिया।
उसके ऐसा करते ही सब लड़कियों ने ज़ोर से ताली मारी जैसे कि उसकी सुंदरता की तारीफ कर रही हों!
वैसे इस लड़की का शरीर काफी सुन्दर था और अभी तक जितनी भी लड़कियाँ मेरे पास आई थी उन सबसे इस लड़की का शरीर बहुत सुंदर था और वो मुझ से अभी तक चुदाने नहीं आई थी।

अब कम्मो ने सब लड़कियों को इकठ्ठा किया और कहा- चलो हम मूती प्रतियोगिता रख लेते हैं जिसमें आपको पेशाब करना होगा और जिसकी धार सब से दूर तक जायेगी वो लड़की या औरत जीत जायेगी। मंज़ूर है क्या?
तब तन्वी भाभी बोली- पर हम तो बैठ कर पेशाब करती हैं, वो धार दूर तक कैसे जायेगी?

कम्मो बोली- सब देखो, ऐसे पेशाब करेंगी हम… आदमियों की तरह!
यह कह कर कम्मो ने अपने पेटीकोट को ऊपर उठाया और आदमियों की तरह खड़े होकर पेशाब की धार छोड़ दी और उसकी धार भी काफी दूर तक गई। अब तन्वी भाभी ने भी अपना पेटीकोट उठा कर धार छोड़ दी और कम्मो ने उसकी धार के आखरी पॉइंट पर एक छोटा पत्थर रख दिया।

इस तरह से बारी बारी सब लड़कियाँ आ रही थी और पेशाब की धार छोड़ रही थी और मैं यह सेक्सी नज़ारा देख रहा था।
मैं झाड़ी के पीछे छुपा हुआ यह मूती प्रतियोगिता को देखता रहा और इस इंतज़ार में रहा कि देखें कौन यह अजीब कम्पटीशन जीतता है।
मेरी उम्मीद के खिलाफ यह कम्पटीशन रिया ने ही जीता और सब लड़कियों ने खूब ज़ोर से तालियाँ बजाई।

कम्मो उन सबको वहीं छोड़ कर मेरे पास आई और बोली- सबने खूब मज़ा लिया आज तो! अच्छा रहा यह सारा प्रोग्राम खास तौर से यह मूती प्रोग्राम, सब लड़कियाँ बड़ी खुश लग रही हैं।

मैं बोला- यह दो लड़कियाँ जो अब तक नहीं चुदी हैं, उनका नाम क्या है?
कम्मो बोली- वो जो थोड़ी सांवली है, उसका नाम धन्नो है, दूसरी जो गोरी सी है उसका नाम रेवा है।
मैंने पूछा- क्या वो दोनों चुदाई में इंटरेस्टेड नहीं?
कम्मो बोली- शायद नहीं हों! मैं आज उनसे पूछ लेती हूँ, अगर इंटरेस्टेड हों तो रात को उनकी बारी लगा देती हूँ और तनु भाभी को लंच के बाद कॉटेज में बुला लेती हूँ। क्यों ठीक है ना?
मैंने कहा- ठीक है जैसा तुम कहो मेरी छोटी मालकिन।

और कम्मो को थैंक्स करते हुए एक हॉट किस दे दी और एक गहरी जफ्फी डालते हुए कहा- कम्मो डार्लिंग, आज तुमने मेरी वर्षों पुरानी तीव्र इच्छा पूरी कर दी।
कम्मो बोली- कौन सी इच्छा छोटे मालिक?
मैं हँसते हुए बोला- वही बहुत सी लड़कियों और औरतों को एकदम नंगी और पेशाब करते हुये देखना का मुझको मौका देना! तुमने किस गज़ब से सब को नंगी दिखा दिया और वो भी मेरे ठीक सामने, यह कोई कम कमाल नहीं है। कैसे तुम उनको घेर कर झाड़ी के सामने ले आती थी और उनको कपड़े बदलने के लिए प्रेरित करती थी। वाह वाह कम्मो रानी।
कम्मो मुस्करा रही थी और मेरे को जफ्फी डाल रही थी।

कम्मो ने सबको इकट्ठा किया और उनको किसी तरह कार में एडजस्ट किया और वापसी के लिए चल पड़ी।
सब लड़कियाँ बड़ी खुश थी आज के प्रोग्राम से और मैं अपनी बाइक पर घर पहुँचा थोड़ी देर बाद!

कहानी जारी रहेगी।
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