दोस्त के पापा ने मेरी बहन चोद दी- 2

(Xxx Uncle Sex Kahani)

Xxx अंकल सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे पड़ोसी अंकल ने मेरी बुआ की जवान बेटी, जो हमरे घर आती थी, को पता कर उसकी बुर की सील तोड़ कर चोदा.

दोस्तो, मैं निशांत आपको अपनी कहानी के पहले भाग
मेरी सांवली दीदी की अनचुदी चूत
में अपने दोस्त के पापा जयसुख अंकल की वासना के बारे में बता रहा था कि किस तरह से अंकल ने मेरी बुआ की लड़की को अपने घर में बुलाया और उसे सैट करने लगे थे.

अब आगे Xxx अंकल सेक्स कहानी:

जब अंकल ने मेरी जयश्री दीदी से उसकी शादी को लेकर चर्चा की कि अब तो तुम्हारे रिश्ते की बात चल रही होगी.

तो मेरी दीदी के चेहरे पर उदासी छा गई और वो मायूस सी हो गई.
अंकल ने पूछा- क्या हुआ, तुम उदास क्यों हो गई?

इस पर दीदी बोली- मैं गोरी नहीं हूँ न … इसलिए अच्छे घर के लड़के पसंद नहीं करते हैं.
अंकल ने कहा- गधे हैं वह सब लड़के, मैं उनकी जगह होता तो तुम्हें देखते ही पसंद कर लेता.

मेरी दीदी अंकल की इस बात से मुस्कुरा दी.

और शायद अंकल ने दीदी की इस कमजोरी को भांप लिया.
वो मेरी दीदी की खूबसूरती को लेकर उसकी तारीफ़ करने लगे.

दीदी ने कहा- मैं काली हूँ न शायद इसीलिए सब मुझे नापसंद कर देते हैं.
अंकल ने कहा- वो सब उल्लू हैं. उन्हें पता ही नहीं है कि बिजली बंद कर देने के बाद कुछ भी नहीं दिखाई देता है. चाहे काली हो या गोरी हो, लेते समय कुछ फर्क नहीं पड़ता है.

इस बात को मेरी दीदी समझ तो गई थी कि अंकल के कहने का मतलब रात में चुदाई करने से है कि लौड़े के नीचे काली चूत वाली हो या गोरी लड़की हो, चुदाई में कुछ फर्क नहीं पड़ता है. पर वो सिर्फ़ मुस्कुरा कर रह गई.

थोड़ी देर में बारिश रूक गयी तो दीदी कपड़े बदल कर मेरे घर आ गयी.

उस दिन के बाद दीदी को अंकल काफी अच्छे लगने लगे.
उन्होंने दीदी की कद्र की थी, भले ही वह अधेड़ उम्र के थे.

अब दीदी आते जाते अंकल से हाई हैलो कर लेती.
अंकल की मुरझाई जवानी फिर से हरी हो गई थी.

एक दो बार अंकल दीदी के घर के पास मंडरा रहे थे तो दीदी वहां मिल गयी थी. अंकल उससे आग्रह करके एक कॉफ़ी शॉप में ले गए थे.

अंकल को लगा कि लौंडिया पटानी हो, तो उसे तोहफा भी देना पड़ता है.
इसीलिए अंकल ने दीदी को गिफ्ट भी दिये थे जो दीदी ने ना ना करते करते ले लिए थे.

एक बार मेरे स्कूल में छुट्टियां चल रही थीं; मैं सोसायटी के बच्चों के साथ छुपा छुपी खेल रहा था.

मैं नीतेश के घर के पास एक खाली मकान में छुपा था, तब मैंने दीदी को देखा वह मेरे घर से आ रही थी.

वह झट से नीतेश के घर में घुस गयी.
मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि दीदी नीतेश के घर में क्यों गयी होगी … क्योंकि नीतेश तो अपनी मम्मी के साथ वेकेशन में अपने मामा के घर गया था.
घर में जयसुख अंकल अकेले ही होंगे.

दीदी ने मुझे नहीं देखा था.
मैं भी दीदी के पीछे नीतेश के घर में गया.

दरवाजा बंद था.
मैं आसपास में देखने लगा.

बेडरूम की तरफ से कुछ आवाजें आ रही थीं तो मैं वहां पहुंचा और खिड़की से झांक कर देखने लगा.

मैंने देखा कि जयश्री दीदी और अंकल दोनों बेड पर बैठे थे.

अंकल का हाथ दीदी के कंधे पर था दोनों हंस हंस कर बात कर रहे थे.

फिर अंकल ने दीदी के होंठों पर अपने होंठ लगा दिए.
दीदी अपनी हथेलियां अंकल की नंगी पीठ पर घुमाने लगीं.

उनकी बातें मेरे कानों में सुनाई पड़ रही थीं.

फिर अंकल दीदी की कमीज के ऊपर से ही दीदी के बड़े बड़े बूब्स दबाने लगे.
दीदी उनके सर पर बालों में हाथ घुमाने लगी.

