मेरी नंगी जवानी की चुदाई की कहानी- 3

(Nude Porn girl Chudai Kahani)

न्यूड पोर्न गर्ल चुदाई कहानी में मजा ले ऐसी कमसिन जवानी का जिसे जिसने चाहा चोद लिया. लड़की को भी नए लंड लेने का शौक था. वो कोचिंग के पीयून से भी चुद गई.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मैं सौम्या एक बार फिर से अपनी नंगी जवानी का परसा हुआ थाल लेकर आपकी अदालत में हाजिर हूँ.
मेरा स्वाद लीजिए.

कहानी के दूसरे भाग
कोचिंग सर ने मेरी चूत मार ली
में अब तक आपने पढ़ा था कि कोचिंग का कर्मचारी भोलू मुझे चोदना चाहता था और मुझे भी एक नए लंड का स्वाद लेने का मन था.
उसने मुझसे मेरा फोन नम्बर ले लिया था.

अब आगे न्यूड पोर्न गर्ल चुदाई कहानी:

रात के 11 बजे उसने मुझे कॉल किया, उस समय बिजली नहीं होने और गर्मी ज्यादा होने की वजह से मैं छत पर पूरी तरह से नग्न अवस्था में टहल कर बस लेटी ही थी.

मैंने उसके कॉल को रिसीव किया.
उसने पूछा- क्या कर रही हैं दीदी?

मैंने भी चुदास भरे स्वर में कहा- मैं अभी छत पर नंगी लेटी हुई हूँ.

इतने में ही बिजली आ गई, मैंने झट से बाद में फोन करने का कह कर फोन काटा और अपने आपको छुपाने लगी.

जिस चादर पर मैं लेटी हुई थी, उससे मैंने अपने नंगे बदन को ढका और नीचे अपने कमरे में आ गई.

कमरे में आने के बाद मैंने भोलू को फोन पर बोला- मैं तुमको वीडियो कॉल करके कुछ दिखाती हूँ.
वह एकदम से खुश ही गया.

मैंने उसे वीडियो कॉल करके अपने नंगे जिस्म का दर्शन करवाया.
उसने मुझसे मेरे मम्मों को रगड़ने को कहा, तो मैं उसे अपने बूब्स को मसल कर दिखाने लगी.

वो भी अपना लंड सहलाने लगा.
उसका लंड काफी बड़ा और मोटा था, मेरी चूत उसके लंड को लेने के लिए मचल उठी.
फिर उसके कहने पर मैंने अपनी बुर को भी मसला और उसके बाद उसी के कहने पर मैं अपनी बुर में अपनी दो उंगलियां घुसा कर अपनी बुर को अपनी उंगलियों से चोदने लगी.

वो जैसे जैसे बोलते जा रहा था, मैं वैसे वैसे करती जा रही थी.
कुछ देर तक चूत में उंगली करने के बाद मेरी बुर ने पानी छोड़ दिया और मैं झड़ गई.

उसके बाद हमारी बातें ख़त्म हुईं, पर मुझे मज़ा बहुत आया.
दूसरे दिन उसने मुझे अपने रूम पर बुलाया.

मैं जब वहां गयी, तब उसने मुझे बुरी तरह से चूमना शुरू कर दिया.
एक एक करके मेरे बदन से सारे कपड़े निकाल कर मुझे नंगी कर दिया.

अब मेरा पूरा नंगा जिस्म उसके सामने था.
उसने मेरे मम्मों को चाटना शुरू कर दिया.

उसके बाद उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया.
मैं उसके लंड को चूसने लगी.

कुछ देर में उसके लंड ने पानी छोड़ दिया जिसे मैंने अपने मुँह के अन्दर ले लिया.
कुछ देर बाद उसका लंड फिर से फनफना उठा.
उसने अपने लंड को मेरी बुर में डाल दिया और मुझे चोदने लगा.

मैं ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ कर रही थी और साथ में मुझे चुदते हुए मज़ा भी आ रहा था.

कोई 15 मिनट तक उसने मुझे चोदा, फिर उसने अपने लंड का माल मेरी बुर में ही छोड़ दिया.

