जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड- 2

(Hot Chut Want Fuck)

हॉट चुत वांट फक … लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड से वीडियो सेक्स कर रही थी. वो चूत में खीरा घुसाकर अपने बॉयफ्रेंड से गन्दी गन्दी बातें कर रही थी.

फ्रेंड्स, मैं नव्या आपको अपनी सेक्स कहानी में फिर से मजा देने के लिए हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
तीन सहेलियां जवानी से लदी फदी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी दोनों सहेलियां रोमा और गीतांजलि अपने अपने पिता की तबियत देखने घर चली गई थीं और मैं अपने फ्लैट में अकेली रह गई थी.

यह कहानी सुनें.

अब आगे हॉट चुत वांट फक़:

जब मेरी सहेलियां अपने घर गई थीं, तब वो ऐसा समय था जब पूरे महाराष्ट्र में गणेश जी की बड़ी धूम रहती थी.
यहां पर गणेशोत्सव बहुत बढ़िया तरीके से बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, यह तो सब आप जानते ही होंगे.

यहां पर इसी दौरान छुट्टियां भी दी जाती हैं, जिसकी वजह से हमारी पूरी सोसाइटी के बहुत से लोग, जो बाहर के राज्यों से आकर महाराष्ट्र या पुणे में काम कर रहे थे, वह सभी लोग अपने अपने घर जाने के लिए तैयारियां कर रहे थे.

मुझे राकेश से बात करने से पता चल गया था कि वे तीनों भी अपने अपने घर नहीं जा रहे हैं.
मैं अपने फ्लैट पर अकेली थी, तो मैंने फौरन से एक प्लान बनाया कि अपने ब्वॉयफ्रेंड रोहित को यहां पर बुला लूं और इन छुट्टियों में रोहित के लौड़े से अपनी चूत की खुजली मिटवा लूँ.

मैंने रोहित को फौरन से फोन कर दिया और उसे अपनी जरूरतों के बारे में अच्छे से समझा दिया.
वह भी खुश हो गया कि उसे भी बहुत दिनों के बाद में उसकी जान की चूत गांड चोदने मिल रही थी.

हम दोनों इस बात को लेकर बहुत ज्यादा खुश थे कि हम दोनों का मिलन फिर से हो जाएगा.
पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

गीतांजलि और रोमा अपने घर के लिए निकल गई थीं.
उनके जाने के दो दिन बाद मेरे घर का पाइप टूट गया, मेरे पूरे बाथरूम से पानी बाहर निकलने लगा. मैंने खुद से बहुत कोशिश की भी, पर कुछ फायदा नहीं हुआ.
पानी फैलने से रोकने के प्रयास में मैं पूरी तरह से भीग चुकी थी.

मैंने उन तीन लड़कों में से किसी एक को बुलाने के लिए आवाज दी.

उस वक़्त राकेश ही फ्लैट में मौजूद था.
वो मेरे पास आया.

उसने मुझे पानी में भीगा हुआ देखा, तो उसका लौड़ा पूरी तरह से खड़ा हो गया था, जो मैंने देख लिया.

फिर मैंने जैसे ही राकेश को दोबारा जोर से आवाज दी- क्या हुआ. मेरी मदद करो.
तब उसका ध्यान मेरी तरफ हुआ.

उसका खड़ा लौड़ा देखकर मेरी चूत में भी अन्दर से कुछ न कुछ खुजली होने लगी थी.
पर मैंने अपने आपको समझाया कि मेरा तो ब्वॉयफ्रेंड आ ही रहा है. इसका लंड देखने की क्या जरूरत है.

हालांकि गर्म चूत के चक्कर में मेरा ध्यान उसके लौड़े पर ही टिका हुआ था.
चूत को तसल्ली ही नहीं थी कि किसी के आने का इन्तजार किया जाए, उसे तो लंड से मतलब था.

राकेश के तने हुए लंड को देख कर मुझे पता चल गया था कि उसका लौड़ा अभी तनना शुरू हुआ है. चुदाई के लिए ये पूरा तन कर बहुत लंबा और बहुत ज्यादा मोटा भी हो सकता है.
मैं कुछ करना नहीं चाहती थी क्योंकि मेरा ब्वॉयफ्रेंड बहुत जल्दी मेरी चूत की खुजली मिटाने के लिए आने वाला था.

इसलिए मैंने अभी फिलहाल अपने काम से काम रखने में ज्यादा समझदारी समझी.
बस कुछ ही दिनों की बात थी जब मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझे अच्छे से रगड़ रगड़ के कर चोद देगा और मेरी पूरी तरह से खुजली मिटा देगा.

