बरसात में भीगी मादक नर्स की चुत चुदाई- 1

(Sexy Nurse Ne Lund Chusa)

सेक्सी नर्स ने लंड चूसा मेरा … वह मेरे साथ जा रही थी कि बारिश में भीग गयी. तो मैं उसे अपने घर ले आया. उसके कपड़े बदलवाए. उसके बाद उसने क्या किया मेरे साथ?

दोस्तो, कैसे हो आप सभी लोग!

मैं आप सभी लोगों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं कि आप मेरी कहानी पढ़ते हैं और आनंदित होते हैं.

मेरी पिछली सेक्स कहानी
ऐसी थी मेरी बॉस रिया
के लिए आप लोगों ने मुझे बहुत ही खूबसूरत मेल किए, जिसके लिए मैं आप सभी को धन्यवाद करता हूं.

आईये कल्पना रूपी सेक्स संसार में आपको सुख का अनुभव कराने ले चलता हूँ.
यह सेक्स कहानी पूर्णरूप से काल्पिनक है और इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है.

हुआ कुछ यूं कि मुझे आप लोगों की बहुत याद आ रही थी.
मैंने काफी समय से आप लोगों के लिए कोई सेक्स कहानी नहीं लिखी थी तो सोच रहा था कि क्या लिखूँ.

उसी दरमियान कुछ ऐसी घटना घटी कि मुझे एक नई कहानी लिखने का विचार मिल गया.
आज वही सब लिख रहा हूँ कि कैसे एक सेक्सी नर्स ने लंड चूसा मेरा!

इस सेक्स कहानी की शुरूआत थोड़ी गम्भीरता से है.
लेकिन मैं अपने सभी चाहने वाले पाठकों से उम्मीद करता हूँ कि आप सब कहानी का आनन्द लेंगे.

अभी दो महीने पहले तो मैंने अपनी पिताजी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कराया था.
पर अचानक से फिर उनके ऊपर वज्रपात हुआ और मुझे उनको लेकर सीधा उसी हॉस्पिटल के आई.सी.यू में लेकर जाना पड़ रहा था.

करीब दस दिनों तक एक बार फिर मुझे दिन रात जागना पड़ रहा था.
मुझे अपना ऑफिस देखने के साथ-साथ हॉस्पिटल भी देखना पड़ रहा था.

फिर दस दिन के बाद मुझे थोड़ा राहत मिली जब पिताजी को आई.सी.यू से वार्ड में शिफ्ट किया गया.

आश्चर्यजनक रूप से मुझे वही वार्ड वही स्टाफ मिला, जिसने पिछली बार मेरे पिताजी को सम्भाला था.

सभी स्टाफ मुझको देखते हुए एक साथ बोले- अरे अभी दो महीने पहले ही तो डिस्चार्ज हुए थे!
मैं क्या जवाब देता.

पर एक बार फिर से वे सभी मेरे पिताजी की देखभाल करने लगे.
रात को केवल मेरा ही रूकना हो पाता था क्योंकि पत्नी दिन में ही देख सकती थी.

धीरे-धीरे दिन का उजाला घटने लगा.
फिर शाम की धुंधलापन के बाद रात होने लगी.

इसी के साथ स्टॉफ की ड्यूटी भी चेंज होने लगी.

कोई दस बजे का समय रहा होगा कि नर्स जिनका नाम सना था, वह वार्ड के अन्दर आई.

मुझे और पिताजी को देखते ही बोली- अरे! अभी कुछ दिन पहले ही डिस्चार्ज हुए थे, अब क्या हुआ?
मैंने सना जी को पूरी बात बताई.

थोड़ा अफसोस जताने के बाद उसने पिताजी को इंजेक्ट करना शुरू किया और जाते हुए बोली- अगर कुछ भी जरूरत हो तो मुझे जरूर बताना.
मैंने भी हामी भर दी.

समय अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता जा रहा था.

रात की स्टाफ नर्स सना से मेरा मिलना लगभग रोज का था.
जितनी देर वह मेरे पिता जी को वक्त देती, उतनी देर वह मुझसे जरूर बतियाती.

एक रात बुखार की वजह से मैं हॉस्पिटल नहीं जा सका इसलिए मेरा दोस्त रूक गया.