अंकल ने दीदी की कमीज और ब्रा उतरवा दी, फिर बारी बारी दीदी के दोनों दूध दबाने और चूसने लगे.

वे दीदी का पूरा मम्मा मुँह में लेने की कोशिश कर रहे थे पर बड़ा होने की वजह से नहीं ले पा रहे थे तो जोर जोर से चूस रहे थे.
अंकल कभी एक दूध को चूसते, तो दूसरे को दबाते.
कभी दूसरे को चूसते तो पहले दबाते.

दीदी बोली- जानू, मुझे देर हो रही है.
तो अंकल ने मुस्कुराते हुए अपनी लुंगी और निक्कर निकाल दिया.

अंकल का लौड़ा आठ इंच का रहा होगा.

उनका मूसल लंड देख कर मेरी हालत पतली हो गयी.
मैंने सोचा यह सांड तो मेरी कुंवारी बहन की हालत खराब कर देगा.

उन्होंने दीदी को आंखों से इशारा किया तो दीदी ने मुस्कान देकर उनके लंड को हाथ में पकड़ लिया.

दीदी ने उनके लंड पर किस किया, फिर पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी.
अंकल मदहोश से हो गए थे.

दस मिनट तक दीदी ने बड़े चाव से अंकल का लंड चूसा.
फिर दीदी अपनी सलवार और चड्डी निकाल दी और बेड पर सीधी लेट गई.

उसने अंकल को ऊपर आने के लिए बोला.
अंकल धीरे से दीदी के ऊपर चढ़ गए, वो दीदी के होंठ चूसने और बोबे मसलने लगे.

फिर एक हाथ से लंड पकड़ कर दीदी की चूत पर रगड़ने लगे.

दीदी नीचे लेटी छटपटा रही थी- जानू, जल्दी करो ना … मुझे तड़पा क्यों रहे हो?
अंकल बोले- मेरी रानी, तुझे मेरे लौड़े के लिए तड़पते देखने में मुझे बहुत मजा आ रहा है.

दीदी बोली- ऐसा मत करो, जल्दी से डाल दो मुझे देर भी हो रही है.
अंकल- अब मैं लंड तुम्हारी चूत में डाल रहा हूं, तो तुम्हें दर्द तो नहीं होगा?

दीदी- पहली बार में जब आपने अपना मूसल लंड मेरी कुंवारी चूत में जोर से डाल दिया था, तो दर्द हुआ था, पर अब बहुत मजा आता है. आप तो सांड जैसे ताकतवर हो. आप मेरे स्वामी हो. अब जल्दी से आप अपना लंड मेरी चूत में डाल कर चोदो, मुझसे अब रहा नहीं जाता है.

इसका मतलब था कि दीदी पहले भी कई बार अंकल का लंड अपनी चूत में ले चुकी थीं.
अब मेरा डर थोड़ा कम हुआ.

वाह अंकल ने भी क्या किस्मत पायी थी.

अंकल ने अब अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगे.
दीदी- आह मेरे राजा … और जोर से चोदो अपनी जयश्री को.

अंकल बोले- मेरी जान, तुमने मेरी पत्नी की जगह ले ली है, तुम मुझे जान से प्यारी हो तुम ही मेरी असली पत्नी हो.
दीदी- जानू, मैं भी आपको बहुत प्यार करती हूं आप ही मेरे पति हो.

ऐसे बकचोदी करते करते दोनों चुदाई का मजा ले रहे थे.
मेरी पैंट में भी गुदगुदी सी हो रही थी.

दस मिनट उसी तरह से चोदने के बाद अंकल हांफने लगे थे तो दीदी अंकल के ऊपर आ गयी और उछल उछल कर चुदवाने लगी.

दीदी के दोनों बड़े बड़े बोबे एक दूसरे से टकराते तो पट पट आवाज आ रही थी.
थोड़ी देर में अंकल ने बोबे अपने हाथों में पकड़ लिए.

काफी देर तक दीदी ऊपर से चुदने के बाद नीचे आ गयी और अंकल ऊपर चढ़ गए.
अब वो जोर जोर से मेरी बहन को चोदने लगे.

करीब बीस मिनट बाद अंकल दीदी पर गिर पड़े.
वे पसीने से लथपथ थे और हांफ रहे थे.
दीदी भी बेहोश जैसी होकर अंकल के नीचे दबी थी.

काफी देर ऐसे पड़े रहने के बाद अंकल दीदी के ऊपर से हटे और बाथरूम में घुस गए.
दीदी अभी भी मदहोश सी पड़ी थी. उसकी टांगों पर कुछ सफेद गाढ़ा सा प्रवाह रिस कर आ रहा था.

अंकल बाहर आए तो दीदी बाथरूम में गयी.
अब अंकल ने अपनी निक्कर और लुंगी पहन ली.
दीदी भी बाहर आकर अपने कपड़े पहनने लगी.

