मेरा गुप्त जीवन- 136
सोमू यार, तुम जैसा चोदू हम को आज तक नहीं मिला। क्या चुदाई का स्टाइल है तुम्हारा, कितनी देर तक चुदाई करने की क्षमता है तुम में। उफ्फ, ऐसा चोदू हमको कभी नहीं मिल सकता।
सोमू यार, तुम जैसा चोदू हम को आज तक नहीं मिला। क्या चुदाई का स्टाइल है तुम्हारा, कितनी देर तक चुदाई करने की क्षमता है तुम में। उफ्फ, ऐसा चोदू हमको कभी नहीं मिल सकता।
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं आप लोगों की तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ जो आप ने मुझे इतना प्यार दिया… आम लोग तो प्यार से दूसरों को पलकों पे बिठाते हैं पर आप लोगों ने मुझे उससे भी ऊँचा दर्जा दिया और मुझे अपने लंड पर बिठा लिया, इसके लिए मैं आपको और आपके लंड दोनों […]
मैंने दरवाजे की साइड अनु का सिर करके नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। तभी मैंने देखा कि मौसी दरवाजे पर खड़ी हैं। मैं उन्हें दिखा कर अनु की चूत में ज़ोर से झटके मारने लगा। मौसी हैरान रह गईं और नहाने चली गईं, मैं चुदाई करने लगा।
चण्डीगढ़ की एक लड़की ने मुझे मेल करके मेरे भाई से चुदने की इच्छा जाहिर की तो मैंने भाई को मना कर उसे चोदने के लिये भेजा। वो लड़की कुंवारी थी और किसी अनजान लड़के से अपनी सील तुड़वाना चाहती थी।
घर पर पहुँचते ही अनुराधा ने मेरे ऊपर चुम्बनों की बरसात कर दी। मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था, मैंने भी उसके एक-एक कपड़े उतार कर उसको पूरी नंगी कर दिया.
उनके मस्त मम्मों को दबाते चूमते हुए मैंने भाभी की साड़ी खोल दी। फिर भाभी के पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया और पेटीकोट को उतार दिया। अब भाभी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं।
जांघों को किस करते हुए चूत तक पहुँच गई। उसकी पैन्टी के ऊपर से ही चूत को सूंघने लगी। चूत की खुश्बू सूंघ कर मैं तो बेहोश होने लगी थी.. आह्ह.. क्या नशा था उसमें..
अनु अपना मुँह मेरे लंड के पास ले आई और लंड सूंघने लगी और 2 मिनट के बाद अपनी जीभ से मेरे सुपारे को छुआ.. फिर कुछ देर अलग रही.. कुछ सोचती रही.. फिर मेरे लंड पर अपनी जीभ रख दी और धीरे-धीरे चाटने लगी
मैं अपनी बड़ी बहन के घर में रहता था तो एक दिन बहन ने उनकी युवा बेटी के कमरे की पड़छत्ती की सफ़ाई करने को कहा। मैं गया तो वहाँ क्या हुआ? इस कहानी में पढ़ें!
तभी आंटी ने आपनी गाण्ड उठा दी, मेरे लिए तो जैसे जन्नत का रास्ता खुल गया था, मैं आंटी की गाण्ड में उंगली देने लगा और आंटी अपनी गाण्ड दबवाने के साथ मेरा लौड़े को भी दबाने लगीं।
मैं मदहोश होकर अपनी चूत उठा उठा कर चुदवाने लगी, मेरे हिलते उरोजों को जेठ जी बेरहमी से मसलते हुए लम्बे-लम्बे धक्के मारते हुए मेरी चूत को चोदते जा रहे थे
मैंने उसकी स्कर्ट को उसकी कमर तक चढ़ा कर उसकी पैन्टी धीरे-धीरे उतारने लगा.. उसकी चूत मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मैंने सीधा उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और चाटने लगा..
कुछ कामिनियाँ ऐसी होती हैं जो चूत लण्ड जैसे शब्द कभी मुंह से नहीं ले सकतीं, कुछ अत्यंत शर्मीली लज्जालु होती हैं वे चुपचाप लेट कर चुदवाना पसन्द करतीं हैं, पूरी नंगी भी नहीं होतीं और अपना कोई सहयोग भी नही देतीं...
जब तुम्हारा भाई.. घर में आए और जब वो नहाने जाए.. तो तुम उससे पहले नहाने चली जाया करो.. और अपनी खोली हुई पैन्टी और ब्रा बिना धोए बाथरूम में छोड़ दो..
एक दिन मैंने क्लास में एक लड़की को मोबाईल में ब्ल्यू फ़िल्म देखते पकड़ लिया। वो बहुत गर्म हो चुकी थी तो मेरे कहने से एक दम तैयार हो गई चूत चुदवाने को!
'हाँ भाई साहब, चूत अब यह आपकी है, जब चाहो आप इसे चोद सकते हो, पर मेरे पति के सामने वैसे रहना, जैसे पहले थे, मैं नहीं चाहती कि उनको कुछ पता चले!'
जिस औरत ने मुझे चुना था, वो मुझे लेकर बिल्कुल बीच में लेट गई और मुझे अपने ऊपर लेटा लिया। बिल्कुल हमारी बगल में ही मेरी पत्नी और उसका पार्टनर लेटा हुआ था।
'और तेज तेज धक्के मारो मुझे… गाली दे के चोदो मुझे… जैसे मेरी मम्मी चुदवाती है पापा से!' वो अपनी कमर उछालते हुए तड़प कर बोली।
'तुम्हारी मम्मी को गाली सुनते हुए चुदवाना पसन्द है... कौन सी गाली देते हैं तुम्हारे पापा?' मैंने धक्के लगाते हुए पूछा।
हमने चाची को गर्भवती करने की सोची और उन्हें कॉटेज ले गये। वहाँ तो चाची बेकाबू होकर मुझसे चिपट गई, बड़ी मुश्किल से कम्मो उन्हें अन्देर ले गई, उनकी चुदाई करवाई। उनके बाद जूही दुल्हन…
उसने पीछे से मेरी गाण्ड को पकड़ते हुए क्या मस्त चोदना शुरू किया.. आह्ह.. मैं उस आनन्द को बता नहीं सकती। मैं तो अधनंगी पड़ी थी। साला खूब मजे ले रहा था.. और मैं भी रगड़वा रही थी।