जब अगली रात मैं पहुंचा तो मुझे देखते ही बोली- कल क्यों नहीं आए थे?
मैंने उसे पूरी बात बताई.

‘हां, आपके दोस्त ने मुझे यही सब बताया था.’

सुबह हुई, बरसात का मौसम होने के कारण बादल घिरे हुए थे मानो कभी भी बारिश हो सकती थी.

मैं जल्दी-जल्दी घर चला जाना चाहता था क्योंकि आज ऑफिस ऑफ था और मेरी एक अच्छी नींद लेने की नीयत थी.

अभी-अभी श्रीमती जी भी आ गयी थीं तो मैं जल्दी-जल्दी नीचे उतरा और अपनी गाड़ी स्टार्ट करके घर की तरफ जाने लगा.

मैं कुछ ही दूर गया था कि वैसे ही बारिश शुरू हो गयी.
भीगने से बचने के लिए मैं बस स्टैण्ड पर रूक गया.

उधर पास में ही खड़ी सना पर मेरी नजर पड़ी, वह भी भीग चुकी थी.
जितनी देर बारिश होती रही, उतनी देर तक हम दोनों बातें करते रहे.

बातों ही बातों में पता चला कि मेरी और उसकी मंजिल एक ही दिशा में थी.
बस दूरी अलग-अलग थी. वह मेरे घर से कोई 10 किलोमीटर आगे रहती थी.

बारिश रूकी तो मैंने सना को ऑफर किया, जिसे थोड़ा हिचकने के बाद वह मान गयी.
मैंने अपनी गाड़ी स्टार्ट की और बिना कुछ बोले सना पीछे सीट पर बैठ गयी.

थोड़ी दूर तक तो उसे झिझक थी पर कुछ दूर बाद ही मेरे कंधे पर अपना हाथ रखती हुई वह बोली- मेरी वजह से आप नाहक ही परेशान हो रहे हैं. मैं टैक्सी करके चली जाती.
मैंने सना को बीच में ही टोकते हुए कहा- अरे नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. जब हम दोनों के रास्ते एक ही हैं, तो इसमें परेशानी की क्या बात है.

वह चुप रही.

फिर मस्का लगाते हुए मैंने कहा- वैसे भी आज आपकी वजह से मेरी बाइक की किस्मत खुल गयी. आज तक बेचारी मेरी बीवी को ही ढोती रही थी. आज आप इस पर क्या बैठ गयी हो, तो देखो मैं कितना अकड़ कर चला रहा हूँ.
वह मेरी पीठ पर हल्की सी थाप देती हुई बोली- लगता है कि जनाब मस्का लगाने की कोशिश कर रहे हैं.

इसी बीच बादल काफी तेजी से घने हो रहे थे.
मैंने अपनी बाइक को थोड़ा स्पीड में चलाना शुरू किया.

मुश्किल से एक किलोमीटर का ही रास्ता तय किया होगा कि बारिश बहुत तेज से शुरू हो गयी और एक मिनट के कम समय में ही हम दोनों पूरी तरह भीग गए.

चूंकि हम लोग पुल के आधे रास्ते पर ही पहुंच पाए थे और रास्ते में ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां पर रूका जा सके इसलिए लगातार चलना मजबूरी थी.

धीरे-धीरे बारिश ने पूरा जोर पकड़ लिया और हम दोनों ही अच्छे खासे भीग गए थे.

मैं बोला- सॉरी, अच्छा खासा आप टैक्सी से जाना चाह रही थीं और अब आपको नाहक ही मेरी वजह से बारिश में भीगना पड़ रहा है.

‘हा हा हा’ करके थोड़ा हंसती हुई सना बोली- हां, मैं भी टैक्सी के पैसे बचाने के चक्कर में फंस गयी.

उसकी इस बात में मैं जोर से हंस पड़ा.

शायद सना ठंड से कंपकंपाने लगी थी.

मैंने पूछा- लगता है आपको ठंड लग रही है.
उसका कोई जवाब नहीं आया पर वह थोड़ा सा मुझसे चिपक गयी.

