जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड- 3

(Hot Desi Nude Girl Sex Kahani)

हॉट देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि बॉयफ्रेंड के धोखे के बाद लड़की की अन्तर्वासना चरम पर थी, उसे लंड और चुदाई की जरूरत थी. पर उसके पास उंगली का ही सहारा था.

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मैं नव्या एक बार फिर से अपनी गर्म चूत गांड की चुदाई के अगले भाग को लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
जवान लड़की की प्यासी चूत पे धोखा
में अपने अब तक पढ़ा था कि मैंने अपने ब्वॉयफ्रेंड रोहित को अपनी चूत फाड़ने के लिए बुलाया था लेकिन वो मादरचोद अपनी किसी दूसरी चुदरपन के कारण मेरे पास नहीं आ पा रहा था. उस वजह से मेरा मन हुआ कि ऊपर रहने वाले लौंडों से चुद लिया जाए!
पर कुछ सोच कर रह गई.

अब आगे हॉट देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी:

जैसे तैसे वह दिन गुज़र गया और अब अगला दिन हो चुका था.
जब मैं सुबह उठी तब मुझे याद आया कि मेरे घर का पानी तो बंद हो चुका है.
मैं अभी तक ना बाथरूम गई थी और ना ही फ्रेश हुई थी.

मैं अपने रूम से बाहर निकली और फिर से पूरी बिल्डिंग का एक चक्कर लगा आई कि कहीं और कोई रह रहा होगा, तो मैं उनका बाथरूम इस्तेमाल कर लूंगी.
पर मेरी सारी कोशिशें नाकाम रहीं और अंत में मुझे उन कमीनों के पास ही मदद के लिए जाना पड़ा.

मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी और ना ही मुझे कुछ और सूझ रहा था कि क्या करूं, जो इस परेशानी का हल निकाल लूं.
मैंने आखिर में जाकर उन लड़कों के रूम का दरवाजा खटखटाया तो अमित ने दरवाजा खोला.

वह मुझे देखता ही रह गया क्योंकि मैंने उनसे चुदाने के लिए कल जो ड्रेस पहनी थी, वही अभी तक मेरे ऊपर थी.
ना नीचे कोई ब्रा और ना पैंटी. ऊपर का टॉप मेरी बड़ी बड़ी चूचियां थामे था, जिसमें मेरे निप्पल दिखने लगे थे.

पर मुझे कहां सुध थी इस बात की … मैं तो सुबह उठ कर सीधे फ्रेश होने के लिए उनके पास चली गई थी.

मैंने फिर से अमित को आवाज़ दी, तो वो जैसे नींद से जाग गया और मुझसे बात करने लगा.
मैंने बताया कि मेरे बाथरूम का नल खराब हो गया है.

तभी वहां राकेश भी आ गया और उसने अमित को सारी बात बताई.
मैंने उन दोनों से कहा कि मुझे उनका बाथरूम इस्तेमाल करना है क्यूंकि पूरी बिल्डिंग में और कोई नहीं है, जिनके यहां मैं जा सकूं.

उन दोनों ने मुझे अन्दर बुलाया और उनका बाथरूम इस्तेमाल करने के लिए दिखा दिया.
मैंने अन्दर जाते हुए देखा तो उनके फ्लैट की हालत बहुत ही ज्यादा खराब थी. हर जगह पर दारू की बोतलें पड़ी थीं.

दीवारों पर सेक्सी पोस्टर चिपके हुए थे. ऐसा लग रहा था कि मैं शायद किसी कोठे पर आ चुकी हूं.
पर फिलहाल मुझे इस सबसे क्या था.
मुझे तो बस अपना काम निकालना था. तो मैं जल्दी से फ्रेश हुई.

तब तक वो तीनों बाहर हॉल में मेरा इंतजार कर रहे थे.

मैं जैसे ही वहां गई, उन्होंने मुझे चाय कॉफी के लिए पूछा.

तो मैंने मना कर दिया पर अमित ने जबरदस्ती से मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बैठा दिया और मेरे लिए चाय लेने अन्दर चला गया.

तब तक राकेश ने मुझे कुछ बिस्कुट दिए और मुझसे इधर उधर की बातें करने लगा.

मैंने ध्यान दिया कि उन दोनों का ध्यान मेरी बातों पर कम और मेरी चूचियों पर ज्यादा था.