फिर उसने मुझे घोड़ी बनाकर चोदा.

उसके बाद उसने मुझे खड़ी करके भी चोदा.

तीन तरह से मेरी चुदाई करने के बाद उसने मुझे अपने ऊपर आने को कहा तो मैं उसके लंड के ऊपर आकर बैठ गई.
मैं खुद को उछालते हुए उससे चुदवाने लगी.
मेरी चूचियां भोलू को मस्त कर रही थीं.

अब तक हम दोनों बहुत मजा कर चुके थे और झड़ कर थक चुके थे.
हम दोनों ने कुछ देर आराम किया, उसके बाद उसने ही मुझे मेरे कपड़े पहनाये और फिर मैं वहां से अपने घर को चल दी.

मैं अभी रास्ते में ही थी कि मुझे किसी अनजान नंबर से कॉल आया.
मैंने कॉल रिसीव किया तो वो यशवंत भैया का नंबर था.
मैं उनसे नाराज़ होती हुई बोली- कहां थे आप इतने दिन से? कभी मेरी याद नहीं आई?

तब उन्होंने बताया कि उनका मोबाइल चोरी हो गया था, जिस वजह से उनके पास किसी का नंबर नहीं था. वो अभी समस्तीपुर आए हुए थे. तब उन्होंने संजीव भैया से मेरा नंबर लेकर मुझे कॉल किया था.
मैंने अपनी ख़ुशी जाहिर की कि भैया समस्तीपुर आए हैं.

उन्होंने बोला कि बहुत दिन हो गए अपनी बाबू को प्यार किए हुए और उसके नंगे बदन को देखकर उसको चोदे हुए.
मैंने कहा- हां भैया, दिन तो बहुत हो गए, पर अब आप आ गए हो तो अब आराम से मुझे चोद लेना.

उन्होंने मुझे उसी समय आने को कहा, उस समय शाम के 5 बज चुके थे.
मैंने दूसरे दिन आने का आग्रह किया.
पर उनकी जिद के आगे मुझे फिर से झुकना पड़ा और मैं उनके रूम पर आ गई.

रूम पर आते ही भैया ने मुझे चूमना शुरू कर दिया, मेरे कपड़ों को उतारकर मुझे नंगी किया और खुद भी नंगे हो गए.

उसके बाद उन्होंने मेरे बूब्स को पीना शुरू कर दिया, बूब्स पीते हुए ही वो मेरी बुर पर भी हाथ फेर रहे थे.
फिर उन्होंने अपने मोटे लंड को एक झटके में मेरी बुर में उतार दिया.

अब उनका लंड मेरी बुर में गोते लगाने लगा.
उन्होंने मुझे बहुत बुरी तरह से चोदा.

उसके बाद शाम के 7 बज चुके थे, तो मैंने घर जाने की बात कही.

वो बोले- आज मत जाओ, यहीं रह जाओ, रात ज्यादा हो गयी है.

तब मैंने भी भैया के मोटे लंड से चुदने की सोची और अपने घर में पापा को कॉल करके बहाना बना दिया कि मेरी स्कूटी पंक्चर हो गयी है और अभी कोई बनाने वाला नहीं है, तो आज मैं एक सहेली के घर रुक रही हूँ, कल ही आ पाऊंगी.
पापा मान गए.

फिर मैं यशवंत भैया के साथ रुक गयी, मैं उनके साथ नंगी ही मस्ती करती रही.

रात में भैया ने बाहर से खाना मंगवाया, उन्होंने दारू पी और मुझे भी दो पैग पिला दिए.
दारू के बाद हम दोनों खाना खाकर आराम करने लगे.

कुछ देर के बाद फिर से मेरी चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ.
उस रात में भैया ने रुक रूककर मुझे 4 बार चोदा और अपनी उतने दिन मुझे ना चोद पाने की कसर को पूरा कर लिया.