उसका जिस्म और मेरा जिस्म आपस में टच क्या हुए कि मेरे जिस्म में एक झुरझुरी सी पैदा होने लगी क्योंकि अभी तक बीवी के अतिरिक्त मुझसे इस तरह से कोई चिपक कर नहीं बैठी थी.

मैं उसके चिपकने का आनन्द लेते हुए चुपचाप गाड़ी चला रहा था क्योंकि मेरा घर आने से पहले पूरे रास्ते में कोई ऐसी जगह नहीं थी जहां पर थोड़ी देर के लिए रूका जा सकता था.

थोड़ी ही देर में मेरा घर आ गया था.
बारिश अभी भी बहुत तेज हो रही थी.

आस-पास के घरों के लोग मानो कमरे में दुबक गए थे.
मैंने चुपचाप गाड़ी घर के सामने लगा दी और दरवाजे को खोलकर अन्दर पोर्च में आ गया.

मैंने सना को अन्दर आने के लिए कहा.
बिना कुछ कहे वह भी अन्दर आ गयी.

‘सना आप परेशान न हों, बारिश रूकने दीजिए … फिर मैं आपको आपके घर तक छोड़ दूंगा. जब तक आप चाहें तो अपने घर में बता दीजिए. आप काफी भीग भी गयी हैं. मैं आपको अपनी पत्नी के कपड़े दिए देता हूँ. आप अपने कपड़े बदलकर वाशिंग मशीन में सुखा लीजिए.’

यही सब बातें करते समय मेरी नजर सना के खूबसूरत जिस्म पर गड़ी हुई थी.
बारिश में भीगने के कारण उसका उजला सा तन मेरे सामने उभर गया था.

उसने अपने हाथों से अपने भीगे हुए जिस्म को छिपाने की भरसक कोशिश की.
लेकिन सब बेकार था क्योंकि गीले हो चुके पारदर्शी कपड़े की वजह से उसके अंग का एक-एक उभार खुल कर सामने आ रहा था.

यहां तक कि उसकी काली पैन्टी और ब्रा भी नजर आने लगी थी जिसको वह कभी अपने हाथ को पीछे चूतड़ के ऊपर रखकर या फिर अपने उरोजों के ऊपर रखकर, जिधर मेरी नजर पड़ती, छिपाने की नकाम कोशिश करती.

पर हाय क्या कहूँ अपनी इस जालिम नजर को … जो हटने का नाम ही नहीं ले रही थी.
फिर सना ने मेरी तरफ देखा.

जैसे ही उसकी नजरें मेरी नजरों से चार हुईं, मैं हड़बड़ाकर दूसरी तरफ देखने लगा.
सना अभी भी ठंड से थर-थर कांप रही थी. तभी मुझे ध्यान आया.

मैंने झटपट डोर पर सूखने के लिए पड़ी हुई तौलिया को उठाया और ‘एक्सक्यूज मी.’ कहने के साथ ही मैंने उससे कहा- मैं गीला अन्दर नहीं जा सकता. अगर आपकी इजाजत हो तो मैं अपने कपड़े यहीं उतार लूँ. फिर अन्दर जाकर आपके लिए भी कपड़े ले आऊं.

सना ने हां में अपनी गर्दन हिलायी और बस मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
मैं जानबूझ कर अपनी चड्डी-बनियान भी उसके सामने उतारने लगा.

मेरे डोले शोले अच्छे थे, सो सना भी कनखियों से मुझे देखी जा रही थी.
अपने सब कपड़े छोड़कर मैं तौलिया लपेटे हुए कमरे के अन्दर आ गया.

अन्दर आकर मैंने अपने जिस्म को अच्छे से पौंछा.
फिर दूसरी बनियान और कैफ्री को पहनकर बाहर आया.

सना को सॉरी बोलते हुए मैंने उसको तौलिया पकड़ाते हुए कहा- आप अपने को सुखाकर अन्दर आकर अपने हिसाब से कपड़े सिलेक्ट कर लीजिए.

इतना कहकर मैं तेजी के साथ अन्दर आ गया और वापिस कमरे में आकर उसके लिए मैंने अपनी बीवी की अलमारी को खोल दिया.
जब वह अन्दर आयी तो मेरी आंखें उसके संगमरमरी जिस्म को देखकर फटी की फटी रह गयी.
क्या कयामत लग रही थी.

