सेक्स वर्कर जोड़े की कहानी

(Anal Sex Painful Story)

रत्न दत्त 2023-01-20 Comments

एनल सेक्स पेनफुल होता है. इस कहानी में पढ़ें कि एक पेशेवर गांडू ने 6 लड़कों के साथ रात बिताई तो उसके साथ क्या क्या हुआ.

मेरी पिछली कहानी
तीन अफ्रीकी लंड और एक कॉल गर्ल
में आपने पढ़ा था कि मैं एक पुरुष वेश्या (कॉल बॉय) का काम करता था, मैंने एक कॉल गर्ल संजना से शादी कर ली. हम दोनों साथ रहते थे.

हम दोनों एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पार्टी में बार में काम करते थे, पार्टी में आए मेहमान उनका फ़ोन नंबर लेते, बाद में सौदा तय होता.

मुझको एक बैचलर्स पार्टी में मेरे ग्राहक ने बुलाया तब क्या हुआ, वह पढ़ें इस एनल सेक्स पेनफुल कहानी में!

गर्मी की छुट्टियां ख़त्म हो गयी थीं.
मेरे एक जवान ग्राहक विशाल ने मुझे एक रेस्टोरेंट में मिलने को बुलाया.

विशाल काफी अमीर था.
उसने मुझे बताया कि उसकी शादी होने वाली है. उसने बैचलर्स पार्टी रखी है. ये उनके बंगले की दूसरी मंजिल पर होगी.

उसके पिता ने पार्टी में लड़कियों को लाने की सख्त मनाही कर दी थी जिस वजह से मुझे अपनी सेवाएं देनी थीं.

पार्टी में विशाल के पांच दोस्त रहेंगे. हमारा सौदा तय हो गया.
जाने के 10 हज़ार, हर बार गांड मारने के चार हज़ार, सिर्फ लंड चूसने के 2 हज़ार.

मैंने बता दिया कि सिर्फ सेफ सेक्स ही होगा. इतने जवान लड़कों के बीच अकेले जाने से पेनफुल सेक्स से मेरी हालत ख़राब हो सकती थी.
पर मेरे मन में भी रुपयों का लालच आ गया था.

मैंने संजना को नहीं बताया कि मैं इतने लोगों के बीच जा रहा हूँ.
उससे इतना ही कहा कि सुबह वापस आऊंगा.

शाम 7 बजे मैं विशाल के बंगले पंहुचा. विशाल के पिता ने आकर चैक किया, कहीं कोई लड़की तो नहीं आयी.
उन्होंने सबसे कहा कि कल सुबह ही वापस जाना, ऊपर सबके सोने का इंतजाम है.

उन्होंने दूसरी मंजिल का दरवाज़ा बाहर से बंद कर दिया.
पार्टी में शराब का काउंटर था, जो मैंने संभाला.

मैं सबको शराब सर्व करने लगा. विशाल के निर्देश अनुसार मैं सिर्फ एक गुलाबी सेक्सी पैंटी पहने हुए था.
मेरे गोल कूल्हों पर सिर्फ पैंटी की रस्सी थी.

मेरे कंधे में पारदर्शी बैग था, उसमें कंडोम और लुब्रिकेशन था.
छह लड़के चेयर पर बैठे गप्पें मार रहे थे.

सभी हसरत भरी नज़र से मेरे चिकने बदन और नवयौवना के समान चूचों को देख रहे थे.
जब मैं चलता, मेरे थिरकते कूल्हे देखकर सब उनकी तारीफ कर रहे थे.

मैं जब लड़कों के पास शराब देने जाता, लड़के मेरे शरीर पर हाथ फेर देते. मेरे चूचे दबा देते, मेरे कूल्हे थप्पड़ मारकर बजा देते.
पास ही एक पलंग था.

लड़कों ने तय किया था कि जब भी किसी को लंड चुसवाना हो या गांड मारनी हो, सबके सामने करना होगा.

एक लड़के को जोश आ गया, वह मुझे पलंग के पास ले गया.
वह पैंट उतारकर पलंग पर बैठ गया, मुझे लंड चूसने को कहा.