क्या करूं, पूरे एक साल से कुछ लिया नहीं था तो मेरी चूत कंट्रोल नहीं कर पा रही थी.
आज इतने टाइम बाद जब से मैंने रोहित से बात की थी, तब से ही मेरी चूत से रस टपकना शुरू हो गया था और मेरी पैंटी आगे से पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

इसका अहसास सिर्फ मुझे ही हो सकता था क्यूंकि मैं नीचे से पूरी भीग चुकी थी, तो मेरे अलावा किसी को कुछ समझ नहीं आ सकता था.
मैं भले ही खुद को समझा रही थी कि मेरा खुद का ठोकू आएगा और मेरी प्यास बुझा देगा.

मगर इस निगोड़ी चूत को कौन समझाए कि अपने और पराए लंड में जरा तो शर्म करना सीख ले.

राकेश का लौड़ा देखकर मेरी चूत अन्दर से पूरी तरह से चुदास भर चुकी थी.
मैंने अपने आपको जैसे तैसे कंट्रोल किया.

फिर जब तक राकेश मेरे घर के अन्दर आता, तब तक पूरे घर के अन्दर पानी फैल गया था.
हम दोनों ही बचते बचाते हुए बाथरूम की तरफ आए.

जब राकेश ने देखा कि पाइप पूरा फूट चुका है और पूरा पानी घर में फैल रहा है, तो उसने कोशिश की कि वह पाइप को वापस जोड़ सके.
इस कोशिश में वह पूरा ऊपर से लेकर नीचे तक भीग गया.

जब उससे यह नहीं हो पाया, तब वह बोलने लगा कि पानी का कनेक्शन ही बंद करना पड़ेगा.
मुझे भी उसकी यह बात सही लगी इसलिए मैंने भी उससे इस बात के लिए हां कर दी.

वो छत पर लगा पानी का गेटवाल्व बंद कर रहा था और वापस आकर पाइप को ठीक करने की कोशिश कर रहा था, तब तक मेरा ध्यान उसके भीगे हुए लौड़े पर ही टिका था.
उसका लंड शायद मुझे गीला देख कर पूरा अकड़ चुका था.

पर शायद राकेश इस बात को नहीं देख पाया कि मैं चोर नजरों से उसके लंड को देख रही हूँ.

फिर जब वह किसी काम से ऊपर गया और वापस नीचे आया तो मैंने फिर से उसके लंड की तरफ अपनी निगाह डाली.

जैसे ही मैंने उसकी टांगों के जोड़ को देखा तो उसका लौड़ा खड़ा हो चुका था और उस वक्त उसकी साइज़ साफ़ साफ़ समझ आ रही थी.
राकेश का लंड लगभग 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था जो उसकी पैंट में खड़ा हुआ दिख रहा था.

मुझसे रहा न गया और मेरे कंठ से अपने आप आह निकल गई.
ये आह हल्की सी थी जिसे राकेश ने नहीं सुन पाई थी.
पर मैं खुद ही एकदम से झैंप गई और अपने आपको कंट्रोल करने की कोशिश करने लगी थी.

मैं अपनी चूत को समझाने लगी कि साली रंडी जरा तसल्ली रख ले … तेरा पानी मेरा ब्वॉयफ्रेंड रोहित जल्दी ही मेरे ऊपर चढ़ कर जल्दी-जल्दी ठोक कर निकालने वाला है.

मैं इसी सोच में डूबी हुई थी कि रोहित के लौड़े से मैं एक साल के बाद अपनी प्यासी चूत चुदवाऊंगी.
जब मैं इसी सोच में डूबी हुई थी, तभी राकेश ने मुझे आवाज दी और कहने लगा- जरा इस पूरे पानी को समेटने में और साफ करने में तुम भी मेरी मदद करो न!

मैं अगले ही पल से उस पानी को समेटने और साफ करने में लग गई.
मेरा ज्यादातर ध्यान उस वक्त भी राकेश के लौड़े पर ही था और वह भी यह सब शायद कई बार देख चुका था.

मैंने भी, जब भी मेरी चोरी पकड़ी जा रही थी, उसकी तरफ मुस्कुरा कर देख लिया.
इससे उसको समझ आ गया कि मैं आज बहुत गर्म हो गई हूं और शायद उसकी बात बन सकती है.

पर मैंने उस वक्त पर उसको ज्यादा कुछ भाव नहीं दिया.
वह अपना काम जैसे कर रहा था, वैसे करने में लगा रहा.

मैं तो बस यह चाहती थी कि मेरा काम जल्दी से हो जाए और यह कमरे से बाहर निकल जाए, जिससे मैं अपनी चूत के अन्दर उंगली कर सकूं और अपनी खुजली को पूरी तरह से मिटा सकूं.
मैं उस वक्त अपने आपको बिल्कुल भी कंट्रोल भी नहीं कर पा रही थी.