तौलिए में लिपटा हुआ उसका संगमरमरी जिस्म और खुले बाल … उस पर बड़ी अदा से वह अपने दोनों पैरों को चिपकाये हुए मेरे पास आकर खड़ी हो गयी.
अपने हाथ में लिए हुए गीले कपड़े मुझे दिखाती हुई बोली- वाशिंग मशीन कहां है?

उसे यूं देख कर मेरी तो हालत ही खराब हो चली थी; लंड में तनाव बढ़ने लगा था.

जल्दी से अपनी दोनों हथेलियों से तने हुए लंड को छिपाने की कोशिश करते हुए मैंने उसे वाशिंग मशीन तथा अलमारी वाली दोनों जगह दिखा दीं.

इधर वह अन्दर गयी, उधर मैं रसोई में चाय बनाने चला गया और वहीं से खिड़की की झिरी से अन्दर झांकने लगा.
न चाहते हुए भी मैं उस झिरी से झांककर सना को देखने का दुस्साहस कर रहा था और डर भी रहा था कि कहीं सना ने गलती से मेरी तरफ देखा, तो मेरे बारे में क्या सोचेगी.

मेरी बीवी के पास सेक्सी ब्रा-पैन्टी और नाईटी के गजब का कलेक्शन था.
वह हर रात मेरे पास इसी ड्रेस में आती थी.

मैं देख रहा था कि वह बड़ी उलझन में थी कि क्या पहने!

फिर अचानक से सना ने अपने जिस्म से तौलिए को अलग किया और बिल्कुल नंगी हो गयी.
मेरी दिल की धड़कन अब काबू में नहीं थीं. यह सोच कर मेरा दिल बहुत तेज-तेज धड़कने लगा कि जब उसकी पीठ और गांड इतनी चिकनी और उजली है तो साली इसकी चूत तो मेरा हार्ट अटैक करा कर ही मानेगी.

इस समय तो मेरी प्रबल इच्छा हो रही थी कि बस और बस सिर्फ एक बार घूमे और मुझे अपनी चूत को दिखा दे.
जैसे ही मैंने यह सोचा, वैसे ही वह मेरी तरफ घूम गई.

मेरा तो दम ही निकल गया.
मेरी नजर तो उसके जिस्म से हट ही नहीं रही थी.

एक तो उसका संगमरमर जैसा चिकना और दूध जैसा उजला जिस्म. उस पर से उसकी टाईट चूचियां … और बिल्कुल चिकनी चूत, देख कर ही ऐसा लगा कि कुदरत ने बहुत समय देकर उसे गड़ा था.
गोल-गोल टाईट चूचियां और उस पर चिकनी चूत बड़ा कहर ढा रही थी.

सच में ऊपर वाले ने उसको फुरसत से गढ़ा था.
मैं उसके आगे के जिस्म को पल भर के लिए ही देख पाया था और उस एक पल में ही मेरा लंड इतना टाईट हो गया कि मेरा हाथ उसको मरोड़े ही जा रहा था और साली जीभ भी उसकी चूत चाटने के लिए मरी जा रही थी.

खैर … चाहे जो हो. मुझे पता नहीं कि यह उसने जानबूझ कर किया और वह झटके में नंगी होकर मुझे अपने जिस्म को दिखा रही थी.
पर मुझे क्या … मुफ्त में यह सब देखने को मिल गया था.

उसको देखकर मेरा दिल कुलाचें भरने लगा था.

फिर वह पलटी और फिर एक के बाद एक सैट को चैक करने लगी.

इधर मेरी भी उत्तेजना चरम पर पहुंचने वाली थी.
अभी भी मेरी नजर हट ही नहीं रही थी.

लेकिन अभी तक उसने जितनी भी पैन्टी और ब्रा पहनने की कोशिश की, उसमें से एक भी उसे फिट नहीं आयी.
अन्त में हारकर सना ने उस एक काली नाईटी को पहन लिया जो मेरी बीवी की बहुत फेवरेट थी.
बाकी को उसने उसी तरह करीने से लगा दिया.

‘मैडम आ जाइए, चाय तैयार हो गयी है.’ मैंने अपने लंड को शान्त करते हुए उसे आवाज लगायी.