मैंने उसके लंड पर कंडोम लगाया उसका लंड चूसने लगा.
लड़के आवाज़ लगा रहे थे और अन्दर डालकर चूस.

उसका लंड लम्बा था, मैं लंड को गले तक डालकर चूसने लगा.
फिर उसने लंड पर लुब्रिकेशन लगाया, मुझे कुतिया की तरह पलंग के किनारे खड़ा करके खुद जमीन पर खड़े होकर मेरी गांड मारने लगा.

वह मेरे कूल्हों पर थप्पड़ भी मार रहा था.
बाकी लड़के पास खड़े होकर बोलने लगे और जोर से, फाड़ दे गांड.

दूसरे लड़के ने कंडोम लगाकर मेरे मुँह में लंड डाल दिया.
मैं गांड भी मरवा रहा था और लंड भी चूस रहा था.

छह लड़कों ने बारी बारी से मेरी गांड मारी.
कोई मुझे झुकाकर खड़ा करके गांड मारता, कोई मेरे ऊपर लेटकर.

लड़कों में चर्चा होने लगी कि संतोष अच्छा साकी है, परन्तु कोई लड़की साकी होती तो और मजा आता.

उन्हीं एक दोस्त जो शौकिया नाटक में काम करता था, वो बोला- मैं उसका इंतजाम कर सकता हूँ.

विशाल बोला- दरवाजा तो बाहर से बंद है?
उसका दोस्त मुझे कमरे में ले गया.

उसने बैग से ब्रा निकालकर मुझे पहनाया, सेक्सी पारदर्शी स्कर्ट और ब्लाउज पहनाया. मेरे सर पर विग लगाया. मेरा मेकअप किया, लाल लिपस्टिक और बिंदी लगाकर गहने पहनाए. ऊंची एड़ी का सैंडल पहनकर मैं लड़की बन गया.

अपने ग्राहकों के लिए मैंने इससे पहले भी लड़की का रूप धरा था, ऊंची एड़ी का सैंडल पहनकर चलना मुझे खूब आता था.

मैंने आईने में देखा, मेकअप बहुत अच्छा था.
मैं इससे पहले इतनी सुंदर लड़की नहीं बना था.

जब मैं कमरे से बाहर आया, कोई मुझे पहचान नहीं पाया.
दोस्त बोला- देखा मेरा कमाल, यह संतोष है.

सभी ने ताली बजाई.

दूसरा, फिर तीसरा पैग शुरू हुआ.
जब मैं शराब का पैग लड़कों को दे रहा था, यह लोग पहले से भी ज्यादा जोश से मेरे चूचे दबा रहे थे, मेरी गांड थपथपा रहे थे.

कुछ ने तो मुझे आगोश में लेकर काफी देर चूमा, होंठ चूसे.
मुझे दूसरी बार लंड चुसवाया गया और मेरी गांड मारी गयी.

मैं सब मिलाकर 12 बार चुदने से थक गया था. गांड और शरीर दुःख रहा था.
मैं नंगे ही पलंग पर लेट गया.

सभी खाना खाने लगे.
विशाल ने मुझे खाना दिया, किसी तरह मैंने थोड़ा सा खाया.

उसी कमरे में बिछे बिस्तरों पर सभी लोग सो गए.
मैं पेट के बल चादर ओढ़कर नंगा सोया था.

काफी रात कोई मेरी चादर सरकाकर मेरे कूल्हे सहलाने लगा.
मेरी नींद खुल गयी, मैं उसका इरादा समझ गया.

मैं बहुत थका था, बदन और गांड दुःख रही थी.
पर हमारे धंधे में मना नहीं करते.

मैंने अपने बैग से निकालकर उसे कंडोम दिया.

मैं पैर फैलाकर गांड ढीली करके लेट गया.
वह मेरे ऊपर लेटकर मेरी गांड मारने लगा.

एनल सेक्स पेनफुल था, थप थप की आवाज़ आ रही थी, मैं दर्द से आ आ कर रहा था.