फिर उसने जल्दी से ऊपर छत पर जाकर मेन कनेक्शन को पक्का बंद कर दिया था, जिससे पूरा पानी बंद हो जाए.
उसने नीचे आकर कहा कि अगले दिन किसी प्लंबर को लेकर आऊंगा, ताकि तुम्हारा पाइप ठीक हो सके.

मैंने उसे ज्यादा कुछ समझाया नहीं बस उसे जाने दिया क्योंकि मेरे अन्दर बहुत ज्यादा आग लगी हुई थी और मुझे उसको जल्द से जल्द ठंडी करना था.

उसके बाद राकेश अपने रूम पर वापस चला गया और मैं जल्दी से दरवाजा बंद करके अन्दर आ गई.
मैं अपने कपड़े उतार कर पूरी तरह से नंगी हो गई.

अब मुझे अपनी चूत के अन्दर कुछ ना कुछ तो डालना ही था.
फिर चूत में कुछ डालकर मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड रोहित को फोन करने वाली थी और उससे फोन सेक्स करने वाली थी.

मैंने अपनी चूत की खुदाई की पूरी तैयारी कर ली और अपने ब्वॉयफ्रेंड को फोन किया.
इस समय मैं उसके साथ फोन सेक्स करती हुई चूत में मोटा सा खीरा डालने का मूड बनाई हुई थी.

उधर वीडियो कॉल की घंटी जाना शुरू हुई और इधर मैंने अपनी चूत में खीरा रगड़ना शुरू कर दिया.
रोहित ने फ़ोन उठाया और मैंने जल्दी से उसे अपनी चूत दिखाते हुए काम वासना की बात कही.

वो भी मुझे पूरी तरह से गर्म करने लगा और मैं उसको दिखा दिखा कर अपनी चूत के अन्दर खीरा डालने लगी.
मैं चिल्ला चिल्ला कर खीरा पूरा अपने अन्दर लेने लगी और अपनी चूचियों को खुद से दबाने लगी.

उधर मेरा ब्वॉयफ्रेंड रोहित भी मजे ले ले कर अपना लौड़ा हिला रहा था.
पर मैं यह बिल्कुल भी नहीं जानती थी कि यह सब कुछ जो मैं चिल्ला चिल्ला कर अन्दर मजे ले रही हूं, वो सब राकेश बाहर से कान लगाकर सुन रहा है और वह भी गर्म हो चुका है.

मैंने बस अपने मजे लेने के ऊपर पूरा ध्यान दिया.

मैं मदांध रंडी सी चिल्ला रही थी- आह साले रोहित चोद दो मुझे … चोदो आह आह तेज तेज चोदो रोहित … मेरी हॉट चुत वांट फक़ … मेरी गांड को फाड़ दो तुम अपने तगड़े लौड़े से … आह मुझे रगड़ कर रख दो रोहित … मुझे हचक कर चोदो … रोहित और चोदो … आह मेरी मां चोद दो रोहित … मैं तुम्हारी रखैल बन कर पूरी जिंदगी निकाल लूँगी रोहित … मुझे चोदो बिंदास चोदो मुझे … आह आह आह अब नहीं रह सकती और मैं तुम्हारे बिना मेरी जान … आह यहां आकर मुझे अपने लौड़े से जल्दी से भर दो. मुझे तुम्हारा लौड़ा अपने मुँह में चाहिए रोहित!

इस तरह मैं बहुत ज्यादा अंडबंड बड़बड़ा रही थी और मजे ले लेकर उंगलियां और खीरा ले रही थी.

उधर से रोहित भी मुझे यही कह कह कर उकसा रहा था कि साली तू मेरी रंडी है … मैं तुझे रंडी की तरह चोदूंगा … मैं तुझे क्या …. तेरी मां को भी चोद दूंगा रंडी साली … मैं तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा … मैं तेरी गांड में अपना लौड़ा घुसा कर इतना चोदूंगा कि तेरी चाल बदल जाएगी छिनाल कुतिया मेरी रंडी कहीं की.

पता नहीं रोहित भी क्या क्या बड़बड़ा रहा था और ऐसा वक्त भी आ गया कि हम दोनों झड़ गए और मैं पूरी तरह से ठंडी हो गई.
रोहित भी पूरी तरह से ठंडा हो गया.

उसने मुझे आखिर में ‘आई लव यू …’ कहकर फोन कट कर दिया.
जैसे ही मैं झड़ी तब जाकर मुझे सुकून मिला.