मैंने तो उन हरामियों की नजर को पहले से ही पहचान लिया था कि यह मुझे आज बिल्कुल छोड़ने वाले तो हैं नहीं. क्योंकि उनके लौड़े बिल्कुल खड़े थे और मैं उन्हीं चीजों को देख रही थी कि यह मेरे साथ क्या करने वाले हैं.

उनकी नजरों से ऐसे लग रहा था कि यह मुझे आज तीनों मिलकर कच्चा चबा जाने वाले हैं और मेरा आज मेरा गैंग बैंग तो होना पक्का ही है.

वह मुझे ऐसे देख रहे थे कि मैं उनकी कोई शिकार हूं और वे कोई शिकारी भेड़िये हों, जो मेरे जिस्म के हर एक हिस्से को नौच नौच कर आज पूरी तरह से चबा जाने वाले हों, बर्बाद कर देने वाले हों.

अब यह सब सोचकर मेरी चूत भी गीली होने लगी थी और मैं भी उनकी ही तरह से मादक होने लगी थी.

पर मेरे दिमाग में यही ख्याल आ रहा था कि मैं बहुत ही अच्छे घर की लड़की हूं और मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड से तो चुदवाई हूं. मैं रंडियों की तरह किसी और लंड से नहीं चुदवा सकती.

ऐसा नहीं था कि मुझे लौड़ा नहीं चाहिए था … मेरी फुद्दी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

पर मैं कर भी क्या सकती थी … मेरी शर्म और हया का जो पर्दा था, वह मुझे रंडी बनने से रोक रहा था.

लेकिन कहते हैं ना कि जब एक बार पानी निकलना चालू हो जाता है, तो वह रुकता ही नहीं … और जब तक चूत की खुजली मिटती नहीं है, तब तक वह वैसे ही लौड़े के लिए तरसती रहती है.

मैं तो पहले से ही अपने ब्वॉयफ्रेंड के लौड़े के लिए तरस रही थी, पर वह चूतिया कहीं का मुझे चोदने के बजाए कहीं पर और अपनी गांड मरवा रहा था.

मैं अपनी इच्छा के विरुद्ध सोचने लगी थी कि मैं आज किसी भी हाल में चाहे जो हो जाए, यहां से चुद कर ही अपने कमरे में जाऊं.

यहां पर तो पूरे 3 लौड़े मेरी रजामंदी का इंतजार कर रहे थे. मैं हूं कि एकदम बेवकूफ अपने मजे लेने के बजाए बार बार चूत की इज्जत की सोच रही थी.

मैं इसी कशमकश में थी और यही सब मेरे दिमाग में चल रहा था.
तभी राकेश ने मेरे पास आकर मुझे अपने हाथ से हिलाया, तब मेरी निद्रा टूटी.

मैं उनकी बातों की तरफ ध्यान देने लगी. पर मेरा ध्यान तो उनके लौड़ों की तरफ ही था.
वो तीनों भी अच्छे से मेरी नजर को समझ चुके थे कि मैं क्या सोच रही हूं.

राकेश ने जब मुझे हिलाया तब वह तीनों भी मंद मंद मुस्कुरा रहे थे.

यह सब हो रहा था तब मेरी फुद्दी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मेरे लोवर को भी गीला कर रही थी.

जब मैंने यह महसूस किया तो मैंने बात बदलते हुए उनसे कहा कि मैं थोड़ा नीचे जाकर वापस आ जाऊंगी और कुछ दिनों के लिए तुम लोगों बाथरूम और टॉयलेट यूज़ करना चाहूंगी, जब तक मेरा बाथरूम टॉयलेट ठीक नहीं होता.

उन्हें भी इस बात का कोई ऐतराज भी नहीं था, वे लोग भी झट से इस बात के लिए मान गए थे.

मैं फौरन अपने रूम की तरफ निकल पड़ी कि कहीं ऐसा ना हो जाए कि मेरी गीली लोवर की वजह से जहां पर मैं बैठी थी, वहां पूरा एक दाग बन जाए और इन तीनों हरामियों को मेरी गीली फुद्दी का अंदाजा हो जाए.

मैं जैसे ही अपने रूम की तरफ बढ़ी और उनके कमरे के दरवाजे के पास ही थी, तब शायद पीछे से अमित ने मेरे लोवर पर बना हुआ गीला दाग देख लिया था.