आवाज़ सुनकर बाक़ी लड़कों की नींद भी खुल गयी.
अब सभी अपनी बारी का इन्तजार करने लगे थे.

मैंने उनसे कहा- मुझमें उठने की ताकत नहीं बची, आप लोग कृपया मेरे ऊपर चढ़कर गांड मार लें.

सभी ने एक बार फिर से मेरी गांड मारी.
सबसे कुल मिलाकर 18 बार गांड मरवाने के बाद मेरी हालत खराब थी.

मेरे कहने पर विक्रम मुझे सहारा देकर बाथरूम ले गया, मैं पैर फैलाकर चल रहा था.

सुबह मेरे अनुरोध पर, विशाल मुझे हमारी सोसाइटी के पास एक बेंच पर बैठा कर चला गया.
हम अपने घर का पता किसी ग्राहक को नहीं बताते.

मैंने संजना को फ़ोन किया.
वो ऑटो में मुझे किसी तरह घर लायी.

मैंने बिस्तर पर लेटकर कहा- मेरी गांड और बदन दुःख रहा है.
संजना ने मेरे कपड़े उतारकर देखा, मेरी गांड लाल होकर सूज गयी थी, मेरे कूल्हे पर थप्पड़ों के निशान थे.

संजना चिंतित और दुखी हो गयी, पर उसने मुझसे कुछ नहीं पूछा.
संजना ने गांड और चोटों की बर्फ से सिकाई की.

डॉक्टर ने जो मलहम संजना की गांड के अन्दर लगाने दिया था, वह बची थी.
उसने वही मलहम मेरी गांड के अन्दर लगाई.

तीन दिन रात सेवा के बाद मैं काफी स्वस्थ हो गया.
संजना ने तब मुझसे पूछा- क्या हुआ था?

सब जानने के बाद संजना ने मुझसे वादा लिया कि मैं भी लालच में ऐसा खतरा नहीं उठाऊंगा.

हमारी शादी हुए 7 साल हो गए.
नए ग्राहक नहीं आ रहे थे, कुछ पुराने ग्राहक कभी कभी हमें बुला लेते थे.

हम अपने भरोसेदार ग्राहकों के लिए कभी कभी बहुत से आसनों में लाइव सेक्स शो करते.
लाइव शो में संजना खड़ी होकर अपनी चूत में 6 इंच लम्बी पेंसिल 2 इंच अन्दर डालती, बाक़ी का 4 इंच बाहर झूलता, पर नहीं गिरता.

स्त्री और पुरुष दर्शक उसकी कसी हुई चूत का रहस्य जानने को कहते.
मैं सेक्स के दौरान बहुत देर टिकता, लोग उसका कारण भी जानना चाहते.

सेक्स शो के बाद दर्शकों को हम बताते कि यदि संजना के समान कसी चूत और संतोष के समान देर तक टिकना है, तो हमें अपॉइंटमेंट लेकर मिलें, हम आपको सिखाएंगे, आसन भी सिखाएंगे.
इस तरह से हम यौन सलाहकार बन गए, अच्छी फीस मिलती थी.

जो स्त्री पुरुष हमसे सलाह लेने आते, हम उन्हें फोरप्ले सिखाते. कैगल एक्सरसाइज चूत, गांड कसी (टाइट) हुई होने के लिए सिखाते.
आप भी इंटरनेट पर कैगल एक्सरसाइज सीख सकते हैं.

मैं और संजना सलाह लेने आए स्त्री पुरुषों को उनके प्रश्नों के उत्तर देते.
उनमें से कुछ बातें आपको बता रहे हैं.

सेक्स में कुछ भी अच्छा, बुरा या गन्दा नहीं होता, बस आपसी सहमति होनी चाहिए.
जैसे कि मूत पीना, रोल प्ले, गांड सेक्स, मुख मैथुन, बीडीएमएस (आंख बांधना, हाथ पैर बांधना, थोड़ी पिटाई, गुलाम गुलाम खेलना आदि).

इससे सेक्स में नीरसता नहीं होती.

