चूत चुदाई की प्यासी औरत की प्यास बुझाई
वो मुझसे मिलकर बोली- सचिन मैं 2 बच्चों की माँ हूँ। मेरा पति मुझे प्यार नहीं करता.. मैं बहुत प्यासी रहती हूँ.. क्या तुम.. क्या हम कहीं ऐसी जगह मिल सकते हैं.. जहाँ सिर्फ़ हम दोनों हों?
वो मुझसे मिलकर बोली- सचिन मैं 2 बच्चों की माँ हूँ। मेरा पति मुझे प्यार नहीं करता.. मैं बहुत प्यासी रहती हूँ.. क्या तुम.. क्या हम कहीं ऐसी जगह मिल सकते हैं.. जहाँ सिर्फ़ हम दोनों हों?
दिल्ली से इंदौर के सफ़र में मुझे एक लड़की मिली, ठंड के कारण मैंने उसे अपने कम्बल में आने को कहा और उससे दोस्ती हो गई. बाद में मैंने उससे मिलाने का कार्यक्रम बनाया और मजे किये!
हमारे नए किरायेदार की बीवी मस्त थी. एक बार मैं घर पर अकेला था तो वो मेरा नाश्ता बनाने आई. मैंने उसे कपड़े देने के बहाने बाथरूम में बुलाया और चड्डी में खड़ा लंड दिखाया.
मैं होश खो चुकी थी और मेरी चूत में सनसनी सी हो रही थी, कीड़ा सा रेंग रहा था, हर पल मैं और कमज़ोर पड़ रही थी, होश खो रही थी कि अचानक उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा निकाल दी..
मैं बहुत अच्छी मालिश करता हूँ, एक बार पड़ोस वाली आन्टी ने मुझे मालिश करने के लिये कहा तो धीरे धीरे वो नंगी हो गई और हम दोनों उत्तेज्जित गए, फ़िर चुदाई तो होनी ही थी।
मैं हूँ 45 साल की गृहस्थ जीवन जी रही पति के काम सुख से वंचित औरत, मेरी स्मृतियों के झरोखों से मेरी कलम से मेरे अतीत के कुछ पन्ने पेश हैं !
पूरा लण्ड अंदर लेकर कविता आहिस्ते से मोहित के ऊपर बैठ गई और हल्के से आगे पीछे होने लगी। कुछ ही पल में मोहित का पूरा लण्ड कविता की चूत में था और कविता उसकी जमकर सवारी कर रही थी।
चुदाई के दौरान मुझ को लगा कि कम्मो की चूत सिकुड़ और खुल रही थी जैसे दूध धोने की प्रक्रिया कर रही हो, ऐसा पहले उसने कभी नहीं किया था और मुझको लगा कि यह क्रिया उसने अभी कुछ समय पहले ही सीखी होगी।
उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया, मैं कमज़ोर पड़ गई और मेरी बाँहें भी उसके चारों तरफ बँध गईं, मेरी चूचियाँ उसके चौड़े सीने में दब रही थीं और मेरी पैंटी में सुरसुराहट सी हो रही थी।
भाभी मेरे पास आकर बैठ गई.. और बोली- कोई फ़्रेंड बना रखी होगी.. उसी में मस्त रहता होगा। सच बता कि अब तक किसी के साथ कुछ.. मेरा मतलब है कि किसी के साथ सेक्स किया है?
मैंने वेसलिन ली और पिंकी की गांड में लगा दी, मैंने अपने लंड पर भी लगाई। अब पिंकी तो पेट के बल लेटी हुई थी, मैंने पिंकी की गांड में ऊँगली करी और अंदर बाहर करने लगा।
मैंने लंड को उसकी गाण्ड पर सैट करके ज़ोर लगा कर धक्का दिया जिससे लंड गाण्ड के अन्दर दाखिल हो गया 'अहह मैं मरीईई ईईई.. फट गई.. बहनचोद.. साले कुत्ते.. हरामी.. रुक ज़ाआअ.. भाई.. तुझे मेरी गाण्ड से क्या दुश्मनी है.. तू छोड़ मुझे..'
मेरे पापा की चचेरी बहन हमारे घर रहने आई हुई थी। जवानी के जोश में उसने मुझसे अपनी चूत की सील तुड़वा ली तो मैं बुआ की गांड मारने के मौके तलाशने लगा. और मौक़ा मिला भी...
दीप्ति ने मेरे पास आकर सुनील का लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। उसके मोटे लंड को पकड़ते ही मेरी चूत और भी गीली हो गई.. क्योंकि मैंने आज तक संजय के अलावा और किसी का लंड नहीं पकड़ा था।
वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हुई थी और मेरा लण्ड उसके चूतड़ों से दबा हुआ था। मेरा लण्ड अब तक खड़ा हो गया था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं पिंकी को बार-बार ‘कोई देख ना ले..’ ये कहकर और ज़ोर से खींच रहा था।
उसने मुस्कुराते हुए अपने होंठ सिकोड़े और मेरे लंड को पूरा मुँह के अन्दर भर लिया। उसने जो पूरी लम्बाई का मेरा लंड अन्दर लिया.. तो पहली बार उसे खांसी आई। 'पूरा नहीं जाता..'
मेरी बीवी ब्यूटीशीयन है, वो अपनी सहेली का मालिश करने गई तो उसने अपने पति के सामने मालिश करवाई और बाद में उसने मुझे अपने पति की मालिश करने को भी कहा।
काम में व्यस्त पति जब अपनी नई दुल्हन को चोदना भी भूल जाए तो बेचारी दुल्हन की चूत का क्या होगा? मेरे साथ कुछ ऐसा ही हुआ तो मैंने अपने पति से जोर आजमाइश की.
जब मेरी खाला(अम्मी की बहन) की लड़की मुझे पहली बार मेरे मामूजान के लड़के के निकाह में मिली थी। उस लड़की का बड़ा मन था चुदाई करवाने का.. उसने मुझे रात में अकेले में आकर कहा- आज मैं तुम्हारे साथ सोऊँगी।
'यह लड़की मुझसे चुदवाएगी' तब तक मेरे जेहन में ऐसा कोई विचार नहीं था, वो सिर्फ अच्छी लगती थी। मैंने मेरी बीवी को भी इतनी शिद्दत से नहीं चाहा था।