ये दाग बहुत ज्यादा पीछे तक और आगे भी दिख रहा था.
मैं जैसे ही दरवाजा बंद करने के लिए उनकी तरफ मुड़ी तो अमित धीरे-धीरे मुस्कुरा रहा था और उसके चेहरे पर ऐसी मुस्कान थी जैसे उसने पूरी दुनिया जीत ली हो.

वह पूरी तरह से समझ चुका हो कि मैं आज बहुत ज्यादा मूड में आ चुकी हूं.

शायद ऐसा भी हो सकता था कि राकेश ने अन्दर उन दोनों को जाकर पूरी सच्चाई बता दी हो कि मैं कैसे उंगली कर रही थी.

आज मैं कितनी उत्तेजित हो चुकी थी और उनको भी उस दाग से पूरा 100 टका पता चल गया हो कि मैं बहुत ज्यादा चुदासी हो चुकी हूं; मेरे अन्दर बहुत ज्यादा खुजली हो रही है.
यह सब देखकर मेरे भी चेहरे पर एक मुस्कान सी आ गई और मैं थोड़ी सी शर्मा कर अपने रूम की तरफ भागी.

मैं जैसे ही अपने रूम में पहुंची तो पता नहीं मुझे ऐसा क्या हुआ कि मैं अपना आपा खो बैठी थी.
उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ सेक्स ही भरा हुआ था.

मैं जैसे ही अपने रूम के दरवाजे खोल कर अन्दर आई, मैंने झट से अपने कपड़े उतार दिए और दिमाग में यही सोचने लगी कि मुझे चूत के अन्दर उंगली करनी चाहिए.

मेरा ध्यान इस बात पर एक बार भी नहीं गया था कि मैंने सही से दरवाजा बंद भी किया है या नहीं.
शायद मैंने दरवाजा वैसे ही आधा खुला छोड़ दिया था. बस अटका सा कर दिया था.

मैं झट से अन्दर आई और अपने पूरे कपड़े खींचने लगे.
उस वक्त मुझे अपने बदन पर कपड़े ऐसे लग रहे थे कि जैसे मेरे पूरे बदन पर चुभ रहे हों.

मैं नंगी हुई और झट से बेड पर आ गिरी, अपनी चूत में अपनी दो उंगलियां पूरी घुसा दीं.

मुझे तब जाकर सुकून मिला जब मेरी दो उंगलियां मेरी भग को रगड़ने के लिए उतावली हो गई थीं.

उंगलियों के अन्दर जाते ही मेरी चूत से पानी पूरी तरह से बह कर मेरी जांघों तक आने लगा था.

मैंने जैसे ही अपने एक हाथ की दो उंगलियां जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करनी शुरू कर दीं, मुझे राहत मिलना शुरू हो गई.
मैं अपने दूसरे हाथ से अपने ही एक दूध को मसलने लगी थी.

अब मेरे निप्पल पूरी तरह से टाइट हो गए थे और मेरे बूब्स आसमान की तरफ़ उठ गए थे और मैं अपनी उंगलियां चूत में चलाए जा रही थी.

मुझे उस वक्त कुछ भी होश नहीं था कि मैं क्या कर रही हूं.
मैं अपने आप में ही इतनी मदहोश हो गई थी कि मुझे अब किसी दुनिया का कोई ख्याल नहीं था.

बस मुझे अब चरमोत्कर्ष चाहिए था … चाहे वह किसी भी हाल में हो जाए.
इसलिए मेरी उंगलियां अब बिल्कुल भी नहीं रुक रही थीं न ही मेरा हाथ, जो मेरे दूध पर था, वह रुक ही नहीं रहा था.

मैंने आज तक इस भावना को कभी भी महसूस नहीं किया था कि मैं इतनी ज्यादा उत्तेजित हो जाऊंगी कि मुझे खुद के ऊपर कोई नियंत्रण ही नहीं रहेगा.

मैं जैसे ही यह सब तेज तेज करने लगी थी, तभी एक फव्वारा सा मेरी चूत से छूटा और मैं इतनी ज्यादा झड़ी, जितनी आज तक अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ चूत चुदाते वक्त भी नहीं झड़ी थी.

मेरे लिए यह अहसास बहुत ही सुखद था.
मैं इस अहसास में ही इतनी मदहोश हो गई थी कि मैं कितने मिनट तक झड़ती रही, यह मुझे भी पता नहीं चला.

जब मैंने अपनी आंखें खोलीं और एक ठंडी गहरी सांस ली.