चाय पीते समय भी मेरी नजर सना के जिस्म से हटने का नाम नहीं ले रहा था.
इस तरह लगातार मेरी नजर उसके जिस्म से टिके रहने का कारण ही शायद वह असहज सा महसूस कर रही होगी.

तभी वह बोली- क्या बात है जनाब, क्या देख रहे हो!
मैं हड़बड़ा कर बोला- कुछ नहीं.
मैंने अपनी नजर दूसरी तरफ कर ली.

फिर हम दोनों चाय पीने लगे.
इस दरम्यान कोई बात नहीं हुई.

फिर मैंने ही चुप्पी तोड़ते हुए टीवी खोलकर रिमोट उसके हाथ में देते हुए कहा- मैं काफी थका हुआ हूँ और नींद भी आ रही है. अगर आप बुरा न माने तो थोड़ी देर के लिए सो जाता हूँ और बारिश बन्द होने पर आप मुझे जगा लेना. तब तक आप टीवी देखिए.

यह कहकर मैं अपने बेड पर आकर लेट गया.
मैं गहरी नींद में सो गया.

थोड़ी देर बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरा लंड किसी मुट्ठी में कैद है और सुपार को अंगूठे से रगड़ा जा रहा है, अण्डकोश को दबाया जा रहा है.
यहां तक कि जांघों में उंगली चल रही थी.

मेरी नींद टूट चुकी थी लेकिन मैंने अपनी आंखें बन्द करके रखी हुई थीं और सना जिस तरह से मेरे लंड से खेल रही थी, उसका मैं पूरा आनन्द उठा रहा था.

फिर उसने मेरी टी-शर्ट को ऊपर उठाया और मेरे एक चूचुक को चूसने लगी.

मुझे यह मालूम था कि सना को मालूम हो चुका था कि मैं जाग चुका हूँ क्योंकि ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई आपके जिस्म से खेले और आपकी नींद न खुले.

लेकिन सना को इससे कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा था.

फिर उसने मेरे लोअर को उतार दिया.

अब वह मेरे लंड को हाथ में पकड़कर कभी सुपारे पर जीभ फेरती, तो कभी मुँह के अन्दर ले लेती, तो कभी जांघों को चाटती.

फिर वापिस आकर मेरे होंठ पर अपनी जीभ फेरने के बाद चूचुक पर जीभ चलाते हुए काटने लगी.

मेरे पूरे जिस्म पर अपनी जीभ चलाती हुई मेरी टांगों के बीच में बैठ गयी और एक बार फिर से मेरे लंड को चूसने के साथ वह मेरी गांड को गीला करने लगी थी.
इस प्रकार सेक्सी नर्स ने लंड चूसा मेरा!

इसी क्रम में वह एक बार फिर मेरी तरफ ऊपर की ओर आयी और अपनी चूची को पकड़ मेरे होंठों पर रगड़ने लगी थी.

मैं पूरा मजा ले रहा था और अपनी अधखुली आंखों से सना की हरकतों को देख रहा था.
उसकी इन हरकतों से मुझे अपनी सांसों पर काबू नहीं हो रहा था.

फिर भी मैं अपनी सांसों को काबू करने की पूरी कोशिश कर रहा था.
पर सना भी हार नहीं मानने वाली थी.

अब वह मेरी गर्दन को चूम व चाट रही थी.
फिर वह मेरे कान के अन्दर अपनी जीभ चलाने लगी.

आखिरकार मैंने अपनी हार मान ली और उसको कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया.

मेरे आगोश में आते ही उसने मेरे कान में कहा- सॉरी यार, तुमको उस समय मैंने टोक दिया. तुम्हारा घूर-घूर कर मुझे देखना मुझे अच्छा लग भी रहा था और खुद ही असहज भी हो रही थी.
‘कोई बात नहीं.’ कहकर मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके होंठों के साथ अपने होंठों का मिलन करवाया.

दोस्तो, अब सना की मस्त चुत की चुदाई का मतवाला विवरण सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.
सेक्सी नर्स की कहानी पर आप अपने मेल व कमेंट्स जरूर लिखें.
[email protected]
[email protected]

सेक्सी नर्स की आगे की कहानी: बरसात में भीगी मादक नर्स की चुत चुदाई- 2

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top