अंकल दीदी के पास जाकर उसे छेड़ने लगे, उसके बोबे दबाने लगे.
दीदी बोली- जानू पूरा मज़ा तो ले चुके हो, अब मुझे देर हो चुकी है. अब तो छोड़ो.
अंकल- मेरी जान, तुझे छोड़ने का मन नहीं हो रहा है.

दीदी बोली- कल मैं बाहर जा रही हूँ तीन दिन बाद ही आऊँगी.
अंकल बोले- मुझे अकेला छोड़ कर जा रही हो … ऐसा मत करो ना मेरी रानी!

दीदी बोली- अच्छा तो मुझे भी अच्छा नहीं लगता है पर जाना तो पड़ेगा. मैं जल्दी वापस आ जाउंगी.

अब तक दीदी ने कपड़े पहन लिए और दोनों एक दूसरे की बांहों में लिपट गए.
अंकल ने जाते जाते दीदी के होंठ चूम लिए और बोबे मसल दिए.

मैं सोच रहा था कि अंकल ने भी क्या किस्मत पायी है.
खुद की बीवी को चोदना नसीब न था पर आज मेरी कुंवारी दीदी उनसे चुदने को बेकरार थी.

उस दिन के बाद मैंने कइ बार अंकल और दीदी की चुदाई देखी.
एक बार मैंने यह बात दीदी को बताई कि मैं तेरे और अंकल के बारे में जानता हूं.

तो दीदी ने कहा- ये बात किसी को भी बताना मत. तू मेरा अच्छा भाई है. अब वह तुम्हारे अंकल नहीं, तुम्हारे जीजाजी हैं.
दीदी ने यह बात अंकल को बताई तो अंकल ने मुझे राजदार बना लिया.

अंकल ने मुझसे कहा कि मैं उन्हें अंकल नहीं जीजाजी कहूँ.
तब से मैं उनको जीजाजी ही कहने लगा था.

जब वह अंकल के घर पर बेडरूम में चुदाई करते, तो मैं बाहर ड्राइंग रूम में चौकीदारी करता था.

एक बार मेरे मम्मी डैड को अचानक तीन दिन कहीं बाहर जाना हुआ और मेरे स्कूल में एक्जाम थे तो मैं उनके साथ नहीं जा सकता था.
दीदी ने सामने से मेरे मम्मी डैड से कहा कि मैं यहां रूक जाऊंगी और निशांत का ख्याल रखूंगी.

मम्मी डैड के जाने के बाद कोई नहीं था तो दीदी ने मुझे बाज़ार से फूल लाने भेजा.
बाद में दीदी ने बिस्तर को फूलों से सजाया. फिर मुझे एक चिट्ठी देकर अंकल को बुला कर लाने को भेजा.

रात को खाना खाकर अंकल घर पर बहाना बना कर हमारे घर आ गए.
उन्होंने देखा कि दीदी ने मेरी मम्मी की साड़ी पहन ली है और दुल्हन की तरह सजी हुई है.

फिर दीदी अंकल को कमरे में लेकर गयी.
मैंने अंकल को आंख मारकर धीमे से कहा कि कमरे की लाइट चालू रखना.

अंकल समझ गए कि मैं उनकी सुहागरात देखना चाहता हूं.
अंकल ने भी मेरा मान रखते हुए लाइट चालू रखी.

वे दोनों अन्दर गए और एक दूसरे से लिपट गए.
कुछ ही पलों में वो दोनों नंगे हो गए और चुदाई शुरू हो गई.
रात भर में अंकल ने मेरी बहन को तीन बार चोदा.

मैंने सारी रात उनकी चुदाई देखी.

सुबह अंकल मेरी दीदी के हाथ की चाय पीकर अपने घर चले गए.

स्कूल जाने के टाईम तक मैं जागा नहीं तो दीदी मुझे जगाने आयी.

उसने हंस कर कहा- लगता है मेरे भाई ने अपनी दीदी जीजाजी की पूरी सुहागरात देखी है.
हम दोनों हंसने लगे.

दीदी बोली- तुमने देखा था ना कि तुम्हारे जीजाजी कितने ताकतवर हैं और मुझसे कितना प्यार करते हैं. अब तुम किसी को हमारी सुहागरात के बारे में बताना मत.
मैंने कहा- नहीं बताऊंगा.

फिर जब तक मेरे मम्मी डैड नहीं आए, तब तक Xxx अंकल ने मेरे घर पर आकर दीदी को चोदते रहे.
Xxx अंकल सेक्स सब दो साल चला.

फिर दीदी की शादी एक रईस घर में हो गयी और अब उसके दो बच्चे भी हैं.
उन दो में से एक बच्चे के बाप जयसुख अंकल हैं.

आज अंकल हमारी सोसायटी में नहीं रहते हैं, दीदी भी उनको भुला चुकी है.

आपको मेरी Xxx अंकल सेक्स कहानी कैसे लगी, प्लीज़ कमेंट्स करके बताएं.

लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

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