तब मुझे पता चला कि वे तीन लड़के राकेश, अमित और सुरेश मेरे दरवाजे के बाहर खड़े हैं और सुरेश अपने मोबाइल से मेरा वीडियो बना रहा है.

राकेश मुझे नंगी देख कर अपने लौड़े को सहला रहा था.
यह देखकर मेरी दुनिया ही पूरी पलट गई. ऐसा लगा मानो मेरे पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई हो.

मैं इतनी पागल थी कि मैंने अपनी उत्तेजना के चलते अपने कमरे का दरवाजा भी बंद नहीं किया था.

उस वक्त तो मैं पूरी नंगी थी, मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था और वह तीनों मुझे एक रंडी की तरह देख रहे थे.

जैसे आज मैं उनकी पर्सनल रंडी बन कर उनको मौज देने वाली हूं और मैं बस उनके लिए खिलौना हूं.
फिर जैसे ही अमित ने मुझे देखा कि मैं उन तीनों को देख चुकी हूं, वे तीनों कमरे के अन्दर आ गए और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया.

मैं कुछ करने की सोच भी नहीं पा रही थी.
तब तक राकेश मेरे पास आया और मेरा हाथ जो मेरी चूत पर था, उसको हटाते हुए अपने हाथ को मेरी चूत के दाने के ऊपर रख दिया.

मैं उनको कुछ बोल भी नहीं सकती थी और ना ही मेरे मुँह से कोई आवाज निकल रही थी.
मैं अब ऐसी सिचुएशन में थी कि ना मैं किसी चीज को मना कर सकती हूं और ना ही मैं उनका विरोध कर सकती हूं.

क्योंकि ना वह कुछ बोल रहे थे और ना मैं कुछ बोलने की हालत में थी.

जैसे ही राकेश का हाथ मेरी चूत पर पड़ा, मेरे होश तो बिल्कुल ही गुम हो गए.

मुझे तब इस बात का होश आया कि मैं उन तीनों के सामने नंगी पड़ी हूं.
फिर जब राकेश की दो उंगलियां मेरी चूत के अन्दर घुस गईं.

तब मेरे मुँह से बस आहहह निकली जो मैं छुपा भी नहीं सकी और मैं डर से कांपने लगी.

हॉट देसी न्यूड गर्ल की ऐसी हालत को देखकर अमित मुस्कुरा रहा था और सुरेश अपने मोबाइल से वीडियो बना रहा था.
मैं अब होश में आ चुकी थी तो थोड़ा सा दिखावे का विरोध करने लगी.
हालांकि मैं उनके साथ सेक्स करना चाह रही थी.

पर फिर भी मैंने राकेश का हाथ झटक दिया और उन तीनों को गालियां देने लगी.
मैंने उनसे कहा- अबे हिजड़ों तुम लोगों को शर्म नहीं है क्या कि तुम तीनों क्या कर रहे हो? मैं यहां पर अपने रूम में अकेली हूं और तुम तीनों यहां पर आकर मेरा साथ क्या करने की कोशिश कर रहे हो? मैं अभी ही पुलिस को बुला दूंगी और तुम तीनों को भी जेल में भरवा दूंगी.

मैं कुछ ऐसे ही बोल कर खत्म हुई ही थी कि राकेश मुझसे कहने लगा- वाह री छिनाल रंडी. तेरी मां को चोदूँ. हिज़ड़े की औलाद, भोसड़ी वाली … रंडी, तेरी मां भी हम लोगों से आज चुदवाएगी रंडी.

सुरेश ने उसकी बात को आगे कहना शुरू किया- रंडी कहीं की, आज तू चुपचाप हम तीनों से चुदवाएगी. तेरे सारे छेदों में आज हम अपना लौड़ा घुसाएंगे और रंडी तेरी जो खुजली है ना … जो मैं कल से देख रहा हूं, वह आज यहीं पर खत्म हो जाएगी.

यह सब सुन कर मेरे मुँह से कुछ भी नहीं निकल रहा था.
हालांकि मैं चुदासी थी और उन तीनों से चुदना भी चाहती थी, मगर अपने जीवन में ये सब पहली बार होने की वजह से मुझे थोड़ा भय लग रहा था.

दोस्तो, हॉट देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी अगली कड़ी में मैं आपको अपनी चूत गांड चुदाई की कहानी को आगे लिखूंगी. आप मुझे मेल और कमेंट्स करके बताएं कि आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लग रही है.
धन्यवाद.
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हॉट देसी न्यूड गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग: जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड- 4

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