मैं झड़ कर वैसी ही नंगी अपने बिस्तर में चादर में घुस कर सो गई.
मुझे कुछ भी याद नहीं रहा कि मैं कैसे सोई थी क्योंकि बहुत दिनों बाद फ्री होकर झड़ी हुई थी और पूरा मजा ले ले कर उंगली की थी.

इसी वजह से आज जैसे जान ही निकल गई थी, मैं ऐसी निढाल हो गई थी.
मैं जब उठी, तब शाम के 4:00 बज चुके थे.

उठकर मैं फ्रेश होने के लिए चली गई, पर मुझे याद नहीं था कि पानी तो ऊपर से बंद हो चुका है.
दो-तीन बकेट जो भरी हुई थीं. मैंने उसी से इस्तेमाल किया और फ्रेश हो गई.

मैंने अपने आपको ठीक किया.

मेरा ब्वॉयफ्रेंड रोहित कल सुबह आने वाला था तो मुझे अभी किसी बात की टेंशन नहीं थी.
मैं अकेली ही रूम पर इंजॉय कर रही थी.

लगभग रात के 9:30 बज गए होंगे तब तक रोहित का मुझे फोन आया और वो कहने लगा कि उसके किसी अंकल की डेथ हो चुकी है और वह अचानक से उसके मम्मी और पापा को लेकर वहां जा रहा है. तो वह मेरे पास पुणे नहीं आ पाएगा.

उसके इस तरह से फोन से मेरी खोपड़ी घूम गई.
मैं तो यहां पूरा प्लान करके बैठी थी कि वह आएगा और मुझे ठोक कर मेरी चुदास पूरी तरह से मिटा देगा.

शिट … मेरा चोदू तो बिल्कुल बकवास कर रहा था.
मैं यहां चूत चुदाई की आग में जल रही थी और वह वहां अपनी गांड मरवा रहा था अपने किसी रिश्तेदार के साथ.

मुझे उस पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था पर हॉट चुत वांट फक़ … मैं अब कुछ कर भी नहीं सकती थी.

मेरी आग बहुत ज्यादा बढ़ रही थी और मैं अपने हाथों से अपनी इस आग को ठंडी नहीं करना चाहती थी.
अब मैंने सोचा कि क्यों ना ऊपर के लड़कों से अपनी आग को ठंडी किया जाए क्योंकि एक ही बार में 3 लौड़े मुझे अपने अन्दर मिल सकते थे.

मैंने वही सब सोच कर अपने आपको इस बात के लिए पूरी तरह से रेडी किया कि मैं आज किसी भी हाल में अपने तीनों छेदों को अच्छे से ठुकवा कर ही रहूंगी.
मेरे ब्वॉयफ्रेंड पर मुझे इतना ज्यादा गुस्सा आ रहा था कि मैं अब किसी भी चीज को बर्दाश्त नहीं कर सकती थी.

अब आप ही सोचिए कि इतने दिनों से बिना लौड़ा लिए मैं बिल्कुल अकेली रह रह गई थी और वह मजे में अपना लौड़ा हिला कर खुद मजे ले लेता था, पर मुझे अपना लौड़ा नहीं दे रहा था.

मैंने अपने दिलो दिमाग में एक ही चीज ठान ली थी कि मुझे आज किसी भी हालत में लौड़ा चाहिए और मैं अपनी खुजली किसी भी हालत में एक असली लौड़े से मिटा कर ही रहूंगी. चाहे वो 4 इंच का ही लंड क्यों ना हो.
आज तो उसी से चुदवा कर रहूँगी.

मैंने ऐसी बात अपने दिमाग में ठान ली और मैं अपने छोटी सी निक्कर और ऊपर से बस एक छोटा सा टॉप पहन कर ऊपर की फ्लोर पर जाने के लिए निकलने वाली थी.
तभी मैंने सोचा कि यार यह सब नहीं करना चाहिए, ये ग़लत होगा. भावनाओं में बह कर ऐसा कोई कदम उठाना शायद मुझे आगे चल कर बहुत तकलीफ दे सकता है.

यह सोच कर मैं दरवाजे तक चली गई थी मगर वापस मुड़ आई.

मैंने जैसे तैसे अपने आपको संभाला और घरवालों से बात करने लगी, जिससे मेरा दिल चुदाई से भटक जाए और मैं नॉर्मल हो जाऊं.

पर वो कहते हैं ना कि जो नसीब में लिखा होता है, वह होकर ही रहता है. चाहे आप उसे जितना चाहे रोकने कि कोशिश कर ले.
मेरे साथ भी शायद यही होना बाकी था.

दोस्तो हॉट चुत वांट फक़ कहानी में आगे क्या हुआ, वो अगले भाग में लिखूंगी.
आप मुझे मेल व कमेंट्स करें.
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हॉट चुत वांट फक़ कहानी का अगला भाग: जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड- 3

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