एक ही जगह सेक्स नहीं करना, कभी बेड रूम में, कभी किचन, बाथरूम में आदि, घूमने जाने पर होटल में सेक्स का अलग ही मजा है.

चुदाई के समय बहुत से पुरुष दूसरी स्त्री की कल्पना करते हैं. बहुत सी स्त्रियां दूसरे पुरुष की.
यह कोई बुरी बात नहीं है, इससे नीरसता खत्म हो जाती है.

यदि जोड़े की आपसी सहमति हो, तो सेक्स के समय वो दूसरे स्त्री या पुरुष का नाम बोल भी सकते हैं.

सेक्स के समय लंड, चूची, चूत, गांड आदि बोलना, थोड़ी गाली देना अंतरंगता दर्शाती है.
यह हम सबके सामने नहीं बोल सकते, पर यह जोड़ों की पसंद पर निर्भर है.

पुरुष का चुदाई के समय ज्यादा देर टिकना. चुदाई के समय यदि पुरुष स्त्री के झड़ने के पहले झड़ जाता है, तो स्त्री अतृप्त रह जाती है.
बार बार ऐसा होने से स्त्री चिड़चिड़ी हो जाती है, मानसिक विकार भी हो सकता है.

जवान पुरुष यदि स्त्री के पास सेक्स के लिए जाने से पहले हस्तमैथुन करके जाए, तो ज्यादा टिक सकता है.

चुदाई के दौरान जब पुरुष को लगे वह थोड़ी देर में झड़ने वाला है, तो उसे चोदना रोककर लंड को बाहर निकालकर, लंड को जड़ के पास अपनी उंगलियों से कस कर पकड़ने से … और सांस रोकने से झड़ना टल जाता है.

जब स्त्री पुरुष को लिटाकर लंड अन्दर लेकर उछलती है, तब भी पुरुष ज्यादा टिकता है.
सेक्स की दवाई बार बार खाने से नुकसान होता है.

बहुत मोटा और लम्बा लंड ज्यादा मजा देता है, ऐसा सोचना गलत है.
मजा चूत/गांड में चोदते समय घर्षण से मिलता है.

गांड मारना या मरवाना- यदि स्त्री पुरुष सम्मति हो, तो इसमें आनन्द आता है. गांड में चूत से ज्यादा नर्व होते हैं, ठीक से गांड मरवाने में बहुत मजा आता है. बहुत से पुरुषों को भी गांड मरवाने में आनन्द आता है. परन्तु गांड में चूत के समान कोई प्रकृतिक लुब्रिकेशन नहीं होती इसलिए काफी मात्रा में लुब्रिकेशन लगाना पड़ता है.
बार बार एनिमा लेना अच्छा नहीं, पर आधा गिलास पानी गांड के छेद में छोटी पिचकारी से डालकर गांड का छेद साफ़ करना चाहिए, कम से कम तीन बार.

जिसको गांड मरवाने में मजा आता है, उसको बेइज्जत करना गलत है.

गांड को सम्भोग के लिए तैयार करना- बवासीर (पाइल्स) होने से गांड मरवाने का मजा नहीं ले सकते.

ऐसा खाना खाएं कि कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) नहीं हो. मल त्यागने से पहले गांड के अन्दर उंगली से तेल लगा लें. इससे बवासीर नहीं होता.

गांड साफ करके बिस्तर पर लेटकर उंगली में तेल लगाकर गांड में डालें, पहले एक फिर दो, तीन उंगली डालें या डलवाएं. उस समय गांड को ढीली छोड़ने का अभ्यास करें. मोमबत्ती से भी कर सकते हैं.

आस प्लग- पहले छोटा, फिर बड़ा लगाकर चलें, गांड का छेद चुदाई के लिए तैयार हो जाएगा.
पहली बार चुदाई के समय थोड़ा दुखेगा, फिर मजा ही मजा आएगा.

समलैंगिक यौन सम्बन्ध- शादी से पहले बहुत से स्त्री/पुरुषों के समलैंगिक सम्बन्ध होते हैं.
पति की कभी इच्छा हो तो बीवी उसकी गांड स्ट्रेप ऑन डिल्डो से मारे.
अपने किसी भरोसे के जोड़े से भी मदद ले सकते हैं, जिनसे कोई बीमारी का खतरा नहीं हो.

