जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड- 1

(Desi Ladki X Kahani)

देसी लड़की X कहानी में तीन लड़कियां है जो जॉब के कारण एक फ्लैट लेकर रह रही हैं. तीनों सेक्स की शौकीन हैं पर शहर बदलें के कारण अपने बॉयफ्रेंडज़ से दूर थी.

दोस्तो, मेरा नाम चार्ली है. मैं कोल्हापुर, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. अभी-अभी मैंने बी.ई. पास किया है और अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ पर यह मेरी चौथी कहानी है.
जिन दोस्तों को मेरी कहानियां पढ़नी हैं, वो साईट पर मेरी कहानियां पढ़ सकते हैं.

मेरी पिछली सेक्स कहानी
भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई
के बाद मुझे काफी मेल आए. उनमें से कुछ लड़कियों के मैसेज थे और कुछ भाभियों के.

जो भी मेल मेरे पास आए, उनमें से कितनी असल में लड़कियां हैं और कितने लड़कों ने लड़की की आई-डी बनाकर मेल किया है, ये तो मैं नहीं जानता … लेकिन फिर भी जिन्होंने भी मुझे मेल किया है, मैं उन सभी का धन्यवाद करता हूँ.

मुझे बहुत सारे लड़के ऐसे भी मिले जो मुझसे कह रहे थे कि उन्हें भी मैं अपने ग्रुप में शामिल कर लूँ.
लेकिन उनको मैं कहना चाहता हूँ कि मैं कोई दल्ला नहीं हूँ, जो आप लोगों के लिए सैटिंग करता फिरूँ.

अब मैं पिछली कहानी की बात करूं, तो मैं प्यासी भाभी से सैट हो गया था.
मैरिड भाभी गांड चुदवाने के लिए मचल गई थीं.
मैंने उनकी और उनकी सहेली की चूत और गांड की चुदाई की थी.

उसमें मैंने संजना और शीना (बदला हुआ नाम) की चुदाई की थी.
उसमें मैंने लिखा था कि मैंने कैसे संजना और शीना की गांड मारी.

वो सेक्स कहानी मेरी एक फैन ने भेजी थी, जो उसकी आपबीती थी.

मैं उम्मीद करता हूँ कि आप आज की इस कहानी को भी इंजॉय करेंगे.

एक बार फिर से अपना संक्षिप्त परिचय देते हुए बताना चाहता हूँ कि मेरी हाइट 6 फीट के करीब है और शरीर औसत ही है.
मेरे लंड का साइज 6.5 इंच लंबा है, जबकि इसकी मोटाई 2.5 इंच है.

यह देसी लड़की X कहानी भी मुझे मेरी एक फैन ने भेजी है, जो उसकी आपबीती है.

एक बार मैंने उन्हें अपनी सेक्स स्टोरी की लिंक भेजी थी, जिससे वह प्रभावित हुई थीं और उन्होंने मुझे अपनी कहानी लिखने के लिए बोल दिया था.

मैंने उनकी कहानी को अपने शब्दों में ढालने का प्रयास किया है.
तो चलिए आज इस मजेदार सेक्स कहानी को उन्हीं की जुबानी सुनते हैं.

यह कहानी सुनें.

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम नव्या है. मैं असल में तो कोलकाता की रहने वाली हूं लेकिन मुझे जॉब के लिए अपनी ग्रेजुएशन के बाद पुणे आना पड़ा.

यह सेक्स घटना लगभग 5 साल पुरानी है.
हालांकि इस पहले भाग में सेक्स का अंश ना के बराबर है, पर आगे के 4 भागों में आपको भरपूर सेक्स मिलेगा.

मैं जब यहां आयी थी, उस वक्त मैं 23 साल की थी.
मेरे साथ मेरी सहेलियां भी थीं जिन्हें मेरी ही कंपनी में जॉब मिल चुकी थी.

हम सब एक साथ ही रहने वाले थे, तो मेरे घर वालों को इस बात से कोई परेशानी भी नहीं हुई.

पहले मैं अपने घरवालों के बारे में आपको बता दूं. मेरे घर में हम 4 लोग रहते हैं.
मैं, भाई, मां और पापा.

मेरे पापा और मां दोनों जॉब करते हैं. मेरी मम्मी की उम्र 47 साल है और पापा अभी 52 के हैं.
मेरा भाई रोहित मुझसे 2 साल बड़ा है.

मेरे घर वालों ने कभी भी मुझे किसी बात की रोक-टोक नहीं की; ना ही मेरे पापा ने और ना ही मेरी मम्मी ने.

मेरे सारे दोस्त कभी भी मेरे घर आ जाया करते थे और मैं सभी को अपने घर वालों से मिलवाती थी, तो किसी को इस बात से कभी प्रॉब्लम नहीं हुई.