दूसरे दिन सुबह उठकर मैं तैयार हो रही थी, तब भैया ने मुझे एक बात बताने लगे- सौम्या, तुम चुदवा तो रही हो, पर तुमको ऐसा नहीं लगता कि कुछ और किया जाए?
उस पर मैंने बोला- आपकी बात तो सही है भैया, पर कुछ और मैं क्या कर सकती हूँ? आप ही बताएं.

तब उन्होंने मुझे मस्ती करने का एक प्लान बताया जिसे सुनकर मैं जोश में आ गयी और उनके प्लान में साथ देने को राज़ी हो गई.

रविवार के दिन मैं प्लान के हिसाब से तैयार होकर यशवंत भैया के रूम पर पहुँच गई.
और प्लान के हिसाब से ही मैंने वहां पहले अपने सूट को उतारा.

अब मैं ब्रा और पैंटी में थी.

भैया ने उन कपड़ों को भी उतारने का कहा.
मैंने अपनी ब्रा को उतारा और यशवंत भैया को दे दी.

भैया ने मेरी ब्रा के हुक को तोड़कर मुझे वापस दे दिया.
अब मैंने उसी ब्रा से अपने बूब्स को ढकने के लिए पहन लिया.

फिर मैंने संजीव भैया ने जो मुझे मेरे जन्मदिन पर फ्रॉक दिया था, उसको पहन लिया.
अब हम दोनों समस्तीपुर के रेस्टोरेंट में आ गए. उसका नाम ख़ुशी रेस्टोरेंट है.

रेस्टोरेंट के नीचे बहुत सारे रेडीमेड कपड़ों का दुकान थी और ऊपर रेस्टोरेंट था.
हम दोनों लिफ्ट में चढ़ गए.

वहां भैया ने मेरी फ्रॉक का हुक भी ख़राब कर दिया, जिस वजह से अब मेरी पीठ पूरी तरह से नंगी हो गई.
इतने में ही हम रेस्टोरेंट में आ गए.

रेस्टोरेंट में आने पर मैंने देखा कि वहां सोफा भी था, पर चूँकि सोफे पर बैठने पर मेरी नंगी पीठ नहीं दिखती, इसी वजह से हम दोनों कुर्सी पर जाकर बैठ गए.
उस समय सुबह के 11 ही बज रहे थे, जिस वजह से रेस्टोरेंट पूरी तरह से खाली था.

कुछ देर में एक वेटर हमारे खाने का आर्डर लेने आया, तो भैया ने उसे आर्डर दे दिया.
फिर मैं प्लान के हिसाब से हाथ धोने के लिए उठी और मैनेजर के पास जाकर उससे पूछा कि वाशबेसिन कहां है?

उसने बताया कि बेसिन उस साइड में है.
मैं बेसिन की ओर चल दी, मेरे पीछे की तरफ घूमते ही मैनेजर ने मेरी नंगी पीठ को देख लिया.

मेरे बेसिन के तरफ जाने के बाद उसने भैया को जाकर वो बात बताई.
भैया मेरे वापस आते ही बोल पड़े कि सौम्या तुम्हारी फ्रॉक पीछे से खुली हुई है.
मैंने अपने हाथ को पीछे किया तो सच में वो खुली हुई थी.

हालांकि हम दोनों को ही ये पता था फिर भी ड्रामा चल रहा था.
मैंने बोला- भैया मेरी ब्रा का हुक भी खुला हुआ है.

भैया मेरे पास आकर देखकर बोले- अरे ये दोनों तो टूटे हुए हैं, अब हम लोग बाहर कैसे निकलेंगे?
मैं चुप रही.

तब भैया ने मैनेजर से पूछा- नीचे दुकान में कोई ड्रेस मिल जाएगा?
मैनेजर ने बताया- हां मिल जाएगा.

भैया ने मुझे वहीं रहने का बोला और नीचे मेरे लिए ड्रेस लेने चले गए.
कुछ देर में वो मेरे लिए एक हॉट पैंट और बिना बाजू का टॉप लेकर आ गए.

फिर भैया ने मैनेजर से पूछा कि यहां कोई जगह है, जहां बेबी कपड़े बदल सके?
मैनेजर ने कहा कि नहीं सर, ये तो बस एक रेस्टोरेंट है.

भैया ने उससे आग्रह किया कि ऐसी कोई जगह बताइए, जहां जाकर ये अपनी ड्रेस पहन सके?
मैनेजर ने कुछ सोचने के बाद बताया कि बेबी सोफे के पीछे जाकर कपड़े बदल लें, तो काम हो सकता है.

भैया ने मुझे देखा तो मैंने बोला कि अब और कोई उपाय भी नहीं है, तो ठीक है. मैं वहीं जाकर ड्रेस पहन लेती हूँ.
मैं सोफे के पीछे आ गयी और मैंने अपनी फ्रॉक उतार दी. फिर मैंने अपनी ब्रा को खोल दिया. अब मैं बस पैंटी में थी.

इतने में ही वेटर हमारे खाने को लेकर वहां आ गया और उसने मुझे नग्न देख लिया.
उसके देखने पर प्लान के हिसाब से मैंने डरने का बहाना किया और उसी अवस्था में वहां से निकलकर बाहर की तरफ आ गई, जहां भैया और मैनेजर पहले से ही मौजूद थे.

अब तो मैनेजर ने भी मुझे बस पैंटी में देख लिया.

जब वो दोनों मुझे देख रहे थे, तब मुझे अहसास हुआ कि मैंने ये क्या कर दिया.

भैया भी मुझे डांटने का नाटक करते हुए बोलने लगे- ये क्या कर दिया तुमने?
मैं डर गई और रोने लगी.

मुझे ऐसा देख कर मैनेजर बात को संभालने की कोशिश करते हुए बोला- कोई बात नहीं है सर, अब जो हो गया वो हो गया. अब आप इन्हें कपड़े पहनने दो.

भैया फिर भी नहीं माने और उन्होंने थोड़ा नीचे झुककर मेरी पैंटी को भी उतार दिया.
वो बोले- जब इतना दिखा दी हो, तो ये भी दिखा दो.

उन्होंने मुझे कुछ गालियां भी दीं, पर अब मैं वहां तीन लोगों के सामने पूरी नंगी खड़ी थी.
मैं कुछ देर वैसी ही खड़ी रही.

उसके बाद तब भैया ने मुझ पर फिर से गुस्सा करते हुए कहा- क्या ऐसे ही नंगी रहोगी या कपड़े भी पहनोगी?

तब मैंने कपड़े पहन लिए.
उस ड्रेस में मैं काफी हॉट लग रही थी.

फिर हम वहां से खाना खाकर वापस आ नीचे आ गए.

मैंने भैया को बताया- मुझे तो ऐसी मस्ती करके बहुत ही ज्यादा मज़ा आया भैया, आपका प्लान बहुत मस्त था.
भैया बोले कि अब से हम दोनों कुछ ऐसी ही मस्ती किया करेंगे.

मैं ख़ुशी-ख़ुशी आगे भी मस्ती करने को तैयार हो गई.

अब मैं यशवंत भैया, संजीव भैया, भोलू और सुजय सर से हमेशा चुदवाने लगी और साथ में यशवंत भैया के साथ मिलकर मस्ती भी करने लगी.

मुझे ये सब करके बड़ा ही मज़ा आता था.
मेरी चुदाई और मस्ती का सिलसिला अभी भी लगातार ज़ारी है.

उपरोक्त कहानी न्यूड पोर्न गर्ल की अपनी सच्ची सेक्स कहानी है, इसमें कुछ भी झूठ बातें नहीं लिखी गयी हैं.

बस कहानी बहुत ज़्यादा लम्बी ना हो जाए, इसी वजह से कुछ जगह बातों को संक्षिप्त करके लिखा गया है.

अब तक की मेरी न्यूड पोर्न गर्ल चुदाई कहानी आपने पढ़ ली है. इसके लिए आपको कुछ कहना हो तो कमेंट्स में ज़रूर बताएं.
इसके साथ ही आप मुझे ईमेल के माध्यम से भी अपनी बात बता सकते हैं कि आपको मेरी चुदाई एवं मस्ती भरी सेक्स कहानी कैसी लगी.

लेखिका के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

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