दोनों बीवियां लेस्बियन, दोनों पति गे सेक्स का मजा ले सकते हैं.

सेफ सेक्स करें, यौन बीमारी से बचने के लिए, भले ही मजा थोड़ा कम मिले. जिसका सिर्फ आप से यौन सम्बन्ध हो, उसकी गांड बिना कंडोम के मारने के बाद लंड को साबुन से धो लें.
गांड में कीटाणु सबसे ज्यादा होते हैं.

सेक्स एक शारीरिक जरूरत है.
किसी स्त्री या पुरुष की सेक्स की भूख ज्यादा होती है, किसी की कम.

सेक्स टॉय का सहारा ले सकते हैं. कुछ पति जो लम्बे समय के लिए दूसरे शहर में पत्नी से दूर रहते हैं या कुछ कारण से चुदाई ठीक से नहीं कर पाते हैं. जैसे की बीमारी आदि की वजह से, वह पत्नी की सेक्स जरूरत पूरी करने के लिए दोस्त या भाड़े से पुरुष (जिसको लोग सांड कहते हैं) का इंतजाम करते हैं.

मैंने ऐसा ही सांड बनकर कई स्त्रियों की जरूरत पूरी की है.
पति पत्नी का प्यार, दोस्ती, बाहरी सेक्स से नहीं मापना.
हम अपना उदाहरण देते हैं. परपुरुष से स्त्री (पत्नी) को गर्भवती होने से बचना जरूरी है, नहीं तो बाद में अनेक समस्याएं आती हैं.

यदि किसी स्त्री का पति सेक्स में लम्बे समय तक टिकता है, तो वह किस्मत वाली है.
पत्नी के स्खलित होने के बाद भी यदि पति चुदाई चालू रखना चाहता है और चूत और नहीं झेल सकती, तो पत्नी पति का लंड चूसकर उसका वीर्य निकाल/पी सकती है. या पेट के बल लेटकर अपनी टांगें फैलाकर, अपनी गांड अर्पण कर सकती है.
उस समय पति को अपनी उत्तेजना शांत करने के लिए सिर्फ छेद चाहिए होता है.

मेरी और संजना की शादी को आठ साल हो गए.
हम दोनों 28 के हो गए.

हमारे ग्राहक हमें अब नहीं बुलाते.
सलाह लेने वाले भी नहीं रहे.

हमें इस बात का कोई दुःख नहीं है, हमें मालूम था कि ऐसा होगा.
हमारे कुछ पुराने ग्राहकों से अब हमारा दोस्ताना सम्बन्ध है. हमने अपनी सेवाएं ईमानदारी से दीं और कई शादियां टूटने से बचाईं.

हम दोनों अभी भी इंवेट मैनेजमेंट कम्पनी में सुपरवाइजर का काम करते हैं. हमारे पास बाक़ी जिंदगी के लिए भरपूर रूपए हैं.

मेरा एक पति पत्नी से पिछले दस सालों से गहरा सम्बन्ध था. जब मैं 20 साल का था.
एक दिन उस पत्नी के पति मुझसे मिले. उनका बड़ा व्यवसाय था.

एक एक्सीडेंट के बाद पति बैसाखियों के सहारे चलते थे, सेक्स करने में असमर्थ थे.
उनका एक 15 साल का बच्चा था. उस समय पति सुमित 40, पत्नी मीनू 35 उम्र के थे.

पति पत्नी में प्रेम था, पति ने अपनी पत्नी की सेक्स जरूरत पूरी करने के लिए मुझसे कहा.
वह लोग संयुक्त परिवार में रहते थे.

पहले, पति ने पत्नी की सहेली से मदद मांगी.
सहेली अपना पति शेयर करने को राजी नहीं हुई, पर यदि कोई दूसरा मर्द मीनू की जरूरत पूरी करने के लिए मिल जाता है तो सहेली अपना एक बेड रूम देने को राजी थी.