मैं आप लोगो को अपनी देहयष्टि के बारे में भी कुछ बताना चाहूंगी.
मेरा फिगर 34-30-36 का है. मेरे बूब्स बहुत ही सेक्सी लगते हैं. मेरी कमर एकदम बलखाती हुई है, जो बहुत ही लचीली सी है.

मेरी गांड भी एकदम शोला है. जब भी मैं चलती हूं, तब मेरी गांड ठुमक ठुमक कर हिलती है, जिससे मेरे मोहल्ले के सारे लौंडे मेरे नाम से अपना लौड़ा हिलाते रहते हैं.

अब बारी आ गई है मेरी चूत की … और मेरी गांड की कसावट बताने की.

मेरी चूत की फांकें बिल्कुल कसी हुई हैं और एक दूसरे से बिल्कुल चिपकी हुई हैं.
उनकी रंगत थोड़ी सी गुलाबी और थोड़ी सी डार्क है.

मेरी गांड का छेद बिल्कुल गुलाबी है.

मेरा जो ब्वॉयफ्रेंड है, वह मेरी गांड चाटने का बहुत बड़ा वाला शौकीन है.
उसी ने मेरी चूत और मेरी गांड दोनों की सील खोल कर रखी है.

कुल मिलाकर कहा जाए तो मेरे ब्वॉयफ्रेंड के मुताबिक मैं एकदम पोर्न स्टार केडन क्रॉस के जैसी लगती हूं.
रंग रूप से भी और पूरी बॉडी से भी.

ये लड़का मेरी कॉलेज लाइफ से ही मेरा ब्वॉयफ्रेंड रहा था जो मेरा सीनियर भी था.
मैंने उसे पहले सेमेस्टर में ही हां कह दिया था.
मैं उसके साथ 3 साल तक रही.

उसका नाम रोहित था और वह कॉलेज का सबसे हैंडसम लड़का था.
वो अपने मां बाप का एकलौता लड़का था और उसने अपनी बॉडी भी बहुत अच्छी बना रखी थी.

मेरी सभी सहेलियां उसपर मरती थीं और वह मुझ पर मरता था.
उसने मेरी बहुत ऐश करवाई और मैंने भी की.

मैं उससे प्यार करती थी. वह भी मेरा बहुत ख्याल रखता था.
और रखे भी क्यों ना … मैं हूं ही ऐसी.

पर रोहित के साथ की सेक्स कहानी फिर कभी लिखूंगी.

आज मैं आपको मेरी जिंदगी का वह समय बताने वाली हूँ, जिसमें मैंने कुछ तकलीफ भी झेली और बहुत सारा मजा भी लिया.

मेरी और मेरी दो सहेलियों की कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही जॉब लग गई थी और वह भी पुणे में.
चूँकि हम तीनों अच्छी सहेलियां थीं तो हम तीनों ने एक साथ रहने का फैसला कर लिया था.

इसी वजह से मेरे घरवालों ने इस बात के लिए मना भी नहीं किया.
पहले तो मुझे अपने लिए खुद कुछ करना था और दूसरी बात मेरे पापा के रिश्तेदारों से एक पुणे में रहते थे और उनका एक फ्लैट भी था, जो खाली था. इसलिए ज्यादा कोई परेशानी नहीं हुई.

हम तीनों यहां आ गईं.
पहले 6 महीने तक तो हमारी लाइफ बहुत अच्छी चलती रही, कोई परेशानी नहीं हुई और किसी भी किस्म की टेंशन की कोई बात नहीं हुई थी.

हां एक बात ज़रूर थी कि मेरी चूत पूरी सूख गई थी … क्योंकि मुझे पुणे में किसी का लौड़ा मिला नहीं था. और ना ही वैसा कोई वक़्त हमें मिल पाता था कि हम चुदाई का मजा ले सकें.

हमें जॉब अलग अलग शिफ्ट्स में करना पड़ता था. दूसरी बात यह थी कि हम तीनों लड़कियों में यह सब बातें करना मुझे पसंद नहीं था, इसलिए जब मैं ऑफिस से निकलती थी, तभी अपने ब्वॉयफ्रेंड से बात कर लिया करती.

जब कभी वक़्त मिलता तो फोन सेक्स कर लिया करती थी. पर फिर भी जैसे चुदाई में सब होना चाहिए था, वैसा कुछ नहीं हो पा रहा था.

ये बात शुरू हुई 7 वें महीने में, जब हमारे फ्लैट के ऊपर के फ्लोर पर तीन लड़के रहने आए.
उनके नाम राकेश, सुरेश और अमित थे.