मीनू जी से मेरी मुलाकात सहेली के घर कराई गयी.
दो बार मेरी मुलाकात सहेली के घर मीनू जी से कराई गयी.
उस समय सुमित, सहेली, उसका पति मौजूद थे.

सभी को मैं इस काम के लिए ठीक लगा.
मुझे सेफ सेक्स करना था और मीनू की को खुश रखना था.
मीनू जी को सुमित, सहेली और उसके पति ने मना लिया.

मेरी तीसरी मुलाकात मीनू जी से सहेली के बेडरूम में हुई.

पहले तो हम दोनों सकुचा रहे थे, काफी इधर उधर की बातें हुईं.
मैंने हिम्मत करके मीनू जी का हाथ पकड़कर कहा- आप बहुत सुंदर हो.

धीरे धीरे हम खुल गए.

जब मैंने मीनू जी के मस्तक और आंखों को चूमा, तो मीनू जी के सब्र का बांध टूट गया.
दो साल से वह सेक्स की भूखी थीं.

उस रात हमने दो बार घमासान यौन आनन्द लिया.

मीनू जी पूरी तरह संतुष्ट हो गईं. उन्होंने मेरा कोड नाम रखा- सांड.

तब से सुमित जी मुझे महीने में दो तीन बार फ़ोन करके बुला लेते हैं. अच्छे पैसे मिलते हैं.
जब कभी मीनू जी की इच्छा होती है, वह अपने पति को बता देती हैं.

एक बार तो मीनू जी के पति शहर से बाहर थे, मीनू जी ने अपनी सास के सामने ही पति को फ़ोन किया ‘सांड मिला क्या?’
सास ने समझा सांड को घास ख़िलाने की बात हो रही है.

मीनू जी का प्रिय खेल था, हम दोनों नंगे हो जाते.
मीनू जी मुझे चार हाथ पाव पर सांड के समान पलंग पर खड़ा करतीं और मेरी पीठ पर बैठ जातीं.
मैं पलंग पर चलता, मीनू जी खूब हंसतीं.

मीनू जी ने मुझे बताया कि एक बार उन्होंने पति को पीठ के बल लिटाया. उनके लंड को चूत में लेकर उछलना शुरू ही किया था कि पति ने उन्हें रोक दिया. पति की कमर में बहुत दर्द हो रहा था.

मैंने मीनू जी को लंड चूसना सिखा दिया.
मेरी सलाह पर जब भी सुमित की इच्छा होती, मीनू जी सुमित का लंड चूस लेतीं और वीर्य पी जातीं.

सुमित को भी इसमें आनन्द आता, उनका प्यार और बढ़ गया.

ऐसे ही दस साल बीत गए, मैंने बहुत से आसनों में मीनू जी की चूत, गांड की सेवा की.
अब मीनू जी 45 की हो गयी हैं, गठिया के कारण उनके शरीर में दर्द रहता है.

उनकी यौन की इच्छा नहीं होती.

मीनू जी, सुमित जी से मेरे दोस्ताना सम्बन्ध अब भी हैं.

मैंने और संजना ने सलाह की, हमें अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहिए.
रवि और राजेंद्र से सलाह ली.

हमने शहर से बाहर ज़मीन खरीदी, उसमें छोटा सा सुन्दर घर बनाया, गोदाम बनाया. बहुत से बर्तन खरीदे और बर्तन भाड़े में दे रहे हैं.
इसमें कमाई ज्यादा नहीं है, पर टाइम पास हो जाता है.
व्यवसाय शुरू करने में सुमित ने मेरी मदद की.

हम दोनों ने डॉक्टर से जांच कराई, हमारी सावधानी और भगवान की दया से हमें कोई यौन बीमारी नहीं हुई.
संजना ने गर्भ ना ठहरे इसके लिए कॉपर-टी लगा रखी थी, जो उसने निकाल दी.

अब हमने बच्चा पैदा करके परिवार पूरा करने का फैसला किया है.

आपको यह एनल सेक्स पेनफुल कहानी कैसी लगी, बताएं.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top