वे तीनों के तीनों एक नम्बर के हरामी लौंडे थे. उनकी तरफ देखकर ही समझ आ जाता था कि ये किस किस्म के हैं.
उनकी शक्ल से ही पूरा हरामीपन साफ़ झलकता था.

तीनों हमारे फ्लैट के बिल्कुल ऊपर वाले फ्लैट में रहने के लिए आए थे.

वो लोग अपना सब सामान नीचे से ऊपर लेकर जा रहे थे, तभी उनकी नजरें हमारे फ्लैट के ऊपर टिक गई थीं.
अब वो लोग आते जाते हमारे फ्लैट की तरफ ही देख रहे थे.

ऐसा करते हुए हमने उनको 3-4 बार देख लिया था.
पर वो तीनों इतने बेशर्म थे कि हमारे गुस्से की निगाहों से देखने के बाद भी वह हमारी तरफ ही देखे जा रहे थे.

उस दिन तो इतना ज्यादा कुछ नहीं हुआ, पर उसके बाद लड़कों की बदतमीजियां बढ़ती ही गईं.

उन तीनों का आए दिन हम तीनों पर कमेंट पास करना, गंदे गंदे इशारे करना, कुछ भी घटिया मजाक करना, यह सब चलने लगा था.

वैसे भी मुझे और मेरी सहेलियों को इस बात से कोई ज्यादा ही इतना फर्क नहीं पड़ता था. उल्टा हम जब अकेले में होती थी, तब इस बात को इंजॉय भी किया करती थी.
पर कभी-कभी उन तीनों की बदमाशियां बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती थीं और उनको सहन करना कुछ मुश्किल सा होता जा रहा था.

इतने दिनों में उन तीनों की इससे ज्यादा हिम्मत नहीं हो पा रही थी.
हम तीनों भी किसी को कुछ परेशानी ना हो, इस कारण से चुप रहतीथी और उन तीनों की हरकतों को टाल दिया करती थी.
शायद इसी बात से उनकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी.

ऐसे ही दिन जा रहे थे.
पर एक दिन कुछ ज्यादा ही हो गया.

मैं वापस अपने ऑफिस से अपने रूम पर जा रही थी और एक फ्लोर चढ़ने के बाद जब तक मेरा फ्लैट आ रहा था, तो उसमें से एक लड़का, जिसका नाम राकेश था, उसने मेरे साथ एक हरकत कर दी.

राकेश उन तीनों में से सबसे घटिया किस्म का इंसान था. वो मुझे और मेरी सहेलियों को बहुत ही गंदी नजरों से ऐसे देखा करता था, जैसे कच्चा ही खा जाएगा.

उसने उस दिन मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया.

आज राकेश ने हमारी चुप्पी का बहुत ही गलत फायदा उठा लिया था.
मैं जैसे ही उसकी बांहों में आई, उसने मेरे मम्मों को बहुत ही जोर से दबा दिया.

मैं इस हमले से बिल्कुल भी नहीं बच सकी और एकदम से सकपका गई.
अचानक हुई इस बात की वजह से मैं चिल्ला पड़ी और मुझे बहुत ही ज्यादा तकलीफ सहन करनी पड़ी.

राकेश इतना नीचे गिर जाएगा इस बात की मुझे जरा सी भी उम्मीद नहीं थी.
मैंने जैसे-तैसे करके अपने आपको उससे छुड़ाया और अपने रूम में भाग कर वापस लौट आई.

जैसे ही मैं अपने रूम में लौटी, मेरी दोनों सहेलियां रोमा और गीतांजलि दोनों ही घबरा गईं.
वो मुझे इस तरह घबराई हुई देखकर और परेशान देखकर समझ गईं कि मेरे साथ कुछ ना कुछ तो बुरा हुआ है.
उन्हें देखकर मेरे सब्र का बांध टूट पड़ा और मैं रोमा को कसके गले से लगा कर बहुत जोर जोर से रोने लगी.

यह देखकर गीतांजलि भी मेरे पास आ गई और मुझे चुप कराने की करने लगी.
पर मैं उस दिन चुप होने की बिल्कुल भी स्थिति में नहीं थी. मैं बहुत ज्यादा रो रही थी क्योंकि आज तक मेरे साथ इतना घटिया बर्ताव किसी ने भी नहीं किया था.

आज जो हरकत राकेश ने मेरे साथ की थी, उस वजह से हम तीनों का भी सब्र का बांध टूट गया था.
इस बात से रोमा इतना ज्यादा गुस्सा हो गई थी कि वह फौरन वहां से निकल कर उन तीनों लड़कों के रूम पर चली गई.

वो गीतांजलि को भी अपने साथ लेकर नहीं गई थी. गीतांजलि मेरे ही पास थी और मुझे सांत्वना दे रही थी.
वैसे भी हम दोनों को भी पता था कि वह बहुत ही गुस्से वाली लड़की है हालांकि वह बहुत ही प्यारी थी.
पर जब ऐसा कोई करेगा, तब कोई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता.
वह भी वैसी ही थी.

हम दोनों, मैं और गीतांजलि नीचे रुके थे.
तब तक ऊपर के फ्लैट से रोमा के उन तीनों लड़कों को गालियां देने और चिल्लाने की आवाज आने लगी.

इसी के साथ मैं और गीतांजलि दोनों ऊपर के फ्लैट की तरफ दौड़ गए और हम दोनों ने रोमा को वहां से नीचे चलने की बात की.
शोर सुनकर पूरी सोसाइटी के लोग नीचे खड़े हो कर तमाशा देखने लगे.
पर हमारी मदद करने कोई भी नहीं आया.

तभी रोमा ने उन तीनों लड़कों को एक ही धमकी दी कि अगर वो लोग बदतमीजी से बाज नहीं आए तो हम तीनों उनके नाम से पुलिस में कंप्लेंट कर देंगे.
इस बात पर वो तीनों लड़के बहुत ही ज्यादा घबरा गए और माफी मांगने लगे.

खासकर राकेश ने मुझसे और बाकी दोनों से भी बहुत ही ज्यादा गिड़गिड़ा कर माफी मांग ली.
फिर हमने भी उनकी माफ़ी की बात सुनकर उनको माफ कर दिया.

उस दिन के बाद से लगभग हम तीनों को उन तीन लड़कों की तरफ से कोई भी परेशानी नहीं हुई.
उल्टा जब हम तीनों कहीं बाहर जाती थीं, या बाहर से आती थीं तो उन लड़कों से मुलाकात होने लगी थी.

हम सभी में अब एक दूसरे की तरह देख कर मुस्कुराना या हाय-हैलो करना आदि सब होने लगा था.

ऐसे ही 2 महीने हो चुकने के बाद हम लोगों की उन लोगों से आप अच्छी तरह से बातें भी होने लगी थीं.
उन तीनों का व्यवहार भी हमारे प्रति आदर करने जैसा हो गया था.

खासकर राकेश मुझे बहुत ही ज्यादा इज्जत दिया करता था.
कुल मिलाकर अब ऐसा सीन हो गया था कि हम सभी छह लोग एक दूसरे से बहुत ही अच्छे तरीके से बात किया करते थे और एक दूसरे को हाय हैलो भी अच्छे से किया करते थे.

कभी हम लड़कियों को कुछ काम होता था तो हम उन तीनों में से किसी एक को भी बता दिया करती थी … या फिर उनको हमारी से कुछ हेल्प चाहिए होती थी, तब वे भी हम लोगों को यह चीज बता दिया करते थे.

ऐसे ही दिन गुजरते गए और वहां रहते रहते हमारा लगभग एक साल पूरा होने को आया था.
हम तीनों लड़कियों की हालत ऐसी थी कि हम तीनों को, खास करके मुझे, लंड एक साल से मिला ही नहीं था.

उसी दौरान एक ऐसी घटना हो गई जिसका मुझे कोई अंदेशा ही नहीं था.

हुआ यूं कि रोमा के पिता को हार्टअटैक हो गया था और उन्हें अचानक से ही एडमिट करना पड़ा था.
पिछले कुछ दिनों से गीतांजलि के पापा भी थोड़े से बीमार थे. उनको शुगर की प्रॉब्लम्स थी, तो इसी की वजह से गीतांजलि भी कहने लगी कि वह भी घर जाकर वापस आ जाएगी.

अब रोमा और गीतांजलि दोनों को अपने अपने पापा को देखने के लिए जाना पड़ा.

पर मुझे मेरे ऑफिस से काम की वजह से छुट्टी नहीं मिल पाई.
मेरा एक प्रोजेक्ट चल रहा था जिसे मुझे हर हाल में अपने कमरे में रह कर ही पूरा करके देना था.

जबकि दो दिन बाद पूरे महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की छुट्टियां शुरू होने वाली थीं.

दोस्तो, अब वो समय आ गया था जिसमें मेरे साथ कुछ हॉट होने वाला था.
चूंकि मुझे खुद लंड की दरकार थी और दोनों सहेलियों के घर चले जाने से मेरे एकाकीपन ने मुझे किस तरह से लंड नसीब कराया, वो मैं सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगी.

आपको मेरी देसी लड़की X कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मुझे मेल करें और कमेंट्स करें.
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देसी लड़की X कहानी का अगला भाग: